1961 में रिलीज हुई पहली भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो’ से शुरू हुआ भोजपुरी फिल्मों का सफर लंबे संघर्ष के बाद आज एक खास मुकाम हासिल कर चुका है. यही वजह है कि बौलीवुड और साउथ इंडियन फिल्मों के असफल और निराश कलाकारों के लिए भोजपुरी फिल्म उद्योग सफलता का देसी फार्मूला बन कर उभरा है. पढि़ए राजेश कुमार का लेख.
भोजपुरी फिल्मों का कारोबार आज हिंदी फिल्मों को चुनौती दे रहा है. भोजपुरी भाषा में बनी फिल्में अब द इंटरनैशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवार्ड्स (आइफा) और कई विदेशी अवार्ड समारोहों में प्रीमियर की जा रही हैं. इन फिल्मों ने देशभर के सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों को एक बार फिर से जिंदा कर दिया है. लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब भोजपुरी फिल्मों में काम करने को कई सफल कलाकार लो स्टेटस का काम समझते थे. दौर बदला और भोजपुरी फिल्मों का बाजार भी. भोजपुरी सिनेमा की जनता के बीच बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब भोजपुरी फिल्मों में अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, जया बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती, अजय देवगन, जितेंद्र से ले कर हर छोटाबड़ा अभिनेता, गायक, निर्मातानिर्देशक और कौमेडियन शान से काम कर रहे हैं.
भोजपुरी फिल्म उद्योग ने सब से ज्यादा फायदा उन अभिनेत्रियों को पहुंचाया है जो हिंदी फिल्मों से शुरुआती दौर से ही अचानक लाइमलाइट से बाहर हो गईं. कैरियर को खत्म होता देख इन अभिनेत्रियों ने भोजपुरी सिनेमा का रुख किया और इस देसी सिनेमा ने इन के कैरियर को एक नया जीवनदान दिया. इन में भूमिका चावला, नीतू चंद्रा, ऋषिता भट्ट, श्वेता तिवारी, संभावना सेठ, भाग्यश्री, रश्मि देसाई, नगमा, पाखी हेगडे़, मोनालिसा, रिंकू घोष, रंभा, अनारा गुप्ता, लवी रोहतगी और प्रीति झ्ंिगयानी आदि के नाम प्रमुख हैं. इन के कैरियर के लिए भोजपुरी फिल्में सफलता का देसी फार्मूला बन कर उभरी हैं.
ऐसा नहीं है कि भोजपुरी फिल्में सिर्फ अभिनेत्रियों के कैरियर को जीवन दे रही हैं, हिंदी फिल्मों में काम कर चुके आशिकी फेम राहुल राय, मुकेश खन्ना, कृष्णा, विनय आनंद, रवि किशन, शक्ति कपूर से ले कर कुमार सानू, अनूप जलोटा, एकता कपूर और उदित नारायण भी आजकल भोजपुरी फिल्मों में मसरूफ हैं.
कोई अभिनेता के तौर पर, कोई गायक या निर्माता के तौर पर. मतलब यह है कि अभिनेत्रियों के अलावा भोजपुरी फिल्मों ने कई गायकों, संगीत निर्देशकों और चरित्र अभिनेताओं के कैरियर में भी जान फूंकी है. इन सब के बावजूद, यह मानना पड़ेगा कि फ्लौप अभिनेत्रियों के लिए भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री डूबते को तिनके का सहारा बन कर उभरी है.
सलमान खान के साथ ‘तेरे नाम’ जैसी सुपरहिट फिल्म देने के बावजूद भूमिका चावला को हिंदी फिल्मों में असफलता ही हाथ लगी. लिहाजा, उन्होंने भोजपुरी फिल्म का रुख किया. भोजपुरी फिल्मों की शुरुआत में ही उन्होंने अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज कलाकार के साथ काम किया. और एक वक्त में स्टारडम से कोसों दूर रहीं भूमिका को इन देसी फिल्मों ने फिर से सफलता के मुकाम पर पहुंचा दिया. हालफिलहाल भूमिका भोजपुरी फिल्मों के साथसाथ साउथ की फिल्मों में सक्रिय हैं.
भूमिका की तरह ही सलमान खान के साथ सुपरहिट फिल्म ‘मैं ने प्यार किया’ करने के बाद भाग्यश्री ने कई हिंदी फिल्में कीं, लेकिन सफल नहीं हो सकीं. भोजपुरी फिल्मों में अपना भाग्य आजमाया. यहां उन्हें सफलता का स्वाद चखने को मिल ही गया. उन्होंने भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन के साथ ‘उठाइले घूंघटा चांद देख ले’ जैसी सुपरहिट फिल्म की. आज भोजपुरी फिल्मों में उन की खासी डिमांड है.
नीतू चंद्रा ने अपना कैरियर अक्षय कुमार के साथ फिल्म ‘गरम मसाला’ जैसी सुपरहिट फिल्म से स्टार्ट किया. लेकिन बाद में खास सफल नहीं हुईं.
कैरियर का ढलान आता देख उन्होंने भी भोजपुरी फिल्मों का रुख किया. उन्होंने बतौर निर्माता पाखी हेगडे़ को ले कर आई फिल्म ‘देसवा’ बनाई जो न सिर्फ सफल हुई बल्कि समीक्षकों को भी खासी पसंद आई. भोजपुरी फिल्मों से सफलता का स्वाद चखने के बाद उन्होंने कई और भोजपुरी फिल्मों के निर्माण की घोषणा की है.
धारावाहिक ‘कसौटी जिंदगी की’ से चर्चा में आईं टीवी क्वीन श्वेता तिवारी को बड़े परदे ने खींच तो लिया पर अपेक्षित सफलता न दिला सका. कई हिंदी फिल्मों में अभिनय और आइटम सौंग करने के बाद श्वेता ने भी भोजपुरी फिल्मों में हाथ आजमाया. वहां उन की दाल गल गई. भोजपुरी में श्वेता खुद कई फिल्मों का निर्माण भी कर रही हैं.
डूबने से बचाया कैरियर
‘उतरन’ और ‘झलक दिखला जा’ में चर्चा बटोरने वाली रश्मि उर्फ दिव्या देसाई को भी यह सफलता भोजपुरी फिल्मों ने दिलवाई है. वे टीवी पर तो पार्टटाइम काम करती हैं, उन का फुलटाइम भोजपुरी फिल्मों के लिए ही है. इन के अलावा मोनालिसा ने हिंदी की बी और सी ग्रेड फिल्मों, ‘तौबातौबा’ और ‘एक चतुर नार’ में अपनी बोल्ड अदाओं से कहर बरपाने में नाकाम रहने के बाद भोजपुरी फिल्मों का रुख किया. हालफिलहाल मोनालिसा भोजपुरी की टौप अभिनेत्रियों में से हैं और भोजपुरी के सुपरस्टार निरहुआ से ले कर रवि किशन और मनोज तिवारी के साथ अपनी जोड़ी जमा रही हैं.
सैक्स स्कैंडल से अचानक सुर्खियों में आई ‘मिस जम्मू’ अनारा गुप्ता ने फिल्मी कैरियर की शुरुआत हिंदी फिल्मों से की. पहली हिंदी फिल्म उन के सैक्स सीडी प्रकरण पर आधारित थी पर उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला. बाद में अनारा को भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में मौका मिला. अनारा इन दिनों भोजपुरी फिल्मों में एक सफल नाम है.
हिंदी और बंगाली फिल्म में काम कर चुकीं रिंकू घोष का कैरियर भी भोजपुरी फिल्मों की बदौलत चमका. आज वे भोजपुरी की सफल स्टार हैं. रिंकू भोजपुरी में कई सुपरहिट फिल्में दे चुकी हैं. वहीं कंट्रोवर्सी क्वीन संभावना सेठ को भी भोजपुरी फिल्मों ने पहचान दी. संभावना ने बतौर आइटम डांसर, कई भोजपुरी फिल्मों में काम किया है.
भोजपुरी फिल्मों ने सिर्फ हिंदी फिल्म अभिनेत्रियों के ही नहीं बल्कि दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्रियों के ढलते कैरियर को डूबने से बचाया. साउथ और हिंदी फिल्मों ने अपने कैरियर को डूबते देख नगमा ने भोजपुरी फिल्मों में सफलता पाई. उन्होंने भोजपुरी में बिग बी यानी अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म ‘गंगा’ में भी काम किया. नगमा की तरह ही साउथ की जानीपहचानी अदाकारा रंभा ने कई सुपरहिट हिंदी फिल्में भी की हैं लेकिन कैरियर ढलता देख उन्हें भी देसी फिल्मों की शरण में आना पड़ा.
दरअसल, लंबे समय से उपेक्षित भोजपुरी फिल्म उद्योग को चमकाने में काफी मेहनत की गई है. अमिताभ बच्चन के मेकअपमैन दीपक सावंत ने अमिताभ को जब भोजपुरी फिल्मों में उतारा तब अचानक लोगों का भोजपुरी फिल्मों के प्रति उपेक्षाभरा रवैया बदला. अमिताभ ने बयान भी दिया था कि क्षेत्रीय फिल्मों को सहयोग और समर्थन की जरूरत है और यही कारण है कि वे ऐसी फिल्मों में काम के बदले कभी पैसा नहीं लेते. भोजपुरी भाषा की ‘गंगा’ और ‘गंगोत्री’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके अमिताभ और जया कई और भोजपुरी फिल्मों में काम कर रहे हैं. देखतेदेखते लंबे समय तक उपेक्षित रही पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषा ‘भोजपुरी’ एकाएक बढि़या मुनाफे वाले सिनेमा का जरिया बन गई है.