घूसखोरी दीमक की तरह समाज की जड़ों को खोखला कर रही है. निचले तबके से ले कर ऊंची कुरसी पर बैठे सभी इस में लिप्त हैं. कानून व सरकारी तंत्र की लस्तपस्त व्यवस्था के कारण घूस लेनेदेने के तौर- तरीके बदल रहे हैं. घूस के ऐसे ही कुछ नमूने पेश कर रहे हैं भारत भूषण श्रीवास्तव.

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के गोहपारु थाने के असिस्टैंट सब इंस्पैक्टर एम एल शुक्ला को 7 मई को लोकायुक्त पुलिस, रीवा ने 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा. मारपीट के एक मामले को रफादफा करने के लिए आरोपी से यह घूस ली जा रही थी.

शाजापुर जिले के आगर मालवा के ब्लौक मैडिकल औफिसर डा. आर एल मालवीय को 9 मई को 250 रुपए की घूस लेते वक्त लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा गिरफ्तार किया गया. सेमली गांव निवासी सरकारी तौर पर घोषित एक गरीब आदमी अनवर खां की 10 वर्षीय बेटी फरजाना के कान में चांदी का घुंघरू फंस गया था, अस्पताल में इलाज के लिए ले जाने पर उक्त डाक्टर ने 450 रुपए मांगे थे.

9 मई को ही शाजापुर के गांव अकोदिया के पटवारी संतोष सोलंकी को उज्जैन लोकायुक्त ने एक किसान से 3 हजार रुपए की घूस लेते रंगेहाथों पकड़ा. घूस नामांतरण के लिए ली गई थी. सौदा कुल 8 हजार रुपए में तय हुआ था जिस में से 5 हजार रुपए पीडि़त किसान पूर्व में उक्त पटवारी को दे चुका था.उज्जैन जनपद पंचायत के सहायक मंत्री कमल सिंह सिसौदिया को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथों लोकायुक्त द्वारा पकड़ा गया. नयागांव के सरपंच नरेंद्र सिंह से यह रिश्वत एक सरकारी इमारत बनवाने की इजाजत के लिए ली गई थी. कुल सौदा 1 लाख रुपए में तय हुआ था.

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