जयपुर समेत राजस्थान के 12 जिलों में मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू है, जिस के तहत बीमा कंपनी सरकार व किसानों से प्रीमियम ले कर अपना खजाना भर रही है, लेकिन रिस्क कवर देने के नाम पर कंपनी सरकार व किसानों से ठगी कर रही है. दिलचस्प बात तो यह है कि बीमा कंपनी किसानों से ज्यादा सरकार से फायदा उठा रही है. वजह साफ है, सरकार पहले तो बीमा कंपनी को प्रीमियम की आधी राशि देती है और फिर फसल खराब होने पर अरबों रुपए किसानों को मुआवजे के रूप में देती है, जबकि फसल खराब होने पर बीमा कंपनी द्वारा किसानों को क्लेम देना चाहिए. देखने में आया है कि बीमा कंपनी किसानों को कभीकभार फसल खराब होने का मुआवजा तो देती है, लेकिन यह मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरा जितना ही होता है. गौरतलब है कि बीमा कंपनी किसानों को क्लेम दे तो सरकारी खजाने से किसानों को अरबों रुपए मुआवजा देने की नौबत ही न आए.

बावजूद इस के मौसम आधारित फसल बीमा योजना की शर्तें भी इतनी जटिल हैं कि यह मामला हर किसी की समझ में नहीं आता और बीमा कंपनी कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से हर साल अरबों रुपए का प्रीमियम चट कर जाती है. यानी हर हालत में बीमा कंपनी रिस्क कवर देने में फिसड्डी है और सरकार को इस की भरपाई करनी पड़ती है. इस में यह भी मजे की बात है कि किसानों को फसल बीमा दिलाने में सरकार के नुमाइंदों की ओर से भी कुछ खास नहीं किया जा रहा है.

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