कहते हैं स्वच्छ घर में ही परिवार स्वस्थ रहता है. यह सही भी है. फिर मौसम चाहे कोई भी हो, हर किसी का जर्म फ्री घर रखना आवश्यक है, क्योंकि इस का प्रभाव सीधा सेहत पर पड़ता है. केवल किसी खास अवसर पर ही नहीं, बल्कि हर दिन घर की साफसफाई जरूरी है. इस से आप कई बीमारियों जैसे सांस संबंधी, कीड़े जनित रोग, वायरल फ्लू आदि से दूर रह सकती हैं.

अगर घर में बच्चे या बुजुर्ग हों तो घर का कीटाणुरहित होना बहुत ही आवश्यक है. इस से आप डाक्टर से दूर रह सकती हैं.

मुंबई के सैरिनिटी पीसफुल लिविंग की इंटीरियर डिजाइनर और कोफौउंडर, अमृत बोरकाकुटी बताती हैं कि जर्म फ्री घर का होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि आजकल कई प्रकार के वायरस अनायास ही हमारे आसपास पनप जाते हैं, जिस से कई प्रकार की वायरल फ्लू हो जाते हैं. इन का इलाज सही समय पर न होने पर ये जानलेवा भी साबित हो सकते हैं.

कुछ टिप्स पर गौर कर घर को जर्म फ्री रखा जा सकता है:

घर की नियमित साफसफाई करें. रोज थोड़ीथोड़ी सफाई करने से घर पूरी तरह जर्म फ्री हो सकता है. पोंछा और डस्टिंग के लिए अरोमा और यूक्लिप्टस के औयल का अधिक प्रयोग करें, इस से बैक्टीरिया को पनपने का मौका नहीं मिलता, साथ ही छोटेछोटे कीड़े भी मर जाते हैं.

पोंछा या डस्टिंग करने के बाद उस कपड़े को अच्छी तरह साबुन से धो कर धूप में सुखा लें. इस से पोंछा साफ रहने के अलावा दुर्गंधरहित भी हो जाएगा.

किचन और बाकी कमरों के लिए अलगअलग पोंछा रखें. इस से घर हाइजिनिक बना रहता है. पोंछे के पानी में फ्लोर क्लीनर लिक्विड का प्रयोग जरूर करें. सब से ज्यादा कीटाणु फर्श पर ही पनपते हैं.

किचन घर का खास हिस्सा होता है, जहां कीड़ेमकोड़े आसानी से जन्म लेते हैं. ऐसे में खाना बनाने के बाद किचन की अच्छी तरह सफाई करें. जूठे बरतनों को उसी समय धो लें. अगर आप के बरतन अगले दिन कामवाली धोती है, तो सभी जूठे बरतनों को पानी से धो कर एक गमले में डिटर्जैंट पाउडर और

पानी डाल कर भिगो कर रखें. गंदे बरतनों के प्रति कीड़े अधिक आकर्षित होते हैं.

जहां अधिक नमी होती है वहां बैक्टीरिया, फफूंद और दूसरे कीड़ेमकोड़े आसानी से पनपते हैं और फिर दूसरी जगहों में भी फैल जाते हैं. ऐसे में इन जगहों से नमी को दूर भगाने के लिए पोंछा लगाने के बाद पंखा चला दें. इस के अलावा कमरे का वैंटिलेशन भी सही रखें.

बिस्तर और टौवेल को गरम पानी और डिटर्जैंट से नियमित धोएं, ताकि ये जर्म फ्री रहें.

परदे और पंखों की सफाई वैक्यूम क्लीनर से महीने में एक बार अवश्य करें. अधिकतर इन जगहों पर धूलमिटटी आसानी से जमा हो जाती है और फिर कीटाणु आकर्षित होते हैं.

किसी भी बरतन या बालटी में पानी अधिक दिनों तक जमा न रखें. इस से मच्छर और कीड़े जन्म लेते हैं. 1-2 दिन में पानी का प्रयोग कर साफ पानी भरें.

अगर घर में बच्चे या बुजुर्ग हों तो अधिक केयर जरूरी है, क्योंकि उन्हें कोई भी बीमारी जल्दी लगती है. साफसफाई के बाद अरोमायुक्त कैंडल या अगरबत्ती जलाएं.

बाथरूम और वाश बेसिन की सफाई भी नियमित करें. इस के लिए ब्लीच की जगह साबुन और पानी ही सही रहता है.

टाइल्स की सफाई के लिए किसी डिटर्जैंट पाउडर और पानी का इस्तेमाल करें. अगर कहीं मैल अधिक जमा हो तो उसे पुराने ब्रश और साबुन की सहायता से रगड़ कर साफ करें.

दरवाजे खिड़कियों को सप्ताह में एक दिन साबुन पानी से धो कर सूखे कपड़े से पोंछ लें. ताकि उन पर धूलमिट्टी जमा न हो और कीड़े न पनपें.

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