शिमला खूबसूरत हिल स्टेशन है. यह हिमाचल प्रदेश की राजधानी है. यह समुद्र की सतह से 2,202 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. हिमालय पर्वत की निचली शृंखलाओं में बसा यह शहर देवदार, चीड़ और माजू के जंगलों से घिरा है. आप शिमला घूमने जा रहे हैं तो वहां रुकने की व्यवस्था पहले ही कर लें ताकि वहां पहुंचने के बाद ठहरने की व्यवस्था करने में समय बरबाद न करना पड़े. यहां छोटेबड़े कई रिजौर्ट हैं जहां सभी तरह की सुविधाएं मुहैया हैं. वहां ठहर कर आप अपनी छुट्टी का मजा दोगुना कर सकते हैं.

शिमला में एक ऐसा ही रिजौर्ट शिमला हैवेंस है. देवदार व चीड़ के पेड़ों से घिरा यह रिजौर्ट 6 एकड़ जमीन पर फैला है. यह शिमला के आईएसबीटी से 4 किलोमीटर और समर हिल रेलवे स्टेशन से 1 किलोमीटर की दूरी पर है. इस रिजौर्ट को शिमला की पारंपरिक वास्तुकला को ध्यान में रख कर बनाया गया है ताकि यहां आने वाले पर्यटक शिमला की संस्कृति से रूबरू हो सकें. शिमला हैवेंस के सीईओ संजय शर्मा बताते हैं कि यहां टीवी, वाईफाई व अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. साथ ही, यहां रेस्तरां भी है जिस में कई तरह के व्यंजन मिलते हैं. खास बात यह है कि इस के सभी कमरों से देवदार व चीड़ के पेड़ों व पहाड़ों का खूबसूरत नजारा दिखता है.

रिजौर्ट में जिम की सुविधा है. रिजौर्ट में कैरेम बोर्ड, टेबल टैनिस, बास्केटबौल, बैडमिंटन जैसे खेल भी खेल सकते हैं. शिमला आएं तो आसपास के स्थानों को देखने के साथसाथ, आप को एडवैंचर का शौक है तो यहां साहसिक खेलों का भी आनंद उठाएं. पर्यटकों के अलावा भी कुछ है. बर्फ पर स्कीइंग करने वालों को जनवरी से मार्च मध्य के बीच यह मौका मिल जाता है. फिश्ंिग व गोल्फ के साथ ही आप यहां ट्रैकिंग का मजा भी ले सकते हैं. शिमला-किन्नौर क्षेत्र में नरकंडा से बंजर और सराहन से सांगला यहां के मशहूर ट्रैक रूट हैं. दोनों ही रूट 3 किलोमीटर की दूरी पर हैं.

कब जाएं

वैसे तो शिमला किसी भी मौसम में घूमने जाया जा सकता है. लेकिन यहां आने का सब से अच्छा समय अप्रैल से जून और अक्तूबर से नवंबर का होता है. अगर आप को बर्फ पर स्कीइंग का शौक है तो जनवरी से मार्च मध्य तक का समय अच्छा है. सर्दी का मौसम स्कीइंग और आइस स्केटिंग का आनंद उठाने के लिए सब से अच्छा होता है जबकि दर्शनीय स्थलों की यात्रा और ट्रैकिंग के लिए गरमी का मौसम आदर्श होता है.

क्या खाएं : शिमला में अधिकांश रेस्तरां माल रोड के साथसाथ हैं. यहां का खाना विशेष हिमाचली नहीं होता, बल्कि इन का स्वाद पंजाबी खाने की तरह होता है. यहां पंजाबी खाने के साथसाथ साउथ इंडियन, चाइनीज, कौंटिनैंटल आदि तरह के व्यंजन मिलते हैं. माल रोड पर कई बेकरियां भी हैं जो फास्ट फूड बेचती हैं जहां पिज्जा, बर्गर व पैटीज उपलब्ध होते हैं. यहां के स्ट्रीट फूड भी लाजवाब होते हैं. यहां आएं तो मशहूर फू्रट चाट व बटरबिस्कुट के साथ चाय जरूर ट्राई करें.

दर्शनीय स्थल

माल रोड : शिमला घूमने जाएं तो माल रोड जाना न भूलें. बौलीवुड की कई फिल्मों में इस जगह को दिखाया गया है. यह रोड शहर के बीच में है. यह शिमला का मुख्य शौपिंग सैंटर है. यहां ब्रिटिश थिएटर भी है जो अब सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है. यहां कई अच्छे रेस्तरां, बेकरी और आइसक्रीम पार्लर हैं.

स्कैंडल पौइंट : माल रोड पर सब से ऊंचा पौइंट माना जाने वाला स्थान स्कैंडल पौइंट कहलाता है. यहां से माल रोड का नजारा देखते ही बनता है.

राज्य संग्रहालय : यहां हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति, परिवेश, लोककलाओं, लघु पहाड़ी चित्रों, पुस्तकों, मुगल, राजस्थानी और समकालीन पेंटिंग्स, विभिन्न कांस्य कलाकृतियां, टिकट संग्रह, मानवविज्ञान संबंधित चीजें देखने को मिलती हैं.

रिज : शहर के बीच में एक बड़ा और खुला स्थान है, जिसे रिज कहते हैं. यहां से पर्वत शृंखलाओं का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है. यह शिमला की सभी सांस्कृतिक गतिविधियों का हब है. यह माल रोड के साथ ही है. आसपास के क्षेत्रों में जाने के लिए आप सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच उपलब्ध स्थानीय बस सेवा का उपयोग कर सकते हैं. स्थानीय यात्रा और साइट सीइंग के लिए टैक्सियां भी उपलब्ध हैं. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा टूरिस्ट बसें भी चलाई जाती हैं जिन की बुकिंग माल रोड पर स्थित पर्यटक सूचना केंद्र से होती है.

चैल : शिमला के निकट बसा एक छोटा सा गांव चैल है. इस के चारों ओर घने वन हैं. यहां से हिमाचल की चोटियों पर हिम को देखा जा सकता है. सतलुज नदी के दोनों ओर स्थित कसौली और शिमला से इस की दूरी बराबर है. चैल का सब से आकर्षक क्षेत्र पहाड़ी के ऊपर बना क्रिकेट का मैदान है जिसे विश्व का सब से ऊंचाई वाला स्टेडियम माना जाता है.

कुफरी : यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है. यह स्थान शिमला से 16 किलोमीटर दूर 2,510 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां पर कई तरह के बर्फ के खेल खेले जाते हैं. पर्यटकों के लिए यहां स्कीइंग की विशेष व्यवस्था है.

जाखू पहाड़ी : यह शिमला से 2 किलोमीटर दूर है जो 2,455 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से सूर्योदय का दृश्य अत्यंत खूबसूरत दिखाई देता है.

तत्तापानी : शिमलामनाली मार्ग पर बरास्ता नालदेहरा सड़क पर स्थित तत्तापानी में गरम पानी के झरने हैं, जिन का पानी सल्फर मिश्रित है.

चाडविक फौल्स : शिमला से 7 किलोमीटर दूर 1,586 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झरना पर्यटकों को खास आकर्षित करता है. अगर आप को पैदल घूमने का शौक है तो समर हिल चौक से लगभग 45 मिनट की पैदल दूरी से यहां पहुंचा जा सकता है. यह हरीभरी झाडि़यों से घिरा एक आकर्षक झरना है. इस झरने की संगीतमय मनमोहक ध्वनि सैलानियों के दिलोदिमाग में ताजगी भर देती है. यहां सैलानी प्रकृति के विभिन्न रूपों से रूबरू होते हैं.

नारकंडा : हिंदुस्तानतिब्बत मार्ग पर स्थित नारकंडा के बर्फ से ढकी पर्वत शृंखला के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं. देवदार के जंगलों से घिरा ऊपर की ओर जाता मार्ग हाटु चोटी तक जाता है.

नालदेहरा : यह शिमला से 23 किलोमीटर दूर 2,044 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां गोल्फ का मैदान है. अप्रैलमई का महीना इस जगह को देखने के लिए सब से अच्छा समय है. नालदेहरा पिकनिक स्पौट और घुड़सवारी के लिए भी प्रसिद्ध है.

रामपुर : यह शहर सतलुज नदी के किनारे स्थित है. यह एक बड़ा वाणिज्यिक केंद्र है जो प्रतिवर्ष नवंबर में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय लाबी मेले के लिए प्रसिद्ध है.

कसौली : कालकाशिमला मार्ग पर स्थित कसौली काफी खूबसूरत है. कसौली में कई दर्शनीय स्थल हैं जहां प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा देखा जा सकता है. बलूत, चीड़ और घोड़ों के लिए बनी सुरंगों से संपूर्ण क्षेत्र अत्यंत खूबसूरत लगता है.

क्या खरीदें

शिमला घूमने जाएं और वहां से खरीदारी न करें, भला ऐसा कैसे हो सकता है. शिमला में लोअर बाजार, लक्कड़ बाजार और तिब्बतियन बाजार से खरीदारी की जा सकती है. लक्कड़ बाजार में लकड़ी से बने खिलौने पर्यटकों को खूब लुभाते हैं. इस बाजार में लकड़ी की बनी स्थानीय हैंडीक्राफ्ट की कई चीजें सस्ते दामों पर मिलती हैं. यहां लकड़ी के टेबल व बौक्स, हैंडीक्राफ्ट ज्वैलरी के अलावा ऊनी कपड़े व शौल भी अच्छी क्वालिटी के मिलते हैं. इन बाजारों से आप हिमाचली टोपी भी याद के तौर पर खरीद सकते हैं. यहां के बाजारों में खरीदारी करते समय मोलभाव करना न भूलें.

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