70 के दशक के तमाम बौलीवुड सितारे, जैसे शर्मीला टैगोर, आशा पारेख, वैजन्ती माला बाली, वहीदा रहमान, मुमताज, जीनत अमान, धर्मेंद्र जीतेंद्र आदि अपने जमाने और अपनी जवानी में अदाकारी के आसमान पर चमचमाने के बाद बीच के दशकों में गहरे अंधेरे की परतों में जो खो गए थे, अब फिर रंगीन परदे पर जगमगाने लगे हैं और यह मौका उन्हें मिला है सोशल मीडिया से.

सोशल मीडिया प्लेटफौर्म्स, जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि के बढ़ते इस्तेमाल ने इन पुराने कलाकारों को फिर से ग्लैमर की दुनिया में आने के लिए प्रेरित किया है. छोटीछोटी रील्स के जरिए जब इन खोए हुए कलाकारों की दिनचर्या दर्शकों के सामने आई तो वे भी खुशी से उछल पड़े.

यूट्यूब और फेसबुक के जरिए घरघर तक पहुंचने पर न सिर्फ उन के व्यूअर्स की तादाद बढ़ी बल्कि टीवी शोज के निर्माताओं का ध्यान भी उन की ओर गया. 70 से 80, 85 और कुछ तो इस से भी उम्रदराज कलाकार अनेक टीवी शोज में बतौर जज बन कर आने लगे. हास्य से भरपूर ‘द कपिल शो’ में पूनम ढिल्लो, पद्मिनी कोल्हापुरे जैसी अभिनेत्रियों को देख कर 80 के दशक की अनेक फिल्में फिर से जीवंत हो उठीं. उन के अनुभव और खट्टीमीठी यादों ने जहां दर्शकों को गुदगुदाया, वहीं इन कलाकारों को भी यह एहसास दिलाया कि अच्छी अदाकारी और अच्छे कलाकार कभी मिटते नहीं हैं, हां, समय की धूल में ढक जाते हैं, मगर भला हो सोशल मीडिया का, जिस ने धूल को झाड़फूंक कर सितारों को गर्दिश से निकाला.

सारा अली खान ने अपनी दादी शर्मिला टैगोर के साथ कई रील्स यूट्यूब पर शेयर कीं तो लोगों के जेहन में फिर से ‘कश्मीर की कली’ वाली खूबसूरत डिंपल वाली शोख और कमसिन शर्मिला की छवि उभर आई. लोगों को जान कर आश्चर्य हुआ कि नवाब पटौदी की करोड़ों की संपत्ति की मालकिन शर्मीला इन दिनों दिल्ली की एक कोठी में अकेले रह रही हैं. समयसमय पर उन के बच्चे उन से मिलने आते रहते हैं. दिल्ली की मीडिया को जब इस बात का पता चला तो कई रिपोर्टर्स ने शर्मिला टैगोर का इंटरव्यू किया. उन्होंने भी खुशीखुशी इंटरव्यू दिए.

‘द कपिल शो’ ने पुराने समय के अनेक बेहतरीन कलाकारों को अपने मंच पर आमंत्रित किया. 1990 में आई फिल्म ‘आशिकी’ के कलाकार दीपक तिजोरी, अन्नू अग्रवाल और राहुल रौय जब कपिल के मंच पर आए तो आशिकी के तमाम रूमानी और मेलोडियस गीत कानों में बज उठे, जो बीच के सालों में बिलकुल गायब हो गए थे. डांस रिऐलिटी शो में मिथुन चक्रवर्ती ने बतौर जज खूब उत्साहित किया और उन के फिल्मी अनुभव नए कलाकारों के लिए प्रेरणा बने.

छोटे परदे पर आईं वहीदा रहमान ने जब दर्शकों से अपने गुजरे फिल्मी जीवन और वर्तमान जीवन के अनुभव साझा किए तो दर्शक यह जान कर आश्चर्चकित रह गए कि मशहूर वेटरन ऐक्ट्रैस वहीदा रहमान आज 86 साल की उम्र में अपना सालों पुराना फोटोग्राफी का शौक पूरा कर रही हैं.

वहीदा रहमान इस उम्र में स्कूबा डाइविंग तक करना चाहती हैं. पद्मश्री, पद्मभूषण और दादा साहेब फाल्के जैसे बड़े सम्मान हासिल कर चुकीं वहीदा रहमान महज 17 साल की थीं जब वे हिंदी सिनेमा का हिस्सा बनी थीं. अपने 6 दशकों के ऐक्टिंग कैरियर के बाद वहीदा रहमान लोगों की नजरों से बिलकुल गायब हो गई थीं मगर छोटा परदा उन्हें फिर उन के चाहने वालों के पास ले आया.

फिल्मी परदे पर अपनी रूमानी अदाओं का जादू चलाने वाली आशा पारेख गुजरे जमाने की मशहूर अदाकाराओं में से एक थीं. अपने सिने कैरियर में आशा ने एक से बढ़ कर एक सुपरहिट फिल्में दी हैं. अपने दमदार अभिनय से आशा ने कई दशकों तक दर्शकों के दिलों पर राज किया. आज कैमरे 81 वर्षीय आशा पारेख का फिर से पीछा करने लगे हैं. यह सोशल मीडिया का ही कमाल है. हालांकि, इस बीच वे सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रहीं.

81 साल की आशा पारेख ने आज तक शादी नहीं की. अपनी बायोग्राफी ‘आशा पारेख: द हिट गर्ल’ में ऐक्ट्रैस ने खुलासा किया कि वे मशहूर डायरैक्टर और प्रोड्यूसर नासिर हुसैन से प्यार करती थीं. मगर वे उन से शादी नहीं कर पाईं, क्योंकि नासिर पहले से ही शादीशुदा थे. वे किसी का घर तोड़ कर अपना आशियाना नहीं बनाना चाहती थीं. नासिर के साथ रिलेशनशिप की खबरों के बावजूद आशा का उन की पत्नी और बच्चों के साथ अच्छा बौंड था. आशा की बायोग्राफी लौंच में नासिर की फैमिली भी शामिल हुई थी.

फिल्म ‘शर्मीली’ में जुड़वां बहनों का शोख और शर्मीला रोल निभाने वाली राखी गुलजार के बारे में किसी को नहीं पता था कि फिल्में छोड़ने के बाद वे कहां हैं, क्या कर रही हैं. हाल ही में उन की कई रील्स सोशल मीडिया पर दिखाई दीं जिन में 75 वर्षीया राखी अपने फार्महाउस में पौधे रोपती दिख रही हैं, अपनी गायों को चारा खिलाती नजर आ रही हैं. कभी हर वक्त लाइमलाइट में रहने वाली राखी आज सपनों की दुनिया मुंबई से दूर एक फार्महाउस में एकाकी जीवन जी रही हैं.

‘जीवन मृत्यु’, ‘शर्मीली’, ‘दाग़’, ‘ब्लैकमेल’, ‘कभीकभी’, ‘तपस्या’, ‘दूसरा आदमी’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘बसेरा’, ‘शक्ति’ और ‘करण अर्जुन’ जैसी कितनी ही फिल्में राखी के खाते में हैं. मगर आज अपने फार्महाउस पर राखी एक किसान की तरह रहती हैं. सब्जियां उगाती हैं, बागबानी करती हैं. उन के इस फार्महाउस में कितने ही किस्म के कुत्ते और बिल्लियों के साथ बहुत से जानवर रहते हैं जिन्हें वे अपने हाथों से खिलातीपिलाती भी हैं और नहलातीधुलाती भी.

राखी के बारे में यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि स्टार रहते हुए भी वे अपने सभी काम खुद करती रहीं चाहे घर के कामकाज की निगरानी हो या कानूनी मसले या इनकम टैक्स जमा कराना हो. बता दें कि राखी ने कभी अपने लिए प्रचार एजेंट नहीं रखा.

एक रिपोर्टर ने जब राखी से एक इंटरव्यू में पूछा कि ‘वे इतनी एकांत प्रिय क्यों हो गई हैं?’ तो राखी ने जवाब दिया, ‘मैं अब चकाचौंध की दुनिया में नहीं रहना चाहती. मैं काफी फिल्में कर चुकी हूं. मुझे अब न ज्यादा रुपयों की जरूरत है, न फिल्मों की. मेरी दुनिया अब पनवेल का मेरा फार्महाउस है, जहां मैं हूं और मेरे प्रिय जानवर. मुझे अपनी आजादी से प्यार है. वहां मुझ से कोई सवाल नहीं कर सकता. मैं अपनी जिंदगी स्वतंत्र ढंग से जीती हूं. कोई मेरे प्रति दया या सहानुभूति दिखाए तो वह मुझे जरा भी अच्छा नहीं लगता. अगर मुझे कोई दुख मिलेगा तो मैं उस से खुद निबटने में सक्षम हूं. मुझे रोने के लिए किसी के कंधे का सहारा नहीं चाहिए.’

छोटे परदे और यूट्यूब रील्स में गुजरे जमाने के सुपरस्टार्स धर्मेंद्र और जीतेंद्र भी आजकल खूब नजर आने लगे हैं. धर्मेंद्र तो अकसर अपने खेतखलिहानों में सब्जियां व फूल उगाते दिखते हैं. कभी वे अपने पशुओं के साथ भी उन की सेवा करते और उन्हें चारापानी देते भी रील्स में नजर आ जाते हैं. वहीं जीतेंद्र को आजकल टीवी पर आने वाले डांस शोज में बतौर जज देखा जाता है. उम्र के इस पड़ाव पर परदे पर आने की उन की खुशी उन के चेहरे की चमक से पता चलती है.

परदा भले सिनेमा का नहीं, टीवी का है मगर पुराने कलाकारों का वहां मौजूद होना उन बीते दिनों की यादें ताजा करता है. उन के होने के साथ उन के पुराने डायलौग्स, वो कर्णप्रिय गीत-संगीत सबकुछ फिर सजीव हो उठा है. बीच के दशकों में रैप और भांगड़ा मिला जो शोरभरा, कानफोड़ू संगीन था और जिसे सुनसुन कर हम उकता चुके थे, इन पुराने कलाकारों के सामने आने से मन को सुकून और कानों में रस घोलने वाले गीतों की मधुर लहरियां फिर से सुनाई देने लगी हैं. इस बदलाव को लाने में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है.

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