उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला देश का पहला ऐसा जिला बन गया है जहां सभी प्रमुख प्रशासनिक पदों पर महिलाओ की नियुक्ति हुई है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 60 किलोमीटर दूर उन्नाव जिला 35 लाख जनसंख्या वाला जिला है. करीब 4558 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस जिले में 16 विकास खंड है. करीब 68 फीसदी जनसंख्या वाले 5 तहसील हैं. कानपुर और लखनऊ जैसे 2 बडे शहरों के बीच स्थित यह जिला कानपुर के पडोस में गंगा किनारे बसा है. 6 विधानसभा बंगरमऊ, सफीपुर, मोहान, उन्नाव, भगवंतनगर और पुरवा है. उन्नाव लोकसभा क्षेत्र भी है. कानपुर के करीब होने से यहां चमडा उद्योग से जुडी कई फैक्ट्री हैं. रोजगार की नजर से उन्नाव बहुत पिछडा जिला है. यहां अपराध के मामले भी अधिक प्रकाश में आते है. पिछले कुछ सालों से अपराध के मामलों में कमी देखी जा रही है. उन्नाव कुछ समय पहले डौंडियाखेडा को लेकर चर्चा में आया था. जहां सोने की खजाना गडा होने की अफवाह फैली थी.
उन्नाव जिले की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था इस समय पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में है. यहां जिला अधिकारी डीएम के रूप में सौम्या अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी सीडीओ संदीप कौर, पुलिस अधीक्षक एसपी नेहा पांडेय, एसडीएम जसजीत कौर, एआरटीओ माला वाजपेई, उपजिलाधिकारी अर्पणा द्विवेदी, सीएमओ गीता यादव, नगरपालिका अधिकारी रोली गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी के रूप में शिरीं मसूद और जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में संगीता सिंह सेंगर यहां काम कर रही हैं.
इस तरह से उन्नाव जिले की पूरी व्यवस्था महिला अधिकारियों के हाथ में है. डीएम सौम्या अग्रवाल यहां लंबे समय से कार्यरत है. कई बार मुश्किल भरे हालात यहां आये पर अपने कौशल से सौम्या अग्रवाल ने संभाल लिया. बिना किसी विवाद के सौम्या अग्रवाल ने जिले की कमान संभाल रखी है. अब दूसरी महिला अधिकारियों का भी उनको पूरा सहयोग मिल रहा है.
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