बिहार के भोजपुर जिले के बड़हरा के राजद विधायक सरोज यादव की बहन शैली देवी के साथ 9 अप्रैल, 2016 को कुछ अपराधियों ने बदसलूकी की और जब अपराधियों को पता चला कि वे एक विधायक की बहन हैं, तो अपनी पहचान छिपाने की नीयत से उन्होंने शैली देवी की हत्या कर डाली.
अपराधियों ने लोहे की छड़ से शैली देवी के सिर पर हमला कर दिया. जख्मी हालत में उन्हें अस्पताल में भरती किया गया, पर 12 अप्रैल, 2016 को उन की मौत हो गई. पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि बदसलूकी के दौरान आटोरिकशा से गिरने से शैली देवी के सिर पर गहरी चोट लगी थी, पर विधायक सरोज यादव इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. शैली देवी को 9 अप्रैल, 2016 को गंभीर हालत में आईसीयू में भरती कराया गया था. पटना मैडिकल कालेज अस्पताल के सुपरिंटैंडैंट डाक्टर लखींद्र प्रसाद ने बताया कि उन के दिमाग में गहरी चोट लगी थी, जिस से वे कोमा में चली गई थीं.
विधायक सरोज यादव के करीबी रिश्तेदार कहते हैं कि यह नीतीश कुमार का कैसा सुशासन है? जब सत्तारूढ़ दल के एक विधायक की बहन और परिवार ही महफूज नहीं हैं, तो आम आदमी की क्या बिसात? प्रशासन शैली देवी की जान तो वापस नहीं ला सकता, पर हत्यारों को फांसी के फंदे तक तो पहुंचा सकता है. गौरतलब है कि 9 अप्रैल, 2016 को विधायक सरोज यादव की 40 साला बहन शैली देवी दवा लेने अपने गांव टोला इंगलिशपुर से आटोरिकशा से चांदी बाजार गांव गई थीं. दवा लेने के बाद वे आरा लौटने के लिए आटोरिकशा में सवार हुईं. उन के साथ 4 और लोग भी उस में सवार हो गए.
आटोरिकशा को चांदी बाजार से जमीरा होते हुए आरा जाना था, लेकिन आटोरिकशा ड्राइवर ने जमीरा की तरफ नहीं जा कर आटोरिकशा को बहियारा की ओर मोड़ दिया. शैली देवी ने जब ड्राइवर से कहा कि वह गलत रास्ते पर जा रहा है, तो ड्राइवर उन से अंटशंट बोलने लगा और आटोरिकशा में सवार बाकी लोगों ने भी उन के साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया. उन के गहने भी छीन लिए. जब शैली देवी ने बदमाशों का विरोध किया और कहा कि उन का भाई विधायक है, तो अपराधियों के होश उड़ गए. इस के बाद अपराधियों ने उन के सिर पर लोहे की छड़ से हमला कर दिया. खून से लथपथ होने के बाद जब शैली देवी बेहोश हो गईं, तो उन्हें चलते आटोरिकशा से सड़क के किनारे फेंक दिया गया. इस के बाद सभी अपराधी वहां से फरार हो गए. सरोज यादव रोतेबिलखते कहते हैं कि उन की बहन की हत्या राजनीतिक वजह से की गई है. उन्होंने वारदात की हाई लैवल जांच कराने की मांग की है. विधायक ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि नामजद लोगों को थाने से छोड़ दिया गया है. दरअसल, शैली देवी से बदसलूकी के मामले के बाद पुलिस मिथिलेश और संतोष को आटोरिकशा समेत पकड़ कर थाने लाने में कामयाब हो गई थी, पर कुछ देर की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था.
आटोरिकशा ड्राइवर का नाम मिथिलेश कुमार है और वह नरवीपुर गांव का रहने वाला है. उस के साथ संतोष कुमार की भी पहचान की गई है. पुलिस दोनों की खोज में लगी हुई है, पर वे फरार हैं. शैली देवी की मौत के बाद विधायक सरोज यादव ने अपना आपा खो दिया है. वे भूल गए हैं कि राज्य में उन की ही सरकार है. वे अपने समर्थकों के साथ सड़कों पर उतर आए. कोइलवर थाना क्षेत्र के कायमनगर गांव के नजदीक सड़क को पूरी तरह से ठप कर दिया गया. सैकड़ों लोग सड़क के बीचोंबीच बैठ गए. पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की गई. इस से आरापटना हाईवे पर तकरीबन 5 घंटे तक जाम लगा रहा. विधायक सरोज यादव के समर्थक आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे. राजद विधायक द्वारा सड़क जाम कर देने से पुलिस के हाथपैर फूल गए. कोइलवर थाने के थानेदार संजय कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और जाम को हटाने की गुजारिश की.
विधायक सरोज यादव ने फिलहाल खुद और अपने समर्थकों पर तो काबू पा लिया है और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने हत्यारों को गिरफ्तार कराने का भरोसा दिलाया है, पर राजद के सूत्रों की मानें तो सरोज यादव अपनी बहन के हत्यारों को जेल पहुंचाए बगैर चैन से नहीं बैठने वाले हैं. इस से राजद और राज्य सरकार दोनों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है.
थानेदार को पटक कर मारने की धमकी
पिछले साल 23 नवंबर को राजद विधायक सरोज यादव ने आरा के चरपोखरी थाने के थानेदार कुंवर गुप्ता को जान से मारने की धमकी दी थी. थानेदार का कुसूर इतना ही था कि उस ने पहली बार विधायक बने सरोज यादव की पैरवी सुनने से इनकार कर दिया था. सरोज यादव ने थानेदार को फोन किया, तो थानेदार ने उन्हें पुलिस के सीनियर अफसरों से बात करने की सलाह दी. इस से विधायक का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उन्होंने थानेदार को पटक कर जान से मारने की धमकी दे डाली. दरअसल, सरोज यादव चरपोखरी थाने के तहत बडीहा गांव में कुछ दिनों पहले हुई मुकेश यादव और संजय यादव की हत्या के मामले में आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने का निर्देश दे रहे थे.
थानेदार ने कहा कि उस मामले की जांच सीनियर अफसर कर रहे हैं, इसलिए इस सिलसिले में एसपी से बात की जाए तो सही रहेगा. यही सुन कर विधायक सरोज यादव भड़क गए थे.