औस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों द्वारा स्टीव स्मिथ की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट में गेंद के साथ छेड़छाड़ करने से क्रिकेट जगत हैरान है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन कैमरन बेनक्रौफ्ट ने गेंद पर पीले टेप का उपयोग किया, जो कैमरे में कैद हो गया. दिन का खेल खत्म होने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में स्टीव स्मिथ ने स्वीकार किया कि गेंद के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसकी जानकारी टीम के अन्य खिलाड़ियों को भी थी.
इसके बाद से औस्ट्रेलिया टीम की चारों तरफ आलोचना हो रही है. स्मिथ को कप्तानी, डेविड वार्नर को उप-कप्तानी से हटा दिया गया. बेनक्रौफ्ट पर मैच फीस का 75 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और आईसीसी ने उन्हें 3 डिमेरिट अंक दिए हैं. स्मिथ पर एक मैच का बैन और मैच फीस का 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया.
बहरहाल, इतने बड़े विवाद के बीच पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार यूनिस ने लोगों का आकर्षण अपनी तरफ खींचने के लिए एक ट्वीट किया, जिसके बाद वह अपनी ही की गई टिप्पणी से फैंस के निशाने पर आ गए.
वकार का पोस्ट और लोगों का हमला
दरअसल, वकार ने ट्वीट किया कि पिछले औस्ट्रेलियाई मैचों की भी जांच हो. उन्होंने पहले भी ऐसा किया होगा. वकार ने लिखा- ‘मुझे मत बताना कि ऐसा पहली बार हो रहा है… हमें कुछ पुरानी फुटेज भी देखनी चाहिए…’
Don’t tell me this is happening for the first time,,,,is it ?????? We might have to dig out some old footage ? pic.twitter.com/wnk0Qvml3Q
— Waqar Younis (@waqyounis99) March 25, 2018
इस पोस्ट के बाद वकार को तारीफ के बजाय आलोचनाएं ज्यादा झेलनी पड़ी. वह ट्रोल हो गए. वकार के पोस्ट पर जवाब देते हुए फैंस ने वह फोटो भी डाल दी, जिसमें खुद वकार बौल टेंपरिंग करते दिख रहे हैं. याद हो कि 18 साल पहले गेंद से छेड़छाड़ के मामले में वकार यूनिस सस्पेंड हुए थे. तब मैच रेफरी जौन रीड ने ट्राई सीरीज के बीच श्रीलंका के खिलाफ वकार को सस्पेंड कर दिया था.
इस शर्मनाक हरकत के कारण निलंबित होने वाले पहले खिलाड़ी बने थे वकार
जुलाई 2000 में वकार ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ की थी. बौल टेपरिंग मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निलंबित होने वाले वह पहले खिलाड़ी (एक मैच के लिए) थे. तेज गेंदबाज पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना भी लगाया गया था.
इससे पहले भी कई दिग्गज खिलाड़ी पर लग चुके हैं बौल टैंपरिंग के आरोप
ऐसा पहली बार नहीं है जब बौल टैंपरिंग की वजह से क्रिकेट जगत में भूचाल आया है. इससे पहले भी कई बार यह मुद्दा उठ चुका है और कई दिग्गज खिलाड़ी पर यह आरोप लगाए जा चुके हैं.
फाफ डु प्लेसिस (2016)
नवंबर 2016 में औस्ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड टेस्ट में दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी फाफ डु प्लेसिस को बौल टैंपरिंग करते देखा गया. उनके मुंह के मिंट के उपयोग से बौल की कंडीशन को बदलते देखा गया. उनको आईसीसी के सेक्शन 42(3) का दोषी पाया गया और दंड स्वरूप पूरे मैच की फीस काट ली गई.
शाहिद आफरीदी (2010)
पर्थ में औस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच वनडे मैच हो रहा था. उसमें पाकिस्तानी कप्तान शाहिद आफरीदी को बाल के एक तरफ के हिस्से को दांतों से चबाते हुए देखा गया. इसके बाद उनको दो मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया और बाद में उन्होंने माफी मांग ली.
सचिन तेंदुलकर (2001)
नवंबर, 2001 में पोर्ट एलिजाबेथ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर के खिलाफ बौल टैंपरिंग का आरोप लगा. मैच रेफरी माइक डेनिस ने उन पर एक मैच का बैन लगा दिया. सचिन ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने बौल की सीम को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की, वह तो केवल बौल पर लगी घास को हटा रहे थे. खेल प्रशंसकों ने डेनिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. आईसीसी ने तेंदुलकर को आरोपों से मुक्त कर दिया.
माइकल अथर्टन(1994)
इंग्लैंड के इस प्लेयर पर 1994 में आरोप लगा कि उन्होंने अपनी पौकेट में से कोई चीज निकालकर बौल पर रगड़ी. अथर्टन ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि वह अपने पौकेट में जमा मिट्टी से अपने हाथ सुखाने का प्रयास कर रहे थे. उन पर बौल टैंपरिंग का चार्ज नहीं लगाया गया और दो हजार पौंड जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया.
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