मध्य प्रदेश, भोपाल में जन्मी ऐशा सिंह ने टीवी धारावाहिक ‘इश्क का रंग सफेद’ से अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की. उसे बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी और फिल्में देखना पसंद करती थी. उस ने भोपाल में 15 साल की उम्र में ‘मिस टीन’ का खिताब जीता था. यहीं से उसे लगा कि वह अभिनय के क्षेत्र में जा सकती है. इस के अलावा बचपन में वह अपनी गुडि़या के साथ बातें करती और उस के सामने संवाद बोलती थी. उस के इस शौक को आगे लाने में उस के मातापिता ने सहयोग किया व उसे इस क्षेत्र में कैरियर बनाने की आजादी दी.

स्वभाव से नम्र और हंसमुख ऐशा के पिता पंकज सिंह एक व्यवसायी हैं और उस की मां रेखा सिंह एक प्ले स्कूल चलाती हैं. उस का एक छोटा भाई रुद्राक्ष है. अभी ऐशा मुंबई में रहती है और उस के साथ उस की मां और भाई रहते हैं. हालांकि ऐशा ने अपने पहले धारावाहिक में एक विधवा की भूमिका निभाई थी, इस भूमिका को करने के लिए उसे कई लोगों ने मना भी किया था, पर उस धारावाहिक में उस के काम की प्रशंसा की गई. इन दिनों ऐशा जी टीवी के धारावाहिक ‘एक था राजा एक थी रानी’ में रानी की मुख्य भूमिका निभा रही है. उस से बात करना रोचक था. पेश हैं उस से हुई बातचीत के मुख्य अंश :

इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा आप को कहां से मिली?

बचपन से ही मेरे अंदर अभिनय का कीड़ा कुलबुला रहा था. मुझे याद है, मैं जब 10-11 साल की थी, अपनी डौल को ले कर ऐक्ंिटग किया करती थी. इस के बाद 14 साल की उम्र में भोपाल में मैं ने कुछ थिएटर किए. जब मैं 16 साल की हुई तो लगा कि मुझे ऐक्टिंग के लिए मुंबई जाना चाहिए.

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