पिछले कई महीनों से मेरे वो (पतिदेव) परेशान दिखाई दे रहे थे. एक तो उन की कोई मल्टीनैशनल कंपनी थी, वह बंद होने वाली थी, दूसरे, स्वास्थ्य संबंधी कोई न कोई शिकायत बराबर बनी रहती थी. वे परेशान थे तो मैं भी परेशान रहती थी. एक बार मैं सड़क पर पैदल चली आ रही थी. दिमाग में पतिदेव का परेशान चेहरा घूम रहा था, तभी मेरी नजर फुटपाथ पर बैठे एक व्यक्ति पर गई जोकि पिंजरा लिए हुए था. उस में एक तोता था. उस पर एक छोटा सा बोर्ड लगा रखा था, ‘प्रत्येक समस्या का हल तोता महाराज देता है.’

मैं उस के पास रुकी, अपनी समस्या बताई तो उस ने 50 रुपए का एक नोट मांगा. हम ने अपनी बचत में रखे 50 रुपए के नोट को दिया इस उम्मीद के साथ कि पता लग जाएगा कि हमारी खुशियों की मंजिल कितनी दूर है. नोट ले कर उस पिंजरे का मालिक खुश हो गया. उस ने पिंजरे का पल्ला खोला. सामने 2 दर्जन लिफाफे थे. तोता बाहर निकला, हमारा चेहरा देखा, मानो कह रहा हो, ‘अरी मूर्ख, मैं क्या तेरा भविष्य बतलाऊंगा? मैं तो पिंजरे में कैद हूं. कब इस बंधन से मुक्ति मिलेगी, मैं तो यही नहीं जानता हूं.’ लेकिन यह सब तो मुझे पहले ही सोच लेना था. अब तो 50 रुपए तोता वाले को जेब में जा चुके थे. तोते ने 1-2 मिनट बाद 1 लिफाफा उठाया और फिर अपने दड़बे में चला गया.

उस तोता वाले ने लिफाफा खोला और हमें कागज पढ़ने को दिया. लिखा था, ‘हिम्मत, साहस से काम लो तब परेशानियों से मुक्ति मिलेगी.’ यह तो मैं भी जानती थी लेकिन इस ज्ञान का रिवीजन 50 का नोट हमारी पौकेट से जाने के बाद मालूम पड़ा. मैं दुखी मन से आगे बढ़ गई. अभी भी पतिदेव का उदास चेहरा आंखों के सामने घूम रहा था. तब ही हमें भीड़ दिखाई दी. मैं उस भीड़ के पास जा पहुंची. देखा कि एक मोटातगड़ा सांड यानी बैल बीच में खड़ा था. उस से प्रश्न पूछे जा रहे थे. वह सब को उत्तर दे रहा था. कभी हां में सिर हिलाता, कभी नहीं में मुंह मटकाता. सब खड़ेखड़े उस की प्रशंसा कर रहे थे. प्रत्येक प्रश्न पर वह 100 रुपए वसूल रहा था. हम ने भी 100 का नोट दे कर अपने पति की राह में जो दुख हैं, उन के खत्म होेने के विषय में जानना चाहा. 100 का नोट पा कर वहां खड़ा सांड का मालिक खुश हो गया. हमें हिदायत दी गई थी कि सवाल मन ही मन में करना है. सो, मैं ने मन ही मन में प्रश्न किया कि हमारी परेशानियां कब दूर होंगी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...