New Trend : आजकल लोगों के घरों में फर्नीचर, परदे, तकिए, दीवार का रंग सबकुछ ग्रीन हो चला है. लोगों की सोच यह है कि ऐसा करना हमारे पर्यावरण के लिए फायदेमंद साबित होगा. इन सब से वातावरण, पर्यावरण का लाभ भले न हो लेकिन यह दिखावे के काम खूब आता है.
वर्ष 2025 के इंटीरियर ट्रैंड में ग्रीन टौप पर है. इस की सब से बड़ी वजह लगातार गरमी का बढ़ते जाना है. लोगों की सोच यह है कि छोटेछोटे पौधे, बोनसाई और ग्रीन कलर का ज्यादा प्रयोग करने से वातावरण में गरमी से बचा जा रहा है. ऐसे में ग्रीन दिखने वाली चाहे नैचुरल हों या फैक्ट्री में बनी चीजें, मंहगी होती जा रही हैं. इंटीरियर में पौधों और दीवार पर चढ़ने वाली बेल, फूल वाले पौधे, बोनसाई मंहगी हो गई हैं. जो पौधे और बीज नर्सरी जैसी दुकानों पर मिल जाते हैं वे अब औनलाइन भी बिक रहे हैं.
इंटीरियर में इस ग्रो ग्रीन से पर्यावरण पर फर्क नहीं पड़ता, यह दिखावा बन गया है. यह इंटीरियर दिखने में भले किफायती हो लेकिन रखरखाव और कीमत में यह महंगा होता है. हर किसी की चाहत होती है कि उस के घर का लुक पड़ोसी के घर से अलग दिखे. ऐसे में वह किसी न किसी प्रकार से खुद के घर, इंटीरियर और गाड़ी की किसी न किसी तरह से तारीफ करता रहता है. कम कीमती और गंवई सा दिखने वाला इंटीरियर मंहगा पड़ता है क्योंकि इस को जल्दीजल्दी बदलना पड़ता है, देखभाल भी इस की अधिक करनी होती है.
ग्रीन का ट्रैंड क्यों
इंटीरियर डिजाइन में हरे रंग का प्रभाव अधिक है. असल में यह रंग मानव मन और भावनाओं को अच्छा लगता है. हरा रंग प्रकृति और ताजगी से जुड़़ा हुआ है. इस से शांत वातावरण बनता है. यह रंग तनाव और चिंता को कम करता है. हरे रंग से घर की सजावट करने से इंटीरियर डिजाइन नैचुरल और खुशी का अनुभव कराता है. हरे रंग के अलगअलग शेड्स किसी इंटीरियर स्पेस के माहौल पर अलग प्रभाव डालते हैं. मिंट ग्रीन जैसे हलके शेड्स एक उज्ज्वल और हवादार एहसास पैदा करते हैं. फौरेस्ट ग्रीन जैसे गहरे शेड्स कमरे में गहराई का आभास कराते हैं.
हरा रंग एक बहुमुखी रंग है जिस में विभिन्न शेड्स होते हैं जो हर जगह पर अलग एहसास जगाते हैं. सीफोम ग्रीन जैसे हलके शेड शांति का एहसास कराते हैं. लाइम ग्रीन जैसे चमकीले शेड एनर्जी से जोड़ते हैं. इंटीरियर डिजाइन में हरे रंग के फर्नीचर को भी अब शामिल किया जा रहा है. हरे रंग के सोफे, कुरसियां या सजावटी सामान एक आकर्षक माहौल बनाते हैं. हरे रंग के तकिए, परदे या गलीचे भी देखने में काफी कूल लगते हैं. कूल लुक के लिए हरे रंग के अलगअलग शेड्स प्रयोग किये जा सकते हैं.
हरे रंग के फर्नीचर को शामिल करते समय, ऐसे टुकड़े चुनें जो मौजूदा रंग पैलेट को साथ दें. हरे रंग का सोफा या एक्सेंट कुरसी प्रयोग करें. रंग के साथ अलगअलग डिजाइन भी लुक को निखारते हैं. हरे रंग की सजावट लिविंग स्पेस को बड़ा दिखाती है. हरा रंग घर के अंदर नैचुरल माहौल रखता है. हरे रंग के तकिए, परदे, गलीचे या पौधे लगाने से कमरे में जीवंत माहौल बनता है. दीवार पर हरे रंग का पेंट लगाने से एक स्टेटमैंट वौल बन सकती है. इस से कमरे में एक नयापन आता है. हरे रंग के वौलपेपर भी बेहतर होते हैं.
अलगअलग कमरों में हरे रंग का अलग इस्तेमाल किया जा सकता है. लिविंगरूम में हरा रंग शांत और ताजगीभरा माहौल ला सकता है. बेडरूम में यह आराम और नींद को बढ़ावा देता है. रसोई में यह ताजगी दिखाता है. बाथरूम में शांत और तरोताजा माहौल बनाने में मदद करता है. तौलिए, शावर परदे या पौधे जैसे हरे रंग पंसद किए जा रहे हैं. हलका पुदीना हरा हो या पन्ना हरा जैसा गहरा शेड, सभी शरीर और मन दोनों को तरोताजा महसूस कराते हैं.
ग्रीन इंटीरियर में बढ़ता लकड़ी का प्रयोग
ग्रीन इंटीरियर में रंग के बाद दूसरे नंबर पर सब से ज्यादा लकड़ी का प्रयोग किया जा रहा है. ग्रो इंटीरियर में वुडन स्टाइल का प्रयोग अधिक हो रहा है. कई तरह की लकड़ियां प्रयोग में आने लगी हैं. वुडेन की दीवारें, सीढ़ियां और फर्श में इन का प्रयोग होता है. वुडन इंटीरियर में लकडी़ होने से यह मंहगा पड़ता है. लकड़ी कई तरह की होती हैं. नौर्मल दरवाजे की बात करें तो लोहे का छोटा दरवाजा 2,200 रुपए का बनाबनाया आता है. अगर वुडन का दरवाजा चाहिए तो पहले फ्रेम लगेगा. इस के बाद प्लाई या लकड़ी का दरवाजा लगेगा. जिस के फिट करने का खर्च अलग से होगा. लकड़ी का दरवाजा 10 से 12 हजार रुपए का पड़ता है.
ग्रीन इंटीरियर की तीसरी सब से बड़ी जरूरत सजावटी पौधे, लौन, गार्डन और ग्रीन केज बनाने वाले पौधे, बेल और झाड़ियां होती हैं. अब ये पौधे नर्सरी से ले कर औनलाइन बिकने लगे हैं. शहरों में तमाम नर्सरियां खुल गई हैं. एक पौधा 100 रुपए से ले कर 700 रुपए तक में मिलता है. सजावटी पौधे साइज के हिसाब से कीमती होते हैं. पाम के पौधे बहुत प्रयोग किए जा रहे हैं. पाम के पौधे अलगअलग किस्म के होते हैं.
अगर घर में बड़ा लौन नहीं बन पा रहा है तो लोग छोटा सा ही सही मगर लौन बनवा रहे हैं. इस में मखमली घास हर कोई चाहता है. अगर नैचुरल घास नहीं है तो आर्टिफिशियल घास को लोग लगवा लेते हैं. किचन गार्डन के बाद लौन ही ऐसी चीज है जिस का दिखावा खूब हो रहा है. गार्डन में फलदार वृक्ष है तो उस का एक भी फल ईनाम जैसा लगता है. इन सब को संभालने के लिए माली भी रखना होता है, बाकी खर्च भी होते हैं, जैसे मिट्टी, खाद, कीटनाशक, पानी और सिंचाई आदि. इन सब से वातावरण या पर्यावरण को कोई फायदा चाहे न हो लेकिन यह शोऔफ करने के लिए खूब है, लोगों को इस से संतुष्टि भी मिलती है.