आज हर कोई अच्छे से अच्छा निवेश चाहता है. जिसका फायदा कंपनियां भी रोजाना नयी नयी स्कीम लाकर उठाती हैं. पर कम समय में ज्यादा मुनाफा देने की वजह से शेयर बाज़ार आज भी सबकी पहली पसंद है .

कुछ शेयर जहां रेकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, वहीं कई शेयर पीक वैल्यूएशन से काफी नीचे हैं. ऐसे में निवेशक भ्रमित होते हैं, जिसके कारण निवेशक अक्सर बड़ी गलतियां करते हैं. यहां हम कुछ ऐसी ही गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जो निवेशकों को भारी पड़ सकती है :

बॉन्ड फंड से एफडी में जाना

चार साल के बाद ब्याज दरों में फिर से बढ़ोतरी हो रही है. हाल के महीनों में बॉन्ड फंड्स के रिटर्न बहुत खराब रहे हैं. पिछले एक साल में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के चलते कुछ कैटिगरी के डेट फंड्स ने 2% से भी कम रिटर्न दिया है. इसकी तुलना में बैंक एफडी पर ब्याज कहीं ज्यादा है. ऐसे में निवेशक सकता बैंक एफडी और रेकरिंग डिपॉजिट में पैसा लगा सकते हैं. जिसके लिए वे बॉन्ड फंड्स से एग्जिट कर सकते हैं.

रिटर्न कम या नेगेटिव होने पर SIP रोकना

इस साल मिड और स्मॉल कैप शेयरों में जो गिरावट आई है. उसके कारण मिड और स्मॉल कैप फंड्स का रिटर्न प्रोफाइल बिगड़ गया है. जिन लोगों ने पिछले साल एसआईपी शुरू किया था, अभी उनका रिटर्न बहुत कम होगा. कुछ का रिटर्न नेगेटिव भी होगा. ऐसे हालात में अक्सर निवेशक एसआईपी बंद कर देते हैं.

​शॉर्ट टर्म गोल के लिए नई SIP शुरू करना

पिछले एक साल से लार्ज कैप फंड्स बढ़िया रिटर्न दे रही है. कुछ लोग इसमें नया एसआईपी शुरू करने की सोच रहे होंगे. लार्ज और मिड कैप सेगमेंट में कई शेयर अभी भी ऊंचे वैल्यूएशन पर हैं. विश्लेषकों का कहना है कि इस वजह से इनसे शॉर्ट टर्म में अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद नहीं . इसलिए जो लोग शॉर्ट टर्म के लिए इस तरह का निवेश करेंगे, उन्हें झटका लग सकता है.

MF के डिविडेंड ऑप्शन में निवेश

इक्विटी ओरिएंटेड फंड्स को रेग्युलर डिविडेंड इन्कम का जरिया बताकर भी बेचा जाता है. हालांकि, अब डिविडेंड पर 10% का टैक्स लगा दिया गया है, इसलिए यह उतना आकर्षक नहीं रहा. जो लोग रेग्युलर डिविडेंड की वजह से इन फंड्स में पैसे लगाना चाहते हैं, उन्हें एक बार फिर से सोचना चाहिए. वैसे भी डिविडेंड का भुगतान एनएवी कम करके ही होता है. इसलिए यह अतिरिक्त आमदनी नहीं. इसकी भी गारंटी नहीं कि म्यूचुअल फंड्स आनेवाले वक्त में पहले की तरह डिविडेंड का भुगतान कर पाएं.

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