16 फरवरी को प्रदर्शित हो रही ओनीर निर्देशित फिल्म ‘‘कुछ भीगे अल्फाज’’ से बौलीवुड में बतौर अभिनेता कदम रख रहे अभिनेता जेन खान दुर्रानी मूलतः श्रीनगर के रहने वाले उर्दू भाषी पंजाबी हैं. श्रीनगर में जेन खान दुर्रानी के परिवार के सदस्य प्रशासन व कानून व्यवस्था से भी जुड़े रहे हैं, पर जेन भी आज तक कश्मीर के हालात व उसकी वजह को समझ नहीं पाए.
हाल ही में जब जेन खान दुर्रानी से कश्मीर को लेकर हमारी बातचीत हुई, तो जेन खान ने कहा- ‘‘मेरे नाना जी पुलिस विभाग से अवकाश प्राप्त कर चुके हैं. मेरे दादाजी जज थे. मेरे दूसरे दादाजी आगा खान दुर्रानी वहां पर गर्वनर/राज्यपाल रहे हैं. मेरे एक दादाजी वहां की सर्विस कमीशन के चेयरमैन रहे हैं. मगर वहां पर जो मसले हैं, उसे कौन समझ पाया? मसला चाहे जो हो, मगर नुकसान तो युवा पीढ़ी का हो रहा है. आवाम को नुकसान हो रहा है. सुविधाएं होते हुए भी लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.
मैं किसी पर दोषारोपण नहीं कर रहा हूं. फिर भी जिस वजह से भी यह हालात रहे हों, वह कीमती समय तो कश्मीरी आवाम व कश्मीरी युवा पीढ़ी के हाथ से चला गया. पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. कश्मीर बहुत खूबसूरत जगह है, पर जब मैं वहां जाता हूं, वहां के युवा वर्ग से मिलता हूं, अपने दोस्तों से मिलता हूं, जो हालात देखता हूं, तो मेरा मन अवसाद से भर जाता है. मुझे अपनी उम्र के लोगों की हालत देखकर तकलीफ होती है. कश्मीर के लोगों को काम करने के लिए कश्मीर से बाहर जाना पड़ता है. आलम ऐसा है कि सुबह से शाम हो जाएगी बात करते हुए पर समझ में नही आएगा कि असली मसला क्या है?’’
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