बेंगलुरु के एक DINK कपल (डबल इनकम नो किड्स) के दोनों पार्टनर्स सौफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उन की टैक्स पे करने के बाद मंथली इनकम 7 लाख रुपए है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि सारे खर्चों के बाद अपने बचे 3 लाख रुपए को कहां खर्च करें तो उन्होंने एक इंडियन प्रोफैशनल प्लेटफौर्म ग्रेपवाइन ऐप पर पोस्ट शेयर कर के कम्युनिटी से सजेशन मांगा कि वे बचे हुए पैसे का क्या करें.
ग्रेपवाइन ऐप पर शेयर की गई उन की पोस्ट वायरल हो गई और पोस्ट पर करीब 200 कमैंट्स भी आए और कुछ यूजर ने मजाक उड़ाते हुए सुझाव दिया कि दंपती उन्हें गोद ले लें. कहीं आप भी DINK कपल बनने की राह पर तो नहीं हैं?
DINK कपल्स की सोच
पिछले कुछ सालों में DINK कपल्स ट्रैंड काफी देखने में आ रहा है और सोशल मीडिया पर इस की बहुत चर्चा हो रही है. DINK कपल्स वो होते हैं जो शादी के बाद बेबी प्लानिंग में जल्दी नहीं करते और यहां तक कि बिना बच्चों के ही जिंदगी गुजारना चाहते हैं. उन का सारा फोकस पैसे कमाने और अच्छी लाइफस्टाइल पर होता है. ऐसे कपल्स ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने, घूमनेफिरने, अपने कैरियर और रिश्ते को मज़बूत बनाने पर ध्यान देते हैं. वे बच्चों के पालनपोषण की ज़िम्मेदारी से फ्री रहने, आजाद जीवनशैली का आनंद लेने और अपनी लाइफ को भरपूर से जीने में यकीन रखते हैं, वे बच्चों की जिम्मेदारी ले कर अपनी रातों की नींद खराब करने में यकीन नहीं रखते.
DINK कपल्स मानते हैं कि बच्चे को दुनिया में लाना एक बड़ा फैसला और निजी मामला है और अपने बुढ़ापे को सुरक्षित करने के लिए बच्चा पैदा करने में खुद को निवेश करने को वे सही फैसला नहीं मानते.
रिसर्चगेट की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में अब धीरेधीरे DINK कपल्स की संख्या बढ़ती जा रही है और यह देखा गया है कि लगभग 65 फीसदी न्यूली वैडेड कपल बच्चे नहीं करना चाहते हैं. काम के बाद बचा हुआ समय वे अपने पार्टनर और दोस्तों के साथ पार्टी व ट्रैवल कर के बिताते हैं. ये कपल्स परिवार के बजाय अपने निजी जीवन, अपनी खुशी और कैरियर को ज़्यादा अहमियत देते हैं.
DINK कपल्स सोसाइटी के लिए एक चैलेंज
पिछले दिनों एक मार्केटिंग फर्म द्वारा किए गए सर्वे में यह बात भी सामने आई कि भारत में डिंक यानी डबल इनकम नो किड ग्रुप की संख्या हर साल 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. महिलाएं कम बच्चों को जन्म दे रही हैं. भारत में फर्टिलिटी रेट भी तेजी से घट रही है. साल 1950 में जो फर्टिलिटी रेट 6.2 फीसदी थी वह अब घट कर 2 फीसदी रह गई है.
आगे क्या होगा?
माना कि इस ट्रैंड को फौलो करने वाले कपल्स के बच्चे नहीं होने की वजह से उन की फाइनैंशियल सिचुएशन अच्छी रहती है, खुद के लिए समय मिलने, अपनी चाहतों को पूरा करने के अलावा वे एकदूसरे को क्वालिटी टाइम दे पाते हैं, एकदूसरे को समझने का समय मिलता है, वे अपने सपनों और लक्ष्यों पर फोकस कर पाते हैं. लेकिन यह सोच रखने वाले लोगों को इस बात का एहसास नहीं है कि वे कब तक नौकरियां कर पाएंगे, इस बात की कोई गारंटी नहीं. एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब उन्हें रिटायर्ड जीवन बिताना होगा और तब वे फिजिकली इतने ऐक्टिव भी नहीं होंगे कि रोज कहीं घूमने जा सकें, दोस्तों के साथ पार्टियां कर सकें. तब, क्या होगा?
अकेलेपन की खाई
खाओपियो मौज उड़ाओ की स्वार्थी सोच वाले इन कपल्स को एक समय के बाद अपनी लाइफ में कई नुकसान भी उठाने पड़ते हैं. ऐसे कपल्स को समाज, परिवार से सपोर्ट नहीं मिलता. वे सब से अलगथलग हो जाते हैं और एक समय के बाद ऐसे कपल्स अकेलेपन को महसूस करते हैं.
डगमग फाइनैंशियल प्लानिंग
बच्चे न होना आर्थिक रूप से किसी भी कपल को आजादी का एहसास दे सकता है क्योंकि आप को उन की शिक्षा या अन्य जरूरतों के लिए सेविंग करने की चिंता नहीं करनी पड़ती लेकिन अधिकांश केसेज में देखा गया है कि फाइनैंशियल गोल नहीं होने से डिंक कपल्स बिना सोचेसमझे खर्च करते हैं और उन की फाइनैंशियल प्लानिंग गड़बड़ा जाती है. एसोसिएटेड चैंबर औफ कौमर्स एंड इंडस्ट्री औफ इंडिया द्वारा किए गए एक सर्वे से भी पता चला है कि DINK कपल्स बहुत ज्यादा खर्च करने वाले लोग होते हैं. वे ज्यादातर बाहर खाते हैं और एंटरटेन्मेंट व वैकेशन पर बहुत ज्यादा खर्च करते हैं.
DINK कपल्स में से 60 फीसदी लोग हर दो महीने में कुछ दिनों के लिए छुट्टियों पर जाते हैं. 45 प्रतिशत लोग अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा EMI चुकाने में खर्च करते हैं जो मासिक 20 हजार रुपए से अधिक हो सकती है. 45 फीसदी लोग गैरजरूरी वस्तुओं पर 5,000-10,000 रुपए खर्च करते हैं.
कहीं देर न हो जाए
डिंक कपल्स पहले तो अपनी ज़िंदगी जीने की चाहत में बच्चा अपनी जिंदगी में नहीं चाहते लेकिन जब वे अपने साथी कपल्स को पेरैंट्स बनते देखते हैं और अपने ग्रुप में अकेले पड़ जाते हैं तो फिर अपनी लाइफ में बच्चा चाहते हैं लेकिन तब उन की उम्र आड़े आती है और नौर्मल प्रैग्नैंसी की उम्र निकल चुकी होती है और अनेक तरह की परेशानियां सामने आती हैं.
अपना सकते हैं निम्न उपाय
• सोशल वर्क करें. इस से अकेलापन और स्ट्रैस कम होता है और नया सोशल सर्कल और नए दोस्त भी बनते हैं व जुड़ाव बढ़ता है.
• करीबी कपल्स से दोस्ती बढ़ाएं, उन से कनेक्टेड रहें, उन के साथ पार्टी प्लान करें, साथ में ट्रैवल प्लान करें. इस से अकेलापन दूर होगा और उन के साथ नजदीकी भी बढ़ेगी.
• क्रिएटिव एक्टिविटीज में इन्वौल्व हों. अपनी हौबीज पर काम करें. अपने शहर के कल्चरल प्रोग्राम का हिस्सा बनें चाहे बोरियत ही क्यों न हो.
• अकेलेपन को दूर करने के लिए भूल कर भी धर्म के चक्कर में न पड़ें. धर्म आप का समय बरबाद करने के अलावा दानदक्षिणा के चंगुल में फंसा कर आप की सेविंग्स भी लूट लेगा.
• DINK कपल्स की लाइफ में बच्चों के न होने से उन के पास समय की कमी नहीं होती तो वे पौलिटिक्स भी जौइन कर सकते हैं.