सवाल
मेरी उम्र 43 साल है और शादी हुए 15 साल हो चुके हैं. शादी के 5-6 साल तक तो सबकुछ ठीक रहा. पति का व्यवहार मेरे प्रति प्यारभरा था, लेकिन बच्चा न होने के कारण धीरेधीरे उन का व्यवहार मेरे प्रति रूखा होता गया. मैं ने तब भी सम?ाता किया. बच्चा गोद लेने के लिए पति तैयार नहीं थे. मु?ो एक साल से शक हो रहा है कि पति के किसी दूसरी औरत के साथ संबंध हैं.
कुछेक ऐसी बातें मेरे सामने आई हैं कि मेरा शक यकीन में बदल गया है. मैं अब सम?ाता करकर के थक गई हूं. दुखभरी जिंदगी से बाहर निकलना चाहती हूं. क्या मु?ो पति से तलाक ले लेना चाहिए. अभी तक तो मैं चुपचाप सब सहती आ रही थी कि मैं पति को बच्चा नहीं दे पाई लेकिन पति का किसी और के साथ संबंध मैं बरदाश्त नहीं कर सकती. अब आप ही मु?ो सही राह सु?ाएं.
जवाब
आप के बच्चा नहीं हो पाया, कमी आप में है या पति में, यह बात आप ने नहीं बताई, क्योंकि अब तो कई तरीके हैं कि औरत बच्चा पैदा कर सकती है.
खैर, बात करते हैं आप के पति के किसी और औरत के साथ नाजायज संबंध की तो यह वाकई बरदाश्त करने लायक बात नहीं है. पति कुछ भी करे और पत्नी चुपचाप सहन करती रहे, ऐसा किसी कानून में नहीं लिखा है. पतिपत्नी के रिश्ते को बचाए रखने का काम दोनों का होता है. ताली एक हाथ से नहीं बजती. आप के पति के रवैये से लगता है कि वे अपने रिश्ते को ग्रांटेड ले रहे हैं.
जब आप को लगे रिश्ते को बचाने की सारी कोशिशें आप ही कर रही हैं. रिश्ते में रहने के लिए आप सब से अकेले ही लड़ रही हैं तब आप ये लड़ाई जीवनभर अकेले नहीं लड़ पाएंगी. वास्तविक रह कर सोचें.
आप के पति किसी और के साथ अपना सुख ढूंढ़ रहे हैं. उन्हें आप के साथ की जरूरत नहीं महसूस हो रही. वे आप के बिना रह सकते हैं. ऐसे में आप उन के साथ रहने के लिए कब तक लड़ेंगी?
आप को भविष्य भांपते हुए कड़े निर्णय लेने होंगे. एक समयसीमा तक आप जरूर रिश्ता बचाने के लिए लड़ें लेकिन उस के सकारात्मक नतीजे न आने के बाद भी यदि आप अकेली ही लड़ती रहेंगी तो अंत में नुकसान केवल आप के समय, शारीरिक व मानसिक सेहत का ही होगा.
गुस्सा, निराशा व अवसाद में आप घिर जाएंगी. याद रहे व्यक्ति दोस्ती व रिश्ते अपनी भावनाओं, अनुभवों के आदानप्रदान के लिए बनाता है. जब किसी रिश्ते में ये निरंतर व समान रूप से न हों तो ऐसे रिश्ते को ढोने का कोई औचित्य नहीं है.