इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका सिंह की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ मानहानि की शिकायत खारिज करने के एमपीएमएलए अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच ने कहा कि पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए अगर याचिकाकर्ता को कांग्रेस पार्टी या गांधी परिवार से जुड़ा बताया गया तो यह उन की मानहानि नहीं है. वर्तिका सिंह ने ईरानी पर मानहानि का आरोप लगाते हुए सुल्तानपुर एमपीएमएलए अदालत में मामला दायर किया था. 21 अक्टूबर, 2022 को विशेश अदालत ने मामले को खारिज कर दिया.

वर्तिका सिंह का आरोप था कि जब पत्रकारों ने ईरानी से याचिकाकर्ता द्वारा उन के निजी सचिव के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में पूछा तो स्मृति ईरानी ने याचिकाकर्ता को कांग्रेस का ‘मोहरा’ बताया और कहा कि उन का गांधी परिवार से सीधा संबंध है. पत्रकारों के साथ ईरानी की पूरी बातचीत का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि संबंधित बयान देने से पहले स्मृति ईरानी ने अन्य मुद्दों पर बात की और इस दौरान उन्होंने याचिकाकर्ता का नाम भी नहीं लिया.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के बारे में पूछे जाने पर स्मृति ईरानी ने कहा था कि याचिकाकर्ता का कांग्रेस से संबंध था और उस का आपराधिक इतिहास भी था. कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. पीठ ने कहा कि अगर अदालत स्मृति ईरानी के बयानों पर गौर करे तो वे एक राजनीतिक दल की आलोचना कर रही थीं और उन का याचिकाकर्ता को बदनाम करने का कोई इरादा नहीं था. इसलिए स्मृति ईरानी के खिलाफ मुकदमा नहीं बनता है. कोर्ट ने वर्तिका सिंह की याचिका को खारिज कर दिया.

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