साधारण इंसान के असाधारण करतब के कारण उसे सुपर हीरो के रूप में पेश करने वाली तमाम फिल्में बौलीवुड में बन चुकी हैं. मगर विक्रमादित्य मोटावणे की एक्शन प्रधान फिल्म ‘भावेश जोशी’ तो एक सुपर हीरो की कहानी है. फिल्म का मकसद भ्रष्टाचार के खिलाफ बात करने के साथ ही आम इंसान को न्याय दिलाना है, मगर फिल्मकार व लेखक अपने इस मकसद में पूरी तरह से विफल हुए हैं. फिल्म में युवा शक्ति की बात की गयी है, जो कि उनसे लड़ता है, जो कि हम सभी को तकलीफ पहुंचाते हैं. पर यह बात भी दर्शकों तक नहीं पहुंच पाती.

फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ की कहानी मुंबई के मालाड़ इलाके से शुरू होती है, जहां सिकंदर खन्ना (हर्षवर्धन कपूर) अपने दो दोस्तों भावेश जोशी (प्रियांशु पैन्युली) और रजत (आशीष वर्मा) के साथ रहता है. इसी बीच सिकंदर खन्ना के दोस्त की हत्या हो जाती है. तब वह दोस्त की हत्या का बदला लेने के लिए सुपर हीरो का रूप धारण करता है. यह तीनों दोस्त समाज से बुराईयों को खत्म करने की मुहिम में लग जाते है. कभी सिग्नल तोड़ने वालों के खिलाफ, कभी गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ तो कभी भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए लड़ते हैं.

यानी कि यह तीनो दोस्त सदैव सच्चाई व ईमानदारी की राह पर चलते रहते हैं. अचानक इनका सामना पानी की चोरी करने वाले पानी माफिया से होता है. इस दौरान भावेश जोशी के उपर कई तरह के आरोप भी लग जाते हैं. उधर कारपोरेटर पाटिल और राज्य के मंत्री राणा (निशिकांत कामत) पुरजोर कोशिश करते हैं कि वह किसी तरह भावेश जोशी को खत्म कर दें. उसके बाद फिल्म की कहानी कई उतार चढ़ाव से होकर गुजरती है.

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