बहुमुखी प्रतिभा के धनी कमल हासन ने न केवल अभिनय से बल्कि सिंगर, निर्माता, निर्देशक, पटकथा लेखक, ट्रेंड डांसर, नृत्य निर्देशक आदि सभी से सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाया दिया. सुपरस्टार बनने तक का उनका सफर आसान नहीं था. उन्होंने भिन्न-भिन्न प्रकार के अभिनय कर अपनी एक अलग पहचान बनायी. क्षेत्रीय फिल्मों के साथ-साथ उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अनोखे विषय चुने, यही वजह है कि आज उनकी गणना महानायकों में की जाती है.
बाल कलाकार के रूप में अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले अभिनेता कमल हासन सबसे अधिक सम्मानित अभिनेता हैं. उनके नाम सबसे अधिक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार पाने वाले अभिनेता होने का रिकौर्ड दर्ज है. वे पद्मश्री और पद्मभूषण की उपाधि भी पा चुके हैं.
कमल हासन कैरियर में जितनी बुलंदियों पर थे, उतना वे पारिवारिक जीवन में सफल नहीं रहे. कैरियर की शुरुआत में उन्होंने दक्षिण की लोकप्रिय अभिनेत्री विद्या के साथ कई तमिल और मलयालम फिल्मों में काम किया. इनका प्रेम सम्बन्ध काफी दिनों तक चला, पर कमल हासन ने उसे छोड़ अपने से बड़ी उम्र की नर्तकी वाणी गणपति से शादी की. दस साल तक साथ रहने के बाद जब वाणी को पता चला कि कमल हासन सारिका को डेट कर रहे हैं, तो वाणी और कमल हासन का रिश्ता टूट गया. इसके बाद उसने सारिका से शादी की और दो बेटियों श्रुति हासन और अक्षरा हासन के पिता बने, लेकिन आपसी मनमुटाव के चलते सारिका से भी उनका तलाक हो गया. इसके बाद उनका नाम तमिल फिल्म एक्ट्रेस गौतमी तडीमल्ला के साथ जुड़ा. कुछ सालों बाद वे उनसे भी अलग हो गए.
इन दिनों कमल हासन अपनी फिल्म ‘विश्वरूपम 2’ के प्रमोशन पर है, जो उनके फिल्मी करियर की अंतिम फिल्म है. उनसे बात हुई पेश है अंश.
‘विश्वरूपम 2’ को करने की वजह क्या रही?
पहली विश्वरूपम करने के बाद लगा कि एक और स्टोरी कही जा सकती है और ये कांसेप्ट 7 साल पहले का है, जिसकी मैंने अभी फिल्म बनायीं है.
आप हमेशा फिल्मों के जरिये कुछ संदेश देना पसंद करते हैं इसमें आपने क्या संदेश देने की कोशिश की है?
मैं मनोरंजन के साथ-साथ हमेशा फिल्मों के जरिये संदेश देता आया हूं. ये हर निर्माता निर्देशक का फिल्म बनाने का तरीका होता है. मैंने हमेशा सबसे अलग फिल्म बनाने की कोशिश की है और मैं फिल्मों के जरिये राजनीति या किसी का मजाक उड़ाना नहीं चाहता, बल्कि अपने दर्शकों को जागरूक करना चाहता हूं. हिंदी फिल्म हे राम, दशावतार आदि सभी ऐसी ही फिल्में हैं. जहां मैंने किसी खास विषय पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है. मैंने अपना पूरा जीवन सिनेमा को दिया है. अब जो भी बचा है, उसे करने की इच्छा रखता हूं.
उम्र के इस पड़ाव में आप थ्रिलर और एक्शन वाली फिल्म कर रहे हैं, कितना मुश्किल था?
उम्र का प्रभाव आपके दिमाग और ट्रेनिंग पर निर्भर करता है. इससे कोई मुश्किल नहीं होती.
आप लेखक, निर्माता, निर्देशक सब हैं इसके फायदे या नुकसान क्या है?
नुकसान नहीं फायदे ही अधिक है. पहले फिल्मों को बनाने में सभी ऐसा ही करते थे. सत्यजीत राय हो या सोहराब मोदी सभी ने ऐसा ही किया. अब नया ट्रेंड आया है, जहां सब अलग होता है.
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आये इस बदलाव को आप कैसे लेते हैं?
अभी अच्छा समय है, नए यूथ आराम से आ रहे हैं और ये अच्छी बात है, पहले ऐसा नहीं था. पहले आर्ट और कमर्शियल सिनेमा में काफी अंतर था. जब आप एक फिल्म बनाते हैं और उसका टिकट बिक जाता है, तो उसे कमर्शियली सफल फिल्म कही जाती थी और अगर ऐसा नहीं होता, तो उसे आर्ट फिल्म का दर्जा दे दिया जाता था. ऐसा मैं पिछले 40 साल के कैरियर में देख रहा हूं. ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि ये तो कास्ट सिस्टम जैसा हो गया कि एक दूसरे को छू न सके. फिल्मेकर सत्यजीत राय ने तो ‘शोले’ फिल्म की भी तारीफ की थी और वैसा ही होने की जरुरत है.
आपने सफलता और असफलता दोनों को देखा है, दोनों आपके लिए क्या माइने रखते हैं?
ये दोनों ही शब्दों का हेर-फेर है. एक जब आप किसी गलत बस में चढ़ जाते हैं और अपने पते तक नहीं पहुंच पाते, दूसरा जिसमें आप सही पते पर पहुंच जाते हैं. बस यही अंतर है, क्योंकि दोनों में सवारी एक ही होती है और सफर का मजा भी एक ही होता है. फिल्म ‘हे राम’ के लिए मैंने जितना मेहनत किया उतना ही मैंने ‘विश्वरूपम’ के लिए भी किया था.
आज कल कई फिल्मों के बैन होने से फिल्म मेकर परेशान होते हैं आप के साथ भी हुआ इसे आप कैसे देखते हैं?
ये बहुत गलत है, इसमें गंदी राजनीति काम करती है, जहां एक कम्युनिटी को उसका आधार बनाया जाता है. दर्शकों को इसकी जानकारी नहीं होती. इससे बहुत सारे लोग परेशान होते हैं. उनकी रोजी-रोटी जाती है. फिल्म ‘विश्वरूपम’ के समय मुझे 60 करोड़ का नुकसान हुआ. उन्हें लगा था कि मैं टूट जाऊंगा, पर ऐसा नहीं हुआ, मैंने धीरज से काम लिया.
फिल्म से हटकर राजनीति में जाने की इच्छा कैसे पैदा हुई?
मैंने अपना पूरा जीवन फिल्म को दिया है, अब कुछ और करने की इच्छा है, इसलिए राजनीति में जाना चाहता हूं.
अभी आप राजनीति में आ रहे है, क्या कोई मापदंड बनाया है? किस तरीके का सुधार तमिलनाडु में करना चाहते हैं?
अभी कुछ कहना मुश्किल है, पर मेरी लाइफ अब कम हो चुकी है और इसमें मैं लोगों के लिए कुछ करना चाहता हूं. इसलिए मैं अर्थपूर्ण काम करने की इच्छा रखता हूं.
क्या आप अपनी बेटियों को कोई सलाह देते या उनसे लेते हैं?
मैं न तो सलाह देता हूं और न ही लेता हूं. शुरू से ही मैं केवल अपनी राय रखता हूं और उनके गलत राय को बदलने की कोशिश करता हूं.