आजकल बड़े शहरों में जहां लिवइन रिलेशनशिप का चलन बढ़ा है वहीं स्त्री और पुरुष के रिश्तों में बदलाव भी आया है. स्त्रियां स्वतंत्र और आत्मनिर्भर हो गई हैं, साथ ही प्रोफैशनल भी. दूसरी ओर लिवइन रिलेशन में रहने वाला पुरुष जिम्मेदारियों में बंध कर जीने में विश्वास नहीं करता. उसे लगता है, आई एम द बैस्ट. इसीलिए यह रिलेशनशिप ज्यादा समय तक नहीं चल पाती और ब्रेकअप हो जाता है.

‘आई, मी और मैं’ भी लिवइन रिलेशनशिप पर बनी फिल्म है. ईशान (जौन अब्राहम) एक म्यूजिक कंपनी में ऐग्जीक्यूटिव है. वह सिर्फ अपने बारे में सोचता है. बचपन में मां ने उसे सिखाया था, वह बैस्ट है. इसीलिए बड़ा होने के बाद भी उस के मन में यह भावना अंदर तक पैठ बना लेती है कि वह बैस्ट है. उस की एक प्रेमिका है अनुष्का (चित्रांगदा सिंह). वह उस के साथ लिवइन रिलेशनशिप में रहता है. जब भी अनुष्का उस के परिवार से मिलने की बात करती है तो वह टाल जाता है. मजबूर हो कर अनुष्का उस से ब्रेकअप कर लेती है.

अब ईशान की जिंदगी में एक नई लड़की गौरी (प्राची देसाई) आती है. एक दिन ईशान को पता लगता है कि अनुष्का प्रैग्नैंट है. वह बच्चे को अपनाने से मना कर देता है. उधर गौरी ईशान से पेरिस चलने का प्रस्ताव रखती है. ईशान के दिमाग में द्वंद्व चलता रहता है. वह एक नई म्यूजिक सीडी लौंच करता है. प्रोग्राम शुरू होने से पहले ही उसे अनुष्का के लेबर पेन के बारे में पता चलता है. वह अस्पताल पहुंचता है जहां अनुष्का ने बेटी को जन्म दिया है. ईशान अपने अहं को त्याग कर अनुष्का और बेटी को अपनाता है. गौरी अकेली ही पेरिस चली जाती है.

निर्देशक कपिल शर्मा ने काफी सधा निर्देशन किया है. उस ने चित्रांगदा सिंह के किरदार को सशक्त बनाया है. रोमांटिक ऐक्टिंग के मामले में ईशान कमजोर साबित हुआ है. प्राची देसाई का काम अच्छा है.

फिल्म का गीतसंगीत साधारण है पर छायांकन अच्छा है.

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