कृषि मेले की शुरुआत में सब्जियों की खेती में नैशनल लैवल पर पहचान बना चुके ‘पद्मश्री’ जगदीश प्रसाद पारीक ने किसानों के साथ अपने अनुभव साझा किए. साथ ही, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के राष्ट्रीय औषध पादप मंडल के सदस्य और जड़ीबूटियों की खेती के राष्ट्रीय सितारे राकेश चौधरी ने किसानों को संबोधित करते हुए खरपतवार को खरपतवार न समझते हुए उसे आमदनी में इजाफा करने का जरीया बनाने की बात कही.

उन्होंने कहा कि किसान खेत में उगी वनस्पतियों को पहचान कर उन्हें फार्मेसियों को मुहैया कराएं. खेत में अपनेआप उग रही वनस्पतियों को खरपतवार समझ कर उखाड़ने के बजाय उन के बारे में जानकारी ले कर उन्हें बेचा जाए. दरअसल, यह खरपतवार नहीं जंगली बूटियां हैं.

कैलाश चौधरी, कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री

जोधपुर : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान द्वारा किसान मेला और कृषि नवाचार दिवस (किसान वैज्ञानिक संगोष्ठी) का पिछले दिनों आयोजन किया गया. इस का उद्घाटन कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री, भारत सरकार, कैलाश चौधरी ने किया.

उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में बाजरा फसल का उत्पादन क्षेत्र बहुत बड़ा है. बाजरे के उत्पादों बिसकुट, केक, ओट्स वगैरह बना कर किसान ज्यादा से ज्यादा आमदनी हासिल कर सकते हैं. बाजरे के मूल्य संवर्द्धन में किसानों के लिए अभी भी काफी संभावनाएं हैं.

काजरी द्वारा तैयार किया गया बाजरे के केक को काटते हुए उन्होंने कहा कि इस केक को बनाने में मुश्किल से एक किलोग्राम आटा लगा होगा और इस की कीमत 1,000 रुपए है, क्या यह समझने के लिए काफी नहीं है कि प्रोसैसिंग से किस तरह से किसान अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं.

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