VIDEO : इस तरह बनाएं अपने होंठो को गुलाबी
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTube चैनल.
तारीफ पाना सभी को अच्छा लगता है. हर कोई चाहता है कि लोगों की नजरों में उस की छवि हमेशा अच्छी बनी रहे. अच्छी छवि से न सिर्फ समाज में नाम होगा, बल्कि खुद को ले कर आत्मविश्वासी भी बने रहेंगे. आज के समयानुसार आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है. इसलिए आप को जरूरत है परफैक्ट पर्सनल ग्रूमिंग की. इस में आप को न सिर्फ बाहरी तौर पर, बल्कि आंतरिक रूप से भी खुद को संवारने की जरूरत पड़ती है. जानिए क्यों जरूरी है ग्रूमिंग:
ग्रूमिंग का महत्त्व
नित्यांजलि इंस्टिट्यूट के फैकल्टी और ट्रस्टी, गिरीश दालवी के अनुसार ग्रूमिंग खुद के लिए जरूरी है. यदि आप कुछ अच्छा चाहते हैं, तो आप का अच्छा दिखना जरूरी है. ग्रूमिंग आप को सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी बदलती है. जब आप खुद को ले कर अच्छा महसूस करेंगे तब आप ज्यादा आत्मविश्वासी होंगे.
परसोना पावर की हैड, माया दासवानी के अनुसार पहले लोग आप के बाहरी रूप से आकर्षित होते हैं. आप अपने स्टाइल, हाइजीन और पर्सनैलिटी को ले कर कितने सजग हैं, यह देखा जाता है. आप की पहली छवि ही लोगों को आप की याद दिलाती है.
क्या है ग्रूमिंग
गिरीश बताते हैं कि पर्सनल ग्रूमिंग में सेहत और ओरल हाइजीन का भी समावेश होता है. इस तरह ग्रूमिंग आप की सोच में सहजता लाती है. आप में खुद को और दूसरों को ले कर अच्छा सोचने की क्षमता बनाती है.
बाहरी सुंदरता ही नहीं, बल्कि आप से जुड़ी छोटीछोटी बातों का भी ध्यान रखना ग्रूमिंग है. एडाप्ट की सीनियर डाइरैक्टर रेखा विजयकर का मानना है कि ग्रूमिंग का मतलब है आप के लिए परफैक्ट व्यक्तित्व का निर्माण करना. पर्सनल से ले कर प्रोफैशनल और सोशल गू्रमिंग के जरीए आप के व्यक्तित्व में चार चांद लगाना ही इस का मकसद है.
प्रोफैशनल और पर्सनल ग्रूमिंग की शुरुआत
सब से पहले आप को खुद को जानने की और खुद को ले कर स्वीकार्यता बढ़ाने की जरूरत होती है. इस के बाद बारी आती है हैल्थ और हाइजीन की. आप कैसे दिखाई देते हैं और आप अपनी हैल्थ के बारे में कितना जानते हैं, इस विषय पर सोचा जाता है. इस के बाद आप की प्रोफैशनल लाइफ को ले कर सोचा जाता है. आप लोगों से कैसे बात करते हैं, कैसे कपड़े पहनते हैं और कितने आत्मविश्वासी हैं, इन सभी बातों का समावेश किया जाता है.
पर्सनल ग्रूमिंग में आप की गरदन, नाखूनों, त्वचा और ओरल हाइजीन का ध्यान रखा
जाता है, जिस में यह देखा जाता है कि आप सिर से ले कर पैरों तक एकदम परफैक्ट हों. प्रोफैशनल ग्रूमिंग में बारी आती है आप के व्यक्तित्व को निखारने की. इस के अनुसार आप के बात करने की टोन, बात करते हुए अपने हाथों का उपयोग और एक मुसकराहट से लोगों का दिल जीत लेने की क्षमता पर काम किया जाता है.
प्रोफैशनल ग्रूमिंग के दौरान ध्यान रखा जाता है कि आप किस प्रकार की जौब करती हैं. यदि आप टीचर हैं, तो आप को माइल्ड मेकअप के साथ परफैक्ट साड़ी ड्रैपिंग सीखनी पड़ेगी. लेकिन वहीं अगर आप कंपनी के मैनेजमैंट से संबंध रखती हैं तो आप को स्कर्ट्स और ट्राउजर जैसे कपड़ों को अपनाना होगा. लेकिन इस बाहरी रूप के अलावा आप अपने कलीग्स से कैसे बरताव करती हैं और क्लाइंट्स के सामने कैसे पेश आती हैं, यह भी प्रोफैशनल ग्रूमिंग के अंतर्गत सिखाया जाता है.
फिजिकल ऐक्टिविटी की जरूरत
इस ऐक्टिविटी में आप को पहले अपने चेहरे को आईने में देखने के लिए कहा जाता है. उस के बाद पूरे शरीर पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है. इस प्रक्रिया से आप में शरीर को ले कर स्वीकार्यता बढ़ती है. इस के बाद आप को कपड़े पहन कर अपटूडेट हो कर आईने में देखने के लिए कहा जाता है, जिस से आप ड्रैसिंग सैंस और प्रेजैंटेबल रहने के गुर सीख सकें. इस तरह आप सिर से ले कर पैरों तक अपने स्टाइल का निरीक्षण कर सकती हैं.
पर्सनल ग्रूमिंग के लिए सही उम्र
यदि मातापिता अपने बच्चों को शुरू से ही ग्रूमिंग के गुर सिखाना चाहते हैं, तो 6 साल की उम्र के बाद वे उन्हें ग्रूम करना शुरू कर सकते हैं. तब तक बच्चों की स्कूल जाने की शुरुआत हो जाती है और वे अपने आसपास के वातावरण से सीखना शुरू कर देते हैं. ऐसे में यदि आप उन्हें ग्रूम करना शुरू करेंगे, तो वे आसानी से आप की बातों को समझेंगे और उन का अनुसरण भी करेंगे.
जब बच्चा समझने लगे, तभी पर्सनल हाइजीन के बारे में बताना चाहिए. दांतों को दिन में 2 बार ब्रश करने से ले कर स्कूल यूनिफार्म को सही तरह से पहनने तक आप को उसे शारीरिक स्वच्छता का महत्त्व समझाना चाहिए. जब बच्चे 6-7 साल के होते हैं, तब से ही उन्हें ग्रूमिंग सिखाने की जरूरत पड़ती है, खासतौर पर लड़कियों को. जब वे मासिकधर्म की प्रक्रिया से पहली बार गुजरती हैं, तो उन्हें हाइजीन के साथसाथ पर्सनल ग्रूमिंग की भी शिक्षा दी जानी चाहिए.
कैरियर के लिए बेहद फायदेमंद
कैरियर के मद्देनजर गू्रमिंग में सब से पहले देखा जाता है कि आप के बातचीत का तरीका कैसा है. इस दौरान ध्यान रखा जाता है कि आप 2 भाषाओं में बात न करें. इस के अलावा आप के ड्रैसिंग स्टाइल को भी देखा जाता है, जिस में सही रंग के कपड़ों के साथसाथ सही रंग के जूते और ऐक्सैसरीज पहनने के गुर भी सिखाए जाते हैं. आप ने अकसर लोगों को कहते सुना होगा कि फर्स्ट इंप्रैशन इज लास्ट इंप्रैशन. यह बात सभी पर लागू होती है. आप की पहली छवि ही लोगों के मन में हमेशा के लिए बनी रहेगी. इसलिए आप के लिए जरूरी है कि हमेशा अपटूडेट बने रहें, प्रेजैंटेबल रहें. इस से आप अपने काम के दौरान मिलने वाले लोगों को आकर्षित कर पाएंगे.
मनी मैनेजमैंट ग्रूमिंग का एक भाग
हर व्यक्ति के लिए मनी मैनेजमैंट बेहद जरूरी है, खासतौर पर महिलाओं के लिए. मनी मैनेजमैंट पर बात करते हुए ग्रूम इंडिया की हैड, रुपेक्षा जैन बताती हैं कि आप भले ही कामकाजी महिला हों या हाउसवाइफ, आप को स्वयं पर ध्यान देने की जरूरत पड़ती है. यदि आप ऐसा नहीं करती हैं, तो खुद को उपेक्षित महसूस करती हैं और यही आप के क्रोध की असली वजह होती है.
रूपेक्षा के अनुसार सब से पहले आप को अपने घरेलू खर्चों को लिख कर योजना बनानी चाहिए. इस के बाद अपनी इनकम से आप को 12 से 15% भाग खुद की ग्रूमिंग के लिए अलग निकालना चाहिए. ताकि आप खुद को संतुष्ट कर सकें .अपनी इनकम से 20 से 30% की बचत करनी चाहिए. चाहें तो आप इस भाग को म्यूचुअल फंड, एसआईपी (सिस्टेमैटिक इनवैस्टमैंट प्लान) इत्यादि में जमा कर सकती हैं. इस के बाद अपनी इनकम को आप जैसे चाहें वैसे खर्च कर सकती हैं.
गृहिणियां जो अपने लिए कभी बचा कर नहीं रखती, उन्हें ग्रूमिंग की खास जरूरत होती है. उन्हें जो पैसे मिलते हैं उन में से एक भाग निकाल कर खुद के लिए रखना चाहिए और उस में वे फिटनैस के लिए जिम या खुद की देखभाल करने के लिए ब्यूटी ट्रीटमैंट ले सकती हैं.
हाउसवाइफ के लिए भी बेहद जरूरी
जैसा कि सभी जानते हैं बच्चे अपनी मां को देख कर ही जीने का सलीका सीखते हैं, इसलिए एक मां या कहें हाउसवाइफ के लिए ग्रूमिंग जरूरी हो जाती है. वह गू्रमिंग के बाद न सिर्फ अपने घरपरिवार का, बल्कि खुद का भी बेहतर ध्यान रख पाएगी. यदि गृहिणी खुद को अच्छी तरह संवारेगी, तो लोग उस के व्यक्तित्व की तारीफ करेंगे.
ध्यान रखें आप का पहनावा, उठनेबैठने का सलीका और बोलचाल का तरीका ही समाज में आप को दूसरों से अलग दिखाता है.