भारतीय टीम का नया कोच चुनने के लिए पूर्व क्रिकेटरों का पूल बनाया जा रहा है और बाद में इसी पूल से मुख्य कोच चुना जाएगा. मुख्य कोच डंकन फ्लेचर का करार खत्म होने के बाद से पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री टीम निदेशक के तौर पर भारतीय टीम के साथ जुड़े थे.
इसके अलावा संजय बांगर बल्लेबाजी कोच, भरत अरुण गेंदबाजी कोच और आर श्रीधर क्षेत्ररक्षक कोच की भूमिका निभा रहे थे, लेकिन टी-20 विश्व कप के बाद शास्त्री सहित सहायक कोचों का करार खत्म हो चुका है. इसके बाद सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली वाली बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति नया कोचिंग स्टाफ चुनने में जुट गई है.
बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आइपीएल के बाद होने वाले वेस्टइंडीज दौरे से पहले हम इस काम को कर लेंगे. आइपीएल के दौरान दुनिया के पूर्व शीर्ष क्रिकेटर और कोच इस समय भारत में हैं. हमारी सलाहकार समिति उनसे संपर्क में है. इसमें से कुछ नाम छांटकर एक पूल बनाया जा रहा है. इस पूल से मुख्य कोच और सहयोगी स्टाफ का चयन किया जाएगा.
कांबिनेशन पर नजर:
अभी यह तय नहीं है कि टीम निदेशक का पद बरकरार रखा जाएगा या मुख्य कोच चुना जाएगा, लेकिन दोनों नहीं होंगे. अधिकारी ने बताया कि हम पूरा कांबिनेशन देखेंगे. कोच या टीम निदेशक और सहायक कोच के बीच तालमेल चुना जाएगा. हम एक टीम निदेशक के साथ तीन सहायक कोच का कांबिनेशन भी रख सकते हैं. एक मुख्य कोच के साथ दो सहायक कोच भी रखे जा सकते हैं. इतना जरूर है कि मुख्य कोच और टीम निदेशक में से एक ही को रखा जाएगा. यह सब इस बात पर तय होगा कि हम किसे चुन रहे हैं. अगर हमारे पास ऐसा कोच आता है जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों पर पकड़ रखता है तो हम उस तरह से सहायक कोच रखेंगे. अगर कोई बल्लेबाज कोच बनता है तो उसके हिसाब से सहायक कोच रखने होंगे.
शास्त्री और द्रविड़ से प्रभावित बीसीसीआई:
जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या शास्त्री और राहुल द्रविड़ में से कोई मुख्य कोच बन सकता है तो उन्होंने कहा कि बीसीसीआई दोनों से ही प्रभावित है. जहां तक द्रविड़ की बात है तो मुझे पता है कि आइपीएल की तीन टीमें उन्हें मेंटर के तौर पर अपने साथ जोड़ना चाहती थीं, लेकिन उन्होंने कहा कि जब तक अंडर-19 विश्व कप नहीं खत्म हो जाता तब तक इस पर बात नहीं करूंगा. जब एक तरफ दुनिया पैसे की तरफ भाग रही है तो एक कोच की इस वचनबद्धता तारीफ के काबिल है और उन्होंने ऐसा ही किया.
वहीं, शास्त्री के बारे में उन्होंने कहा कि 2014 में उनके कमान संभालने के बाद में टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है. विराट सहित टीम के कई खिलाड़ी उन्हें पसंद करते हैं. रिटायरमेंट के बाद एसी कमरे में बैठकर कमेंटेटर का जॉब आसान होता है, लेकिन शास्त्री ने बीसीसीआई के कहने पर उसको छोड़कर टीम के साथ पसीना बहाया. ये आसान नहीं है. हालांकि आखिरी फैसला सलाहकार समिति ही करेगी और उस पर अंतिम मुहर बीसीसीआई लगाएगी.