13 अगस्त, 2023 को पूरा प्रदेश आजादी का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा था. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वीवीआईपी क्षेत्र मौल एवन्यू में रहने वाले ब्रजेश सोनी की पत्नी रूपा को प्रसव पीड़ा हो रही थी. वह अपनी पत्नी को ले कर वीरांगना झलकारी बाई महिला एवं बाल अस्पताल गया. रूपा को 4 माह का प्रसव था. उस के पेट में दर्द हो रहा था. रूपा सोनी की दोपहर करीब साढ़े 12 बजे जांच की गई. दर्द महसूस होने पर यहां से श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल गई थीं.

घर पहुंचने के पहले ही राजभवन के पास दर्द तेज हो गया. राजभवन के ही निकट सड़क के किनारे ही कुछ महिलाओं की मदद से रूपा का प्रसव हुआ. सड़क पर प्रसव का मामला सुर्खियों में आ गया.

समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने कहा, ‘एक तो उप्र की राजधानी लखनऊ, उस पर राजभवन के सामने. फिर भी एंबुलैंस के न पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला को सड़क पर शिशु को जन्म देना पड़ा. मुख्यमंत्रीजी इस पर कुछ बोलना चाहेंगे या कहेंगे? हमारी भाजपाई राजनीति के लिए बुलडोजर जरूरी है, जनता के लिए एंबुलैंस नहीं.’

सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कहा कि, ‘राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था ‘वैंटिलेटर सपोर्ट’ पर है. सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों व दावों के बावजूद वैंटिलेटर पर है. एंबुलैंस न मिलने पर रिकशे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला को राजभवन के पास सड़क पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़े तो यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक व सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत है.’

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