बिहार में शराबबंदी के समर्थन में 21 जनवरी को दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाने को लेकर राज्य की सियासी दलों के नानुकुर के बाद सभी झक मार कर नीतीश कुमार के साथ हो गए है. वहीं एनडीए के घटक दल हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतनराम मांझी ने मानव श्रृखंला में शांमिल नहीं होने का ऐलान कर भाजना के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. गौरतलब है कि बिहार सरकार द्वारा आयेजित मानव श्रृखंला में भाजपा ने भी शामिल होने का ऐलान कर दिया है.

जीतनराम मांझी ने शराबबंदी को तालिबानी कानून करार देते हुए मानव श्रृंखला से खुद को अलग कर लिया है. मांझी ने बताया कि शराबबंदी कानून की तरह ही मानव श्रृंखला बनाने के नीतीश कुमार का फरामन तालिबानी फरमान की तरह है. शराबबंदी कानून की वजह से करीब 20 हजार लोग जेलों में बंद हैं, जिसमें से 90 फीसदी गरीब लोग हैं. उन्हें पुलिस ने जबरन कानून में फंसा कर जेल में ठूंस रखा है. शराबबंदी कानून की ओट में गरीबों को परेशान किया जा रहा है.

12 हजार 292 किलोमीटर लंबी इस मानव श्रृंखला में 2 करोड़ लोग शांमिल होंगे. इसरो की मदद से सेटेलाइटों के जरिए मानव श्रृंखला की तस्वरें ली जाएंगी. ड्रोन कैमरों से भी तस्वीरें लेने का इंतजाम किया गया है. 21 जनवरी को दोपहर सवा 12 बजे से लेकर एक बजे तक यानि 45 मिनट तक के लिए मानव श्रृंखला बनेगी. उस दौरान सड़कों पर गाड़ियों का चलना बंद रहेगा. इमर्जेंसी गाड़ियों को इससे मुक्त रखा गया है. मानव श्रृंखला में राज्य सरकार के सभी विभागों के अफसर, मुलाजिम, ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी, स्कूलों और कौलेजों के शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता समेत गैर सरकारी कर्मचारी शामिल होंगे. पटना के जिलाधीश संजय अग्रवाल ने बताया कि मानव श्रृंखला का सेंटर पटना का गांधी मैदान होगा और वहीं से मानव श्रृंखलाओं की टहनियां निकल कर राज्य की सीमाओं तक जाएगी.

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