Attention Seeking : सवाल – मुझे बचपन से ही अटैंशन सीकिंग की बड़ी दिक्कत है. मैं 45 साल की हूं. मेरे 3 बच्चे हैं, जो स्कूल और कालेज में पढ़ते हैं. मुझे बचपन से ही अटैंशन सीकिंग की आदत है जो अभी तक चली आ रही है. जब कोई काम मेरे मनमुताबिक नहीं होता तो मुझे गुस्सा आता है और मैं सब से लड़ाई कर लेती हूं. इस की वजह से मेरे पति और बच्चे मुझे नापसंद करने लगे हैं. लेकिन मैं भी अपने नेचर से मजबूर हूं. मुझे अपने बिहेवियर पर कैसे काबू करना चाहिए?

जवाब – आप ने अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू न पा सकने की समस्या को स्वीकार किया है और यह बहुत ही अच्छा कदम है. यह समस्या कई बार बचपन में पलीबढ़ी होती है. अकसर अटैंशन सीकिंग बिहेवियर तब बढ़ता है जब किसी को लगता है कि उसे इमोशनल सपोर्ट और ध्यान नहीं मिल रहा है. इस स्थिति में सब से पहले यह जरूरी है कि आप खुद को पहचानें और आत्ममूल्य की समझ बढ़ाएं. अपनी पूरी जिंदगी को सिर्फ दूसरों के ध्यान और प्यार पर निर्भर न रखें. अपनेआप से प्यार करें.

गुस्सा आना स्वाभाविक है, लेकिन जब यह गुस्सा किसी रिश्ते में जहर बन जाए तो इसे संभालना जरूरी हो जाता है. सब से पहले, आप को यह समझने की जरूरत है कि गुस्से से कोई समस्या हल नहीं होती. गुस्से के बजाय अपने विचारों को शांतिपूर्वक और विचारशील तरीके से व्यक्त करें. जब आप को गुस्सा आए तो एक गहरी सांस लें, कुछ समय के लिए अकेले हो जाएं और अपनेआप को शांत करने की कोशिश करें.

अटैंशन सीकिंग और गुस्से के कारण परिवार के सदस्य आप से दूर हो रहे हैं. इस के लिए सब से पहले आप को अपनी सोच को सकारात्मक दिशा में बदलने की आवश्यकता है. आप अपने परिवार के सदस्यों से प्यार और सम्मान की अपेक्षाएं करती हैं, लेकिन इस को पाने के लिए आप को उन्हें भी उतना ही प्यार और सम्मान देना होगा. जब आप उन के साथ सकारात्मक व्यवहार करेंगी तो उन का भी आप के प्रति नजरिया बेहतर होगा.

अगर आप को लगता है कि आप अपने गुस्से और अटैंशन सीकिंग बिहेवियर को नियंत्रित नहीं कर पा रही हैं तो काउंसलिंग या थेरैपी का सहारा लें. एक विशेषज्ञ आप की समस्या को समझ कर, सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकता है.

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