अक्तूबर के महीने की शुरुआत से ही त्योहारों की धूम शुरू हो जाती है. नवरात्र, दशहरा के बाद धनतेरस, दीवाली, भाईदूज और छठ का त्योहार आ जाता है. इसे फैस्टिवल सीजन कहते हैं. दीवाली के पहले ही दीवाली औफर्स का प्रचार होने लगता है. पहले भी छूट और डिस्काउंट सेल के नाम से इस काम को किया जाता था, अब इस का दायरा बढ़ने लगा है.

अब बड़ीबड़ी कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स से अधिक औफर्स का प्रचार करती हैं. औनलाइन सेल करने वाली कंपनियां तो कुछ घंटों के लिए फ्री में शौपिंग का फंडा ले कर आती हैं. इस में हजारों ग्राहक उन की वैबसाइट पर विजिट करते हैं. इन में से एकदो को फ्री में शौपिंग करने को मिल भी जाती है, बाकी खाली हाथ रह जाते हैं.

इस से कंपनी का फ्री में प्रचार होता है. इस तरह से एकदो लोगों को चुनी गई चीजों पर फ्री की शौपिंग करा कर हजारों लोगों को अपने तक लाने में कंपनी को सफलता मिलती है. इस तरह के औफर्स प्रचार का जरिया होते हैं. कंपनी को जो खर्च प्रचार पर करना होता है उस से कम में फ्री शौपिंग करा कर उस से अच्छा प्रचार मिल जाता है. फ्री की इस शौपिंग के लिए लोग रातरात जागने के साथ ही साथ यह जानने के लिए कंपनी की वैबसाइट पर इसलिए जाते हैं कि जिस से औफर्स का सब से पहले लाभ उन को मिल सके.

दीवाली में औफर्स की भरमार होती है. दीवाली के औफर्स लाभकारी होते हैं. यह सीजन ऐसा होता है कि जब विंटर सीजन की शुरुआत हो रही होती है. दीवाली में औफर्स के जरिए विंटर का पुराना स्टौक सेल और औफर्स के जरिए बेच दिया जाता है. इस के बाद फ्रैश स्टौक बेचा जाता है. जब विंटर खत्म हो रहा होता है, उस समय होली की सेल लगा कर विंटर स्टौक क्लियर किया जाता है. जो बचता है, उसे दीवाली में क्लियर किया जाता है. इसी तरह से यह क्रम चलता रहता है.

संभल कर करें खरीदारी

कस्टमर को लुभाने के लिए औनलाइन सैल्स, एक्स्ट्रा डिस्काउंट और बंपर औफर जैसे तमाम नाम से स्कीमें चलाई जाती हैं. इस के बाद भी मुनाफा कमाया जा रहा होता है. कोई भी प्रोडक्ट कम में या नुकसान पर नहीं बेचा जाता. कई लोग इस तरह के औफर्स का इंतजार कर रहे होते हैं. ज्यादातर औफर्स स्मार्टफोन, कपड़ों, घरेलू जरूरत के सामान और गाडि़यों पर आते हैं. कुछ लोग इस तरह की शौपिंग का इंतजार सालभर करते हैं. वे पहले से ही लिस्ट बना कर रख लेते हैं कि क्याक्या शौपिंग करनी है. कई बार इस तरह की शौपिंग में धोखा भी हो जाता है.

रीता सिंह ने होली की औफर्स सेल में विंटर का एक जैकेट लिया, जिस की कीमत 4 हजार रुपए थी. 50 फीसदी छूट के बाद वह 2 हजार रुपए का था. होली में विंटर की विदाई हो रही होती है. उस ने यह सोचा कि डिस्काउंट में खरीद लेते हैं, अगले विंटर में काम आएगा. अगले विंटर में जब उस को निकाला तो उस में लगा लैदर खराब हो चुका था. जैकेट को खरीदने में लगे 2 हजार रुपए पानी में डूब चुके थे. असल में सेल क्लियर करने के चक्कर में वह मैटीरियल निकाला जाता है जो रखने पर खराब होने वाला हो. जिन कपड़ों का डिजाइन बदलने वाला होता है उन को भी सेल किया जाता है.

कुछ लोग औफर्स का लाभ लेने में सम?ादारी दिखा सकते हैं. जब आप अगले सीजन के हिसाब से औफर्स में शौपिंग कर रहे हैं तो वे चीजें खरीदें जो अगले सीजन में ठीक से प्रयोग में लाई जा सकें, खराब होने वाली चीजें न लें. दीवाली सीजन में कुछ लोग ऐसे सामान ले लेते हैं जिन का प्रयोग वे होली के बाद समर सीजन में कर सकें. इन पर डिस्काउंट अधिक होता है. खरीदते समय क्वालिटी और एक्सपायरी का ध्यान जरूर रखें.

मैंबरशिप प्लान के भी औफर्स

दीवाली में केवल कपड़ों या घर में इस्तेमाल की जाने वाली जरूरी वस्तुओं के ही औफर्स नहीं होते, मैंबरशिप पर भी औफर्स होते हैं. फैस्टिव डील्स का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए मैंबरशिप प्लान भी बेचे जा रहे हैं. अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे औनलाइन प्लेटफौर्म अपना मैंबरशिप प्लान भी बेचते हैं. अगर सेल में खासी खरीदारी करने वाले हैं तो मैंबरशिप प्लान आप के लिए काम की चीज हो सकती है. यह मैंबरशिप सालाना होती है. इस के अनेक फायदे बताए जाते हैं. उन में कुछ प्रतिशत की एक्स्ट्रा छूट, सेल का अर्ली एक्सेस, फास्ट डिलीवरी जैसी चीजें शामिल होती हैं. डिलीवरी चार्ज भी नहीं लिया जाता. इस तरह की मैंबरशिप लेते समय सावधान रहिए. सीधे तौर पर यह सम?िए कि ये औफर्स केवल उन के लाभ के लिए होते हैं ग्राहक की जेब से पैसा निकालने में.

फैस्टिवल के दौरान जो बड़ी सेल चल रही होती हैं उन में कई बार एक्सचेंज औफर में भी एक्स्ट्रा डिस्काउंट होता है. जैसे पहले आप का कबाड़ फ्रिज, मशीन एक हजार रुपए का जा रहा था, एक्सचेंज औफर में यह 2 हजार रुपए में बिक जाता है. ऐसे में आप नए के बदले पुराना सामान दे कर भी एक्स्ट्रा पैसे बचा सकते हैं. कुछ औफर्स का लाभ लेने के लिए अपने दोस्तों या कलीग्स के साथ मिल कर शौपिंग कर सकते है. ऐसे में सेल का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा पाएंगे. कुछ औनलाइन शौपिंग प्लेटफौर्म कस्टमर को हर खरीदारी पर लौयल्टी पौइंट्स देते हैं. इन पौइंट्स का इस्तेमाल कर के हम अगली खरीदारी में कुछ एक्स्ट्रा पैसे बचा सकते हैं.

फैस्टिव सेल के दौरान कई बार इन पौइंट्स की वैल्यू भी बढ़ा दी जाती है. पहले आप 100 पौइंट्स के बदले 100 रुपए डिस्काउंट पाते थे, सेल में हो सकता है आप को 100 पौइंट्स के बदले 150 रुपए का डिस्काउंट मिल जाए. सेल के दौरान शौपिंग करते वक्त लौयल्टी पौइंट का इस्तेमाल जरूर करना है.

औनलाइन शौपिंग में औफर्स की भरमार

दीवाली में फ्लिपकार्ट, अमेजन, मिंत्रा और जियोमार्ट जैसे औनलाइन प्लेटफौर्म भी औफर्स ले कर आए हैं. फ्लिपकार्ट के दीवाली सेल में मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन और होम एप्लायंसेस पर जबरदस्त डिस्काउंट देने की बात कही जाती है. स्टेट बैंक औफ इंडिया के क्रैडिट और डैबिट कार्ड होल्डर को अलग से डिस्काउंट दिया जाता है. कोटक महिंद्रा बैंक के ग्राहकों को भी अलग से डिस्काउंट मिल जाता है. फ्लिपकार्ट एक्सिस बैंक के यूजर्स को कैशबैक का लाभ देता है. वहीं पेटीएम यूजर्स को भी कैशबैक का लाभ मिल जाता है.

अमेजन भी दीवाली सेल ले कर आता है. 2022 में अमेजन ने दीवाली के मौके पर एक महीने का ग्रेट इंडियन फैस्टिवल सेल लगाया था. उस सेल में ग्राहकों को अलगअलग कैटेगरीज पर भारी डिस्काउंट औफर मिला था. अलगअलग कैटेगरीज में ग्राहकों को अलगअलग औफर थे. इस में सिले कपड़े, स्मार्टफोन, लैपटौप आदि पर भारी डिस्काउंट दिया गया था. इसी तरह से मिंत्रा दीवाली सेल और जियोमार्ट दीवाली सेल भी लगी थीं. दीवाली में सेल और औफर्स की भरमार दिखेगी. खरीदने के पहले सम?ाना जरूरी है, जिस से औफर्स के ?ांसे में आने से बचा जा सके.

औफर्स की जानकारी जरूरी

औफर्स की जानकारी पूरी रखनी चाहिए. उस की पूरी रिसर्च करें. तभी औफर्स के ?ांसे से बच सकेंगे. इसलिए बैस्ट प्राइस में बैस्ट डील पाने के लिए प्रौपर रिसर्च की जरूरत होती है, जैसे स्पेसिफिकेशन, रिव्यू, दूसरे ऐप पर उस प्रोडक्ट का प्राइस आदि. सम?ादार लोग ढंग से मार्केट रिसर्च कर के ही कोई प्रोडक्ट खरीदने का फैसला करते हैं. इस से आप के पैसों की बचत होती है और आप ठगे जाने से भी बच जाते हैं.

फायदे के चक्कर में नुकसान न उठाएं

औफर्स के चक्कर में ओवर स्टौकिंग से बचें. औफर के चक्कर में गैरजरूरी चीजें न खरीदें. औफर्स के ?ांसे में आ कर इतना न खरीद लें कि आप का बजट ही बिगड़ जाए. क्रैडिट कार्ड का प्रयोग करने से पैसा जेब से जाते हुए दिखता नहीं, इसलिए खर्च अधिक हो जाता है. इस से बचने के लिए आप पहले ही जरूरी सामान की लिस्ट बना लें. जरूरत के सामान ही खरीदें.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...