राजस्थान का मौसम सेब की खेती के अनुकूल नहीं है. यह सभी को मालूम है कि यहां धूल भरी आंधियां, गरमी में 45 डिगरी के पार पारा और सर्दियों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड होती है. इन चुनौतियों के बाद भी यहां सेब उगाने की कोशिश किसी चमत्कार से कम नहीं है, क्योंकि कृषि नवाचार एवं अनुसंधान सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही सभी को राजस्थान के मरुस्थल क्षेत्र के सेब खाने को मिलेंगे.

हिमाचल प्रदेश में तैयार हुई सेब की खास किस्म विशेष तौर पर ऊंचे तापमान के लिए है, जिस का नाम है, हरमन-99. यह किस्म ऐसे स्थान के लिए ही तैयार की गई है, जो गरम है और जहां तापमान ज्यादा हो, इसलिए सेब की इस नई किस्म हरमन-99 को राजस्थान में भी उगाया जा रहा है और खेती सफल हो रही है.

इस किस्म को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के एक प्रगतिशील किसान हरिमन शर्मा ने विकसित किया है, जिसे मैदानी, उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जा सकता है. सेब की इस किस्म को फूल आने और फल लगने के लिए ठंड की जरूरत नहीं होती है.

हरमन-99 किस्म का सेब किसी भी तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है, चाहे वह पथरीली मिट्टी हो या दोमट या लाल. इस फसल के लिए सब से जरूरी बात जलवायु है, जिसे देखते हुए हरमन-99 किस्म को तैयार किया गया है.

हरमन 99 सेब का पौधा 40 से 48 डिगरी तापमान पर भी आसानी से पनप सकता है. इस में स्वपरागण के जरीए प्रजनन होता है. इसे कोई भी अपने बगीचे में लगा सकता है.

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