फिल्म निर्माता और एआरडीईए फाउंडेशन (कृषि ग्रामीण विकास और पर्यावरण जागरूकता फाउंडेशन) के संस्थापक के तौर पर पर्यावरण कार्यकर्ता जुनैद मेमन इन दिनों एक साथ तीन सुपरनेचुरल शैली की फीचर फिल्मों के निर्माण को लेकर चर्चा में हैं.लेकिनवह अपनी फिल्मों के निर्माण की व्यस्तता के साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एक पर्यावरण कार्यकर्ता के रूप मेंउनका काम समझौता नहीं है.इसी के चलते जुनैद मेमन एक दिलचस्प पहल लेकर आए हैं,ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यावरण संरक्षित है.

जुनैद मेमन कहते हैं-“पिछले कुछ दशकों में हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान हुआ है.संसाधनों का उपयोग निर्दयता से किया गया हैऔर प्रदूष क तेजी से छोड़े गए हैं जो जल्दी अवशोषित नही हो सकते हैं.कोरोना वायरस महामारी को नुकसान रोकने,परिवर्तन करने और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए एक रेड सिग्नल मानना चाहिए.’’ पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर जुनैद मेेमन ने हरदेश की सरकारों ,खासकर भारत की हर राज्य सरकारो से आव्हान किया है कि हर वर्ष कम से कम ग्याह दिनों का संपूर्ण लाॅकडाउन किया जाना चाहिए.

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वह कहते हैं-‘‘हम इसे 11 दिनों का अर्थ ही लिंग मानते हैं,जो भारत और उनके वैश्विक गठजोड़ द्वारा पर्यावरण के साथ हमारे संबंधों को फिर से स्थापित करने और हम कैसे रहते हैं, इसे बदलने के लिए किया जा सकता है.मैं आग्रह करता हूं कि हर साल, 1 मई 2021 से, हम स्वेच्छा से सभी वायु, सड़क और समुद्री यातायात को रोककर, सभी वाणिज्यिक मछली पकड़ने  की गतिविधियों, कारखानों और उत्पादन इकाइयों को बंद करके माँ की प्रकृति को संरक्षित करने के लिए जीवन शैली को फिर से रोककर फिर शुरू करे .

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