इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देशभर में ब्लैक मनी रखनेवाले संदिग्ध लोगों का एक डेटाबैंक तैयार किया है. इसमें उन लोगों के नाम हैं जिन्होंने पिछले कुछ सालों में बैंकिंग चैनल्स के जरिए अनअकाउंटैड कैश में से बड़े अमाउंट को लीगल बनाने के लिए एंट्री ऑपरेटर्स की मदद ली थी.

ये एंट्री ऑपरेटर्स वैसे चार्टर्ड अकाउंटैंट्स या मिडलमैन हैं जो कई बैंक अकाउंट्स के जरिए क्लायंट की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग करते हैं. मनी लॉन्ड्रिंग के ये मध्यस्थ अनअकाउंटेड कैश को लीगल टेंडर में बदलने के लिए बेनिफिशरीज को चेक्स देते हैं. ये चेक्स ऑपरेटर्स के अकाउंट्स में कैश डिपॉजिट करने के बदले में दिए जाते हैं और ऑपरेटर्स बाद में 1 से 2 प्रतिशत का कमिशन लेकर नकली बिल बना देते हैं.

पिछले दो सालों में एंट्री ऑपरेटरों पर इनकम टैक्स यूनिट के छापों के दौरान मिली सूचनाओं के आधार पर नया डेटाबैंक तैयार हुआ है. छापों में शामिल एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. डेटाबैंक से इनकम टैक्स अधिकारियों को हजारों संदिग्ध टैक्स चोरों और कंपनियों के नाम मिले हैं जिनपर ब्लैक मनी की लेन-देन में शामिल होने का संदेह है.

इस डेटा लिस्ट में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, संदिग्ध बैंकिंग ट्रांजैक्शंज और विदेशी बैंकों के अकाउंट जैसे दूसरे स्रोतों से प्राप्त सूचनाएं भी शामिल हैं और टैक्स चोरों की पहचान उनके पैन नंबर एवं उनके निवास स्थल की जानकारी के साथ की गई है.

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