पेशे से बैंकर रश्मि को लगातार गरदन में दर्द रहने लगा था. दरअसल, 6 महीने पहले रश्मि को गरदन में अकड़न महसूस हुई और इस के बाद से सिरदर्द भी रहने लगा. जब दर्द ज्यादा बढ़ गया तो रश्मि ने फिजीशियन से सलाह ली. तब उसे पता चला कि वह टैक्स्ट नैक नामक बीमारी से पीडि़त है, जो लगातार मोबाइल पर मैसेज करने की वजह से होती है.

इस बारे में नोएडा के फोर्टीस अस्पताल के डा. राहुल गुप्ता का कहना है, ‘‘आजकल किशोर अधिक समय तक मोबाइल पर मैसेज और चैट करने में बिताते हैं. वे इस बात से अनजान रहते हैं कि इस से उन की सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. अधिक समय तक सिर झुका कर मोबाइल पर बात करने या चैट करने से टैक्स्ट नैक होने का खतरा बढ़ जाता है. लगातार सिर झुकाने से रीढ़ की हड्डी, कर्व और बोनी खंड में बदलाव से मुद्रा में बदलाव, मांसपेशियों में अकड़न और दर्द महसूस होता है.’’

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जानकारी के अनुसार मोबाइल फोन से बातचीत की निर्भरता की वजह से मैसेज करने में तेजी से वृद्धि हुई है. मोबाइल फोन के अलावा टैबलेट, आईपैड जैसे उपकरणों का इस्तेमाल भी ‘टैक्स्ट नैक’ सिंड्रोम के लिए जिम्मेदार है.

इस में सिरदर्द, पीठ के ऊपरी भाग, कंधे व गरदन में दर्द के साथ रीढ़ की हड्डी में वक्रता आ जाती है और अगर टैक्स्ट नैक को बिना इलाज के छोड़ दिया जाए तो इस से रीढ़ की हड्डी में अपक्षयीय समस्याएं जैसे डिस्क कंप्रैशन और डिस्क प्रोलेप्स की समस्या हो सकती है.

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