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हरियाणा के जिला मेवात के गांव सुधराना का रहने वाला 35 वर्षीय सुरेंद्र कुमार नूंह कोर्ट में टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत था. उस के परिवार में पत्नी सीमा के अलावा 11 साल का एक बेटा आलोक था. गांव में उस का अपना पैतृक मकान और सरकारी नौकरी होने के कारण उस के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी थी. घर में सब कुछ ठीक था.

22 दिसंबर, 2019 को शनिवार का दिन था. शाम वह कोर्ट की ड्यूटी समाप्त करने के बाद अपने गांव लौटा तो सीमा उसे देख कर बहुत खुश हुई. क्योंकि सुरेंद्र जब कोर्ट खुला होता तो नूंह में ही रुक जाता था और सप्ताहांत में बीवीबच्चों से मिलने गांव आ जाता था. सीमा एक खूबसूरत मिलनसार स्वभाव की औरत थी. उस दिन उस ने पति की पसंद का खाना बनाया था. रात को खाना खाने के बाद तीनों अपने कमरे में सोने चले गए.

रात थोड़ी गहरी हुई तो अचानक सुरेंद्र के घर से चीखनेचिल्लाने की आवाजें आने लगीं. ये आवाजें सीमा की थीं. सीमा चीखचीख कर शोर मचा रही थी कि कुछ बदमाश रात के अंधेरे में उस के घर के पिछवाड़े की दीवार फांद कर घर में घुस आए और उस के पति सुरेंद्र के ऊपर घातक हथियारों से हमला कर दिया. शोर सुन कर कुछ लोग उस के घर आ गए थे. वहां वास्तव में सुरेंद्र घायल अवस्था में था. सुरेंद्र को गांव के लोग आननफानन में नजदीक के अस्पताल में ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

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सीमा ने रात घटना के फौरन बाद अपने मोबाइल फोन से स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया था. लेकिन जब काफी देर के बाद भी पुलिस वहां नहीं पहुंची तो उस ने नूंह कोर्ट के रीडर को अपने पति पर हुए हमले की बात बता कर पुलिस को जल्दी घर पर भेजने के लिए उन से सहायता मांगी.
नूंह कोर्ट के रीडर के द्वारा कोसली थाने में घटना की सूचना दी तो इस के 2 घंटे बाद कोसली के थानाप्रभारी जगबीर सिंह अपने मातहतों के साथ घटनास्थल सुधराना गांव पहुंचे.

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