सब्सिडी या कम ब्याज पर दिए गए एजुकेशन लोन में बढ़ रहे डिफाल्ट के मामलों को देखते हुए क्रेडिट इंफार्मेशन कंपनी सिबिल (CIBIL) ने कहा, कि इस तरह की डिफाल्ट हिस्ट्री स्टूडेंट के क्रेडिट स्कोर पर असर डाल सकती हैं, जो कि उनके द्वारा भविष्य में लिए जाने वाले किसी अन्य लोन में मुसीबतें पैदा करेगी.

सिबिल ने यह भी बताया कि एजुकेशन लोन पर करीब 90 दिनों से ज्यादा का ड्यूज है और इस तरह के डिफाल्ट मामले करीब 5 फीसदी हैं. इनमें कम ब्याज दरों पर 4 लाख से कम राशि के लोन के डिफाल्ट के मामलें (8.1 फीसद) लंबी राशि के लोन के मुकाबले ज्यादा हैं.

अन्य श्रेणियों के लिए तुलनात्मक डिफाल्ट दरें

अन्य श्रेणियों के लिए तुलनात्मक डिफाल्ट दरें हैं, 4 से 5 लाख के लिए 4.8 फीसद और 5 से 15 लाख के लिए 2.1 फीसद डिफाल्ट दरें हैं. वहीं 15 लाख के ऊपर की राशि के बड़े लोन पर डिफाल्ट के मामले करीब 1 फीसद हैं.

क्या है क्रेडिट स्कोर

आपका क्रेडिट स्कोर दरअसल आपकी ओर से पूर्व में लिए गए लोन और उसके चुकाने का ब्यौरा है. बैंक आपके लोन की अर्जी को आपका क्रेडिट स्को‍र चेक करने के बाद ही मंजूर करती है. अगर, अपका क्रेडिट स्कोर बेहतर है तो बैंक आपको आसानी से लोन मुहैया करा देती हैं.

क्रेडिट स्कोर तीन अंको की एक संख्या है, जो 300 से 900 के बीच होती है. क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, उसे उतना ही बेहतर माना जाता है. एक गलती करने पर भी क्रेडिट स्कोर कमजोर हो सकता है. 750 से ज्यादा के स्कोर पर ही 79 फीसदी व्यक्तिगत लोन अप्रूव किए जाते हैं. क्रेडिट इन्फार्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) यह क्रेडिट स्कोर देता है.

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