सरकार ने नए साल के मौके पर देश के किसानों को खास तोहफा दिया है. इस का लाभ देश भर के 14 करोड़ किसान उठा सकेंगे. सरकार की इस घोषणा से मकर संक्रांति व पोंगल जैसे त्योहारों पर किसानों की खुशी दोगुनी हो गई.

नई फसल बीमा योजना को ले कर सरकार पूरी सावधानी बरत रही है, ताकि इस योजना का हश्र भी पिछली योजनाओं जैसा ही न हो जाए. पिछले 3 दशकों से चलाई जा रहीं अलग अलग फसल बीमा योजनाएं केवल 23 फीसदी किसानों तक ही पहुंच पाई हैं. इन योजनाओं में ज्यादातर उन किसानों को ही शामिल किया गया है, जिन्होंने बैंकों से कृषि लोन लिया था. इसलिए इसे फसल बीमा की जगह बैंक ऋण बीमा योजना के तौर पर ही जाना गया. प्रस्तावित मसौदे में सभी किसानों को शामिल करने के लिए इस का दायदा बढ़ाया गया है. सरकार का अनुमान है कि प्रस्तावित नई फसल बीमा योजना में 50 फीसदी से अधिक किसान शामिल हो जाएंगे. इस के लिए बीमा प्रीमियम का 90 फीसदी से अधिक हिस्सा केंद्र व राज्य सरकारें वहन करेंगी. बीमा योजना की घोषणा के बाद सब्सिडी का बोझ देख कर राज्य सरकारें विरोध जता सकती हैं. किसानों को प्रीमियम के रूप में बीमित राशि का डेढ़ से ढाई फीसदी ही देना होगा.

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