7 मई को देशभर में आयोजित नैशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रैंस टैस्ट यानी नीट की परीक्षा इसलिए सुर्खियों में रही थी कि इस में नकल रोकने के लिए निरीक्षक बेहद सख्ती से पेश आए थे. लग ऐसा रहा था मानो परीक्षार्थी आतंकवादी हों जो अपने शरीर में नकल के बजाय गोलाबारूद छिपा कर लाए हैं. तमाम परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की बारीकी से तलाशी ली गई थी. छात्रों के जूतेमोजे उतरवाए गए थे, जो छात्र पूरी बांहों की टीशर्ट पहन कर आए थे उन्हें फाड़ दिया गया, यहां तक कि और उन की बैल्ट्स व चैन्स तक उतरवा ली गई थीं.

सब से ज्यादा दिक्कत छात्राओं को हुई जिन की कान की बालियां और नाक की लौंग तक उतरवाई गईं, मेहंदी लगा कर आई छात्राओं की मेहंदी तक हटा दी गई. उन के घने बालों को भी शक की नजर से देखा गया. प्रतिबंध न होने के बाद भी कई शादीशुदा छात्राओं के मंगलसूत्र तक उतरवा लिए गए. दुपट्टा तो नीट की परीक्षा के ड्रैसकोड के तहत बाहर रखवाया ही गया, छात्राओं के हाथों और गले में बंधे धागे तक काट दिए गए.

इस कड़ाई पर हर जगह छात्रों ने एतराज जताया. केरल के कन्नूर के एक केंद्र पर तो हंगामे की सी स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक छात्रा ने उस के अंडरगार्मेंट्स उतरवाने का आरोप लगाया. एक और छात्रा को तब तक परीक्षाहाल में नहीं जाने दिया गया जब तक उस ने अपनी जींस की पैंट का मैटल बटन निकाल कर निरीक्षकों को नहीं दे दिया.

अंडरगार्मेंट्स का सच

परीक्षाएं प्रतियोगी हों या स्कूली, अंडरगार्मेंट्स अब नकल का बड़ा जरिया बनते जा रहे हैं क्योंकि इन की तलाशी लेने में निरीक्षक हिचकते हैं. बात जब लड़कियों की हो तो मामला और भी संजीदा हो उठता है. लेकिन यह सच है कि लड़कियां अंडरगार्मेंट्स पर सवालों के जवाब लिख कर ले जाती हैं. नवंबर-दिसंबर 2016 में इस आशय की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिस में दिखाया गया था कि एक लड़़की अपनी कुरती पर लिखे जवाबों को पलटपलट कर देख रही है. दरअसल, तलाशी के दौरान अंडरगार्मेंट्स आमतौर पर उतरवाए नहीं जाते, जिस का फायदा लड़कियां जम कर उठाती हैं.

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