इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपने मालिक बॉलिवुड स्टार शाहरुख खान की स्टार पावर और हाल के वर्षों में मैदान पर अपने अच्छे प्रदर्शन की बदौलत कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) मुनाफा कमाने में अन्य टीमों से काफी आगे है. आईपीएल में शामिल अधिकतर अन्य टीमें अभी तक मुनाफे से दूर हैं.

2014-15 में केकेआर का रेवेन्यू सभी आईपीएल टीमों में सबसे अधिक रहा था. उस वर्ष लोकसभा चुनाव की वजह से आधा टूर्नमेंट यूएई में होने के बावजूद टीम के रेवेन्यू में 30 फीसदी और मुनाफे में 54 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई थी. आईपीएल की किसी भी अन्य टीम ने प्रॉफिट के लिहाज से अभी तक ऐसा प्रदर्शन नहीं किया है.

एक से अधिक बार टूर्नमेंट जीतने वाली चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस भी ऐसा नहीं कर पाई हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि ज्यादातर अन्य टीमों ने अभी तक मर्चेंडाइजिंग और डिजिटल एक्टिविटीज जैसे रेवेन्यू के नए सोर्सेज तक पहुंच नहीं बनाई है.

केकेआर को चलाने वाली नाइट राइडर्स प्राइवेट लिमिटेड का 2014-15 में रेवेन्यू 168.71 करोड़ रुपये रहा. इसी वर्ष टीम ने दूसरी बार टूर्नमेंट जीता था. इससे पिछले वर्ष में टीम का रेवेन्यू 128.81 करोड़ रुपये का था. 2014-15 में इसका प्रॉफिट 14.15 करोड़ रुपये का था,  जो इससे पिछले वर्ष में 9.18 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था.

एडवाइजरी सर्विसेज फर्म अमेरिकन अप्रेजल के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण गुप्ता ने कहा,  'स्पॉन्सर्स को शाहरुख खान का अपने लोगो के साथ शर्ट पहनाना काफी पसंद आता है. अगर टीम अच्छा प्रदर्शन करती है तो वह बेहतर मोलभाव कर सकती है.'

2014-15 में प्रॉफिट कमाने वाली दूसरी टीम किंग्स इलेवन पंजाब थी. इसका प्रॉफिट 12.76 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि, इससे पिछले वर्ष में टीम को 4.35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. 2014-15 में किंग्स इलेवन पंजाब का रेवेन्यू 26 पर्सेंट बढ़कर 130.05 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वर्ष में 103.21 करोड़ रुपये का था.

पिछले कुछ वर्षों में इंडियन प्रीमियर लीग ने स्पॉट-फिक्सिंग और बेटिंग के आरोपों की वजह से बहुत से झटके सहे हैं. इन गड़बड़ियों के कारण कुछ गिरफ्तारियां भी हुई और चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो वर्षों के लिए निलंबित किया गया है. इससे टूर्नामेंट की छवि पर बड़ा असर पड़ा है.

आईपीएल के शुरुआती वर्षों में ज्यादातर टीमों को तीन से चार वर्ष में ब्रेक-ईवन पर पहुंचने की उम्मीद थी. लेकिन डेटा से पता चलता है कि टूर्नामेंट के नौवें वर्ष में भी अधिकतर टीमें यह लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी हैं. कुछ लोकप्रिय टीमों ने स्पॉन्सरशिप से मिलने वाला रेवेन्यू बढ़ाने में कामयाबी पाई है, लेकिन इनमें से अधिकतर अभी तक प्रॉफिट कमाने से दूर हैं. उदाहरण के लिए, मुकेश अंबानी की मुंबई इंडियंस ने 2011 से अच्छे प्रदर्शन के दम पर रेवेन्यू बढ़ाया है, लेकिन अभी तक यह प्रॉफिट में नहीं आ सकी है.

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