मेरे पति रिटायरमैंट के बाद ज्यादातर घर पर ही रहते हैं. एक बार बहू मीनाक्षी अपने 2 नन्हे बच्चों के साथ बाजार से लौटी. हाथ में पकड़ा रुपया रिकशे वाले को पकड़ा कर घर में घुसी तो घबरा कर बोली, ‘‘मेरा पर्स? कंधे पर टंगा मेरा पर्स कहां खो गया?’’
इतना सुनना था कि मेरे पति ने रिकशे वाले को रोक कर उस की तलाशी ले ली.
बहू बोली, ‘‘धूप के कारण बच्चों को दुपट्टा ओढ़ाया था. शायद, उसी समय पर्स गिरा हो.’’
बहू का मोबाइल पर्स में था. मेरे पति अपने मोबाइल से बहू के मोबाइल का नंबर मिलाते हुए उधर ही चल दिए जिधर से बहू आई थी. एक घंटे बाद वे पर्स सहित वापस आए तो हम खुश होने के साथसाथ अचंभित भी हो गए. 
इन्होंने बताया कि बारबार रिंग करने पर एक व्यक्ति ने फोन उठाया. उस ने बताया कि पर्स उस के पास है. यदि वे उस के बताए मार्ग पर चल कर वहां पहुंच जाएंगे, जहां वह है, तो वह उन्हें पर्स दे देगा.
वे रिकशे पर बैठ कर गंतव्य स्थान के लिए प्रस्थान कर गए. रास्ते में डर भी रहे थे क्योंकि वह व्यक्ति अपना पता न बता कर सिर्फ रास्ता बता रहा था जो रेलवेलाइन पार कर एक गांव का था.
काफी दूर जाने पर जब वे लौटने की सोच रहे थे तभी अचानक रिकशे वाला बोला, ‘‘साहब, वह देखिए, उस बाउंड्री के ऊपर से कोई झांक रहा है. शायद, वही घर है. मैं हूं न आप के साथ.’’
पर्स पाने वाला व्यक्ति दूध वाला था. बारबार घंटी बजने से वह घबरा गया और घर वापस आ गया. उस ने पर्स वापस कर दिया और इनाम भी नहीं लिया.
पति के हाथ में पर्स और चेहरे पर विजयी मुसकान देख, मैं उत्साहित हो बोल पड़ी, ‘‘65 साल के बूढ़े या 65 साल के जवान. इन में से क्या हैं आप?’’
रेणुका श्रीवास्तव, लखनऊ (उ.प्र.)
 
बात वर्ष 1989 की है. मैं अपनी शादी के बाद पहली बार मायके गई. 3-4 दिन बाद मेरी याद सताने पर अपने घर से मामा के घर जाने का बहाना बना कर मेरे पति मेरे मायके रात 12 बजे पहुंचे तो मेरे डैडी ने पूछा, ‘‘बेटा, कहां से आ रहे हो?’’ तो मेरे पति ने झूठ बोल दिया, ‘‘एक शादी से.’’
उस वक्त बिजली न होने के कारण डैडी ने मेरे पति को अपने साथ छत पर सुला लिया. सुबह अपने पति को उदास देख कर मैं ने कारण पूछा तो बोले, ‘‘मैं तुम्हारी याद में बेकरार हो कर चला आया, मैं किसी दावत में नहीं आया था. मुझे बहुत जोर की भूख लगी है.’’
यह सुन कर मैं हंसतेहंसते लोटपोट हो गई और मेरी खुशी का ठिकाना न रहा.
वीना सिंह, कानपुर (उ.प्र.) 
 

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