सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना के तहत न्यूनतम सालाना जमा किए जाने रकम को घटाकर 250 रुपये कर दिया है. इससे पहले तक इस खाते में न्यूनतम 1000 रुपये जमा करने होते थे. सरकार के इस फैसले से ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बचत कर सकेंगे. सरकार ने सुकन्या समृद्धि खाता नियम-2016 में संशोधन कर स्पष्ट किया है कि इस योजना के तहत खाता न्यूनतम 250 रुपये की राशि के साथ भी खोला जा सकता है.

गौरतलब है कि सुकन्या समृद्धि स्कीम वर्ष 2015 में लौन्च की गई थी. नवंबर 2017 तक देश भर से करीब 1.26 करोड़ खाते खोले गये थे, जिनमें 19183 करोड़ रुपये की राशि जमा थी.

इस स्कीम के तहत माता-पिता या कानूनी संरक्षक 10 वर्ष तक की बेटी के नाम से खाता खोल सकते हैं. यह खाता किसी भी पोस्ट औफिस शाखा या अधिकृत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में खुलवाया जा सकता है. हाल ही में हुए संशोधन के बाद न्यूनतम जमा 250 रुपये और एक साल में किया जाने वाला अधिकतम जमा राशि 1.5 लाख रुपये हो गई है. हालांकि किसी भी महीने या वित्त वर्ष के दौरान जमा कराने की संख्या पर कोई सीमा नहीं है.

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अकाउंट खोलने के 21 वर्षों के बाद यानि कि अकाउंट के मैच्योर होने के बाद सारा पैसा खाताधारक को दे दिया जाएगा. अगर खाते को मैच्योरिटी के बाद बंद नहीं कराया जाता तो बकाया राशि पर निर्धारित दर से ब्याज मिलता रहेगा.

ब्याज दर पीपीएफ की तरह

पीपीएफ एवं अन्य छोटी बचत योजनाओं की तरह इस स्कीम की ब्याज दर भी तिमाही आधार पर तय होती है. जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए इस स्कीम की ब्याज दर 8.1 फीसद तय की गई है. सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक सुकन्या समृद्धि योजना के तहत किसी भी पोस्ट औफिस और सरकारी बैंक में अकाउंट खुलवाया जा सकता है.

जमा रकम पर आयकर नहीं

खास बात है कि खाते में जो रकम जमा की जा रही है या फिर जितनी रकम उसमें जमा हुई है उस पर आय कर नहीं लगेगा. खाते में न्यूनतम 250 तो अधिकतम 1.5 लाख जमा हो सकेंगे. रकम जमा कराने की कोई सीमा नहीं है. ये खाते खुलने की तिथि से 21 साल तक वैध रहेंगे.

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