why Heroines playing mother’s role in Films : इन दिनों सभी मिडिल ऐज की एक्ट्रैसेस मां और दादी बनना पसंद कर रही हैं क्योंकि उन्हें अब लगने लगा है कि बड़ी फिल्मों से अधिक ओटीटी फिल्में दर्शकों को पसंद आ रही हैं. इस की वजह अच्छा कंटैंट, अच्छा मेहनताना और काम की आजादी आदि है.

ऐसी भूमिका से वे कमबैक कर सफल भी हो रही हैं. यही वजह है कि करीना कपूर खान ने भी ओटीटी का रुख किया है और फिल्म ‘जाने जान’ में एक बड़े बच्चे की मां की भूमिका निभाई और इस में उन के किरदार को काफी पसंद भी किया गया. इस से पहले ऐक्ट्रैस को आखिरी बार आमिर खान के साथ फिल्म लाल सिंह चड्ढा में देखा गया था. यह फिल्म बुरी तरह फ्लौप साबित हुई थी, ऐसे में ओटीटी की फिल्में कर वे लाइम लाइट में रहना पसंद कर रही है.

नानी-दादी की बात में होती है दम

‘लस्ट स्टोरीज 2’ में 4 छोटीछोटी फिल्मों का कलैक्शन रहा है, जिस की एक शौर्ट फिल्म में आर बाल्की की कहानी में नीना गुप्ता, मृणाल ठाकुर और अंगद बेदी ने काम किया है. नीना कहानी में दादी मां के रोल में नजर आई हैं. जिस में वे अंगद और मृणाल को सैक्स के बारे में सलाह देती नजर आईं.

नीना ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने क्यों स्क्रीन पर ‘दादी मां’ बनने के लिए हामी भरी और कैसे उन के कैरेक्टर से लोग अब सैक्स की बातें करनी शुरू कर चुके हैं. उन का कहना था कि जो मैं कह रही हूं, वह अगर दादी मां नहीं कहती, तो इस का ज्यादा असर नहीं पड़ रहा होता. इसलिए जो हम फिल्म में कहना चाहते थे, वह दादी मां का कैरेक्टर कह रहा है. असल में दादी या नानी की बातें लोग ध्यान से सुनते हैं और उसे मजाक के रूप में नहीं लेते. ये सही है कि उन की फिल्म अच्छी चली और लोगों ने इसे पसंद भी किया.

नहीं करती गलती

पूर्व मिस यूनिवर्स अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने ऐक्शन से भरपूर सीरीज ‘आर्या’ में कमबैक किया और अपने अभिनय के लिए प्रशंसा बटोरी, जिस का दूसरा सीजन भी अच्छा रहा. आगे आर्या 3 भी आने वाली है. सुष्मिता को मां की भूमिका निभाने में कोई समस्या नहीं, क्योंकि उन्होंने फिल्म ‘बीवी नंबर 1’ में मुख्य भूमिका निभाना चाहती थीं, लेकिन वह भूमिका उन को नहीं मिली. उन्होंने द्वितीय लीड से ही खुद को संतुष्ट किया, लेकिन अब वे ऐसा करना नहीं चाहती हैं, उन्हें मां या दादी कोई भी भूमिका मिले वह कर लेना चाहती हैं, लेकिन उन का किरदार दमदार हो, इसे जांच लेती हैं. यही वजह है कि उन्होंने ओटीटी की आर्या को अपनी पहली पसंद बताया.

होती है चुनौती

इस कड़ी में अभिनेत्री तापसी पन्नू और भूमि पेडणेकर भी कम नहीं, उन दोनों ने हिंदी फिल्म ‘सांड की आंख’ में बुजुर्ग महिला की भूमिका निभाई थी. अभिनेत्री तापसी पन्नू और भूमि पेडणेकर 87 वर्षीय शार्पशूटर चंद्रो तोमर (87) और उन की 82 वर्षीय भाभी प्रकाशी तोमर के रूप में नजर आईं.

इस बारे में दोनों का सोचना था कि फिल्म की स्क्रिप्ट ने ही उन्हें इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी उम्र की महिलाओं का किरदार करने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि वे उस उम्र को इतनी कम उम्र में ही जी लेना चाहती थीं और यह भूमिका उन के लिए एक चुनौती से कम नहीं थी.

इस के अलावा अभिनेत्री रवीना टंडन को भी दादी की भूमिका निभाने में कोई हर्ज़ नहीं, क्योंकि आज दर्शकों का माइंड सेट बदला है, अभिनय में उम्र आड़े नहीं आती. वे एक अच्छी कहानी और अभिनय को देखना पसंद करती हैं किरदार को अधिक महत्व नहीं देतीं.

अभिनेत्री विद्या बालन, कंगना रनौत, काजोल और रानी मुखर्जी जैसी कई अभिनेत्रियां हैं, जो मां या दादी के किरदार को निभाना पसंद कर रही हैं और अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिल को छू लेने वाली प्रस्तुति प्रदान कर रही हैं, जिस की शुरुआत हो चुकी है.

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