हर व्यक्ति का अपना व्यक्तित्व होता है और यही व्यक्ति की पहचान होती है. जिस से वो जाना जाता है. कुछ लोग जन्म से अट्रैक्टिव होते हैं तो कुछ अपने नेचर से लोगों को अट्रैक्ट करते हैं. व्यक्ति चाहे कितना भी सुंदर हो अगर उस के बोलने के ढंग में बनावटीपन व रूखापन है तो वह कभी भी किसी को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाएगा. हर कोई आकर्षक व्यक्तित्व पा सकता है. बस कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिस से व्यक्तित्व का विकास हो और यही सफलता की कुंजी भी है.
अपना आंकलन स्वयं करें: अपनी परख खुद करें बिना, आंकलन के अपनी शक्ति का एहसास नहीं होता, अपनी कमजोरियों और दुर्बलताओं को सुधार कर अपने कर्तव्यों और सिद्धांतों के प्रति अडिग रहें.
खुद को संपूर्ण बनाएं: व्यक्तित्व, व्यक्ति की उस संपूर्ण छवि का नाम होता है, जो वह दूसरों के सामने बनाता है. किसी भी व्यक्ति की खूबियां जैसे ज्ञान, अभिव्यक्ति, सहनशीलता, गंभीरता, प्रस्तुतीकरण आदि होते हैं जिस से वह सर्वगुण संपन्न और परिपूर्ण बनता है.
आत्मविश्वास है जरूरीः व्यक्तितव को बनाने में आत्मविश्वास होना बहुत जरूरी है, अगर आप अपने आप को खुश रखेंगे और पसंद करेंगे तभी आप दूसरों का पसंद कर सकते हैं.
सकारात्मक बनें: हमेशा पौजिटिव सोच और एनर्जी रखें, अपने आप को न खोए, अपनी सारी समस्याओं को समझाने की कोशिश करें, समस्याएं सब के साथ होती हैं, उस के हल का इंतजार करें.
दूसरों को भी महत्त्व दें: आप जब भी किसी व्यक्ति से बात करें तो उसे भी यह एहसास कराएं कि वह व्यक्ति कितना इंर्पोटे्रट है, उसे कंफर्टेबल फील कराएं किसी से बात करते समय कभी भी आप की बातों में घमंड या अभिमान नहीं झलकना चाहिए.
एक अच्छे श्रोता बनें: हमेशा अपनी ही बातों को व्यक्त न करें दूसरे की बातें भी ध्यानपूर्वक सुनें, जब कोई आप से बात कर रहा हो तो कहीं और ध्यान लगा कर या उस की बातों को नजरअंदाज करना अच्छी बात नहीं. ऐसे में आप के व्यक्तित्व की छवि खराब हो सकती है.
विश्वास बनाएं: हमेशा प्रासंगिक रहें, कई बार अपने जीवन की बातों को बांटें पर ध्यान रहे इस दौरान ऐसा कुछ न कहें जिस से आप की छवि खराब हो.
बहस न करें: अपनी गलत बात को सही साबित करने के लिए बहस न करें और न ही दूसरे से बात करते हुए चिल्ला कर बोलें.
अपशब्दों का प्रयोग न करें: अपने से बड़े या छोटे किसी भी व्यक्ति से अपशब्दों का प्रयोग न करें. खास कर किसी के पीठ पीछे उस के बारे में तो बिलकुल नहीं, नहीं तो बेकार में बात दूसरा और गलत रूप धारण कर सकती है.
किसी को छोटा न समझें: अगर आप किसी बड़े पद पर कार्यरत है तो अपने पद का मान रखते हुए अपने से नीचे कार्य करने वालों को छोटा न समझें. अपने पद की गरिमा बनाएं रखें व ऐसी स्थिति से बचें कि आप को छोटा व्यक्ति जवाब दे जाएं.
मजाक मत उड़ाएं: किसी के लुक्स और बातों का कभी भी मजाक न उड़ाएं. हर व्यक्ति के बात करने का ढंग और लुक्स अलग होता है और हर व्यक्ति में कोई न कोई विशेषता होती है उस पर ध्यान दें.
मुसकुराहट रखें बरकरार: व्यक्तित्व को निखारने में मुसकान का बहुत बड़ा रोल है मुसकान वो मनोहर चाबी है जोकि हर दरवाजे का ताला खोल सकती है. किसी के पास जाएं तो मुसकरा के जाएं. बशर्ते मुसकुराहट नकली न हो. इस तरह मुसकान पर लोग ध्यान देंगे, लेकिन कुछ भी ओवर न करें.
बौडी लैंग्वेज हो खास: आप की बौडी लैंग्वेज सौफ्ट और ग्रेसफुल होनी चाहिए, आप की प्रेजेंस बोलती है. अगर आप भी इन सब बातों का ध्यान रखेंगे तो आप कभी भी अपने पर्सनैलिटी को परफैक्ट बना सब के चहेते बन सकते हैं क्योंकि हम अच्छे व्यक्तित्व के साथ पैदा नहीं होते बल्कि हम इसे कई तरीकों से बनाते हैं.