शिशु की गर्भनाल को कैसे सुरक्षित करें और क्यों. यह सवाल आजकल हर तरफ पूछा जाता है. कुछ को इसका जवाब मिलता है कुछ को नहीं. तो आखिर क्या है ये गर्भनाल और क्या हैं गर्भनाल बैंक. सरल शब्दों में, यह एक लचीली, ट्यूब जैसी संरचना है जो मां को गर्भस्थ शिशु से जोड़ती है. जिसके द्वारा मां के रक्त से शिशु को आपूर्ति होती है .

आपके शिशु की गर्भनाल स्टेम सेल का समृद्ध स्रोत है जो कई बीमारियों का इलाज कर सकती हैं. शिशु के जन्म लेते ही इन स्टेम कोशिकाओं को संरक्षित करने से भविष्य में इनका उपयोग कर अपने बच्चे और परिवार को गंभीर बिमारियों से सुरक्षा प्रदान की जा सकती है.

शिशु के जन्म लेते ही इस गर्भनाल के रक्त को सावधानी से संरक्षित कर लिया जाता है| जिसके लिए ब्लड बैंक की तरह ही गर्भनाल बैंक होते हैं. कुछ मूल्य देकर आप अपने और अपने परिवार के भविष्य के लिए इसे सरंक्षित कर सकते हैं, जिससे भविष्य में होने वाली गंभीर बिमारियों से लड़ने में ये आपकी सहायता करेगा.

गर्भनाल में ऑक्सीजन युक्त रक्त और पोषक तत्व पेट के माध्यम से गर्भ को जाता है . यह भ्रूण से प्लेसेंटा तक डीओक्सेनेटेड रक्त और अपशिष्ट उत्पादों को भी ले जाता है. जन्म के तुरंत बाद इसे शिशु के शरीर से काट के हटा दिया जाता है| गर्भनाल प्रेगनेंसी के पांचवे हफ्ते में अस्तित्व में आती है और यह 20 इंच तक लम्बी हो सकती है .

संरचना: चिकनी मांसपेशियों की एक बाहरी परत, और एक आंतरिक परत जिसमें व्हार्टन जेली नामक एक जिलेटिनस तरल पदार्थ होते हैं. इस पदार्थ के भीतर आमतौर पर एक शिरा और दो धमनियां होती हैं . शिरा ऑक्सीजन और पोषक तत्व युक्त रक्त को प्लेसेंटा से भ्रूण तक ले जाती है, और धमनियों में भ्रूण से डीओक्सीजनित और पोषक तत्व-रहित रक्त दूर होता है.

नाभिरज्जु रक्त या गर्भनाल रक्त का महत्व :

  • गर्भनाल रक्त शिशु के जन्म के बाद गर्भनाल में बचा अवशिष्ट रक्त होता है. यह रक्त एक प्रकार की स्टेम कोशिकाओं में समृद्ध होता है जो कि थैलेसीमिया, ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मायलोमा सहित 80 से अधिक रक्त संबंधित बीमारियों का इलाज कर सकते हैं.
  • पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में 30,000 से अधिक प्रत्यारोपण में से अधिक में गर्भनाल रक्त स्टेम सेल का इस्तेमाल किया गया है.

नाभि गर्भनाल रक्त स्टेम कोशिकाओं का लाभ:

  • प्रत्यारोपण के दौरान, गर्भनाल रक्त स्टेम कोशिकाओं के अस्वीकृति होने का जोखिम ना के बराबर है.
  • गर्भनाल रक्त स्टेम सेल immunologically अपरिपक्व हैं और इस प्रकार अन्य स्टेम कोशिकाओं की तुलना में इनके रोगी के शरीर से आसानी से मिल जाने की सम्भावना अधिक होती है .
  • अन्य स्रोतों से स्टेम कोशिकाओं के लिए 6/6 मैच की आवश्यकता होती है, जबकि एक 4/6 मैच गर्भनाल रक्त स्टेम कोशिकाओं के उपयोग के लिए पर्याप्त होता है और अपनी इसी विशिष्टता के कारण गर्भनाल रक्त स्टेम सेल शिशु के भाई बहनों के उपचार के लिए भी उपयुक्त साबित हो सकता है.
  • वयस्क स्टेम कोशिकाओं की तुलना में, नाभि गर्भनाल रक्त स्टेम कोशिका को भ्रूण स्टेम कोशिकाओं की तरह प्रयोग करना आसान होता है, जिससे उनकी पुनर्योजी क्षमता बढ़ जाती है.

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