जनता के पैसों का नेता कैसे कैसे बेजा इस्तेमाल करते हैं, इस की ताजा मिसाल मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता सत्यदेव कटारे हैं, जिन के विदेश जा कर इलाज कराने के लिए पहले 55 लाख रुपए देने के बाद राज्य सरकार ने दोबारा 2 करोड़ रुपए मंजूर किए, तो राज्य में खासा बवाल मचा.

इस से यह भी साबित हुआ कि जनता का पैसा कल्याणकारी योजनाओं में कम और नेताओं के इलाज पर ज्यादा लुटाया जा रहा है. सत्तारूढ़ दल के नेता तो बड़ी बेरहमी से सरकारी खजाने को खाली करते ही हैं, पर अब कांग्रेसी भी इस दौड़ में शामिल हो गए हैं. हैरानी की बात यह है कि खुद सत्यदेव कटारे का करोड़ों का कारोबार है, फिर भी उन्होंने सरकार से पैसे क्यों मांगे और सरकार ने यह भारीभरकम रकम मंजूर क्यों कर दी?

इस सवाल को बदनाम व्यापम घोटाले से जोड़ कर भी देखा जा रहा है. कभी इन्हीं सत्यदेव कटारे ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर इलजाम लगाया था कि उन्होंने अपनी एक नजदीकी रिश्तेदार को व्यापम के जरीए फायदा पहुंचाया, पर एकाएक ही वे चुप हो गए, तो एक कयास यह भी लगाया गया कि कहीं यह मुंह बंद रखने की कीमत तो नहीं थी?

बवंडर मचा, तो सत्यदेव कटारे ने एक करोड़, 46 लाख रुपए चैक के जरीए सरकार को लौटा दिए, पर बचे हुए तकरीबन एक करोड़ रुपए तो खर्च कर ही डाले.

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