Amitabh Bachchan Coolie Accident : हिन्दी सिनेमा के सबसे प्रभावशाली अभिनेताओं में से एक ”अमिताभ बच्चन” 70 के दशक से बॉक्स ऑफिस पर राज कर रहे हैं. आज यानी 11 अक्टूबर को बिग बी 81 साल के हो गए हैं. हालांकि उन्होंने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव भी देखे हैं. यहां तक की उनकी जिंदगी में एक ऐसा भी मोड़ आया था जब बड़े से बड़े डॉक्टर्स ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे कि वो उन्हें बचा नहीं पाएंगे. तो आइए जानते हैं उसी घटना के बारे में जब मौत को मात देकर ”अमिताभ बच्चन” वापस आए थे.

डॉक्टरों ने भी छोड़ दी थी आस

10 अगस्त 1982, ये वो ही तारीख है जिस दिन महानायर ”अमिताभ बच्चन” अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे थे. दरअसल, उस समय वह बेंगलुरु स्टेशन में फिल्म ‘कुली’ के एक स्टंट सीन की शूटिंग कर रहे थे. इस दौरान अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan Coolie Accident) बुरी तरह घायल हो गए थे. उनकी हालात इतनी क्रिटिकल हो गई थी कि डॉक्टर्स को उन्हें बचा पाना मुश्किल हो गया था. वहीं दूसरी तरफ दूनियाभर में उनके फैंस उनके ठीक होने के लिए दुआ, हवन, यज्ञ तथा अरदास कर रहे थे. इसके अलावा उनकी लंबी उम्र के लिए कई लोगों ने तो चर्च में गॉड से प्रेयर भी की थी.

फाइट सीन के दौरान हुआ था हादसा

आपको बता दें कि उस समय अमिताभ बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के ”ज्ञान भारती परिसर” में फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग कर रहे थे. जहां एक फाइट सीन के दौरान फिल्म में खलनायाक बने एक्टर ‘पुनीत इस्सर’ को ”अमिताभ बच्चन” के पेट में घूंसा मारना था. जब पुनीत ने अभीताभ के पेट में घूंसा मारा तो उनके पीछे एक बोर्ड आ गया, जिससे महानायर उससे टकरा गए. ऐसे में उनको पुनीत का वो घूंसा इतना तेज लगा कि वो दर्द से कराह उठे. उन्हें इतनी तेज दर्द हो रहा था कि वो वहीं जमीन पर लेट गए. हालांकि टीम के अन्य लोगों को ये नहीं पता था कि अमिताभ के साथ दुर्घटना घटी है.

जया बच्चन की भी हालात हो गई थी खराब

जब एक्टर से दर्द बर्दाश्त नहीं हो पाया तो वो उस दिन के लिए छुट्टी लेकर वापस होटल चले गए. जहां उनकी पत्नी जया और बच्चे पहले से मौजूद थे. होटल पहुंचते ही वह बेड पर लेट गए और पत्नी जया से बोला मुंबई से मेरे निजी चिकित्सक ‘डॉ शाह’ को तुरंत बुलाओ और बच्चों को वापस घर भेज दो. अमिताभ की खराब हालत देख ”जया बच्चन” घबरा गई और अपने स्टाफ के साथ बच्चों को तुरंत मुंबई भेज दिया.

अगले दिन सुबह होते ही डॉक्टर के साथ अमिताभ के भाई ‘अजिताभ’ भी बेंगलुरु आ गए. हालांकि रात में दो डॉक्टर ने अमिताभ को चेक किया था और उन्हें दर्द की गोली और इंजेक्शन दिया था. लेकिन उसका कोई खास असर नहीं हुआ. फिर सुबह ‘डॉ शाह’ ने अभिनेता का एक्सरे किया और तुरंत उन्हें वहां के ‘सेंट फिलोमिना अस्पताल’ में भर्ती कराया. हालांकि तब तक ये खबर  पूरे देश में फैल गई थी. आम से लेकर तमाम बड़े लोग एक्टर के सही होने के लिए प्रार्थना कर रहे थे.

अमिताभ के शरीर में फैल गया था जहर

वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर्स को अमिताभ (Amitabh Bachchan Coolie Accident) की बीमारी के बारे में कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. बीते दिन से एक्टर दर्द और सांस लेने में परेशानी की समस्या का सामना कर रहे थे. डॉक्टर्स को ऐसा लग रहा था कि वो कोमा में भी जा सकते हैं. हालांकि जिस अस्पताल में अभिनेता का इलाज चल रहा था तब वहां सर्जरी के लिए विख्यात यूरोलोजिस्ट ”डॉ हट्टंगडी शशिधर भट्ट” मौजूद थे. जिन्होंने जया बच्चन के कहने पर अमिताभ का इलाज किया.

इलाज के दौरान डॉक्टर को पता चला कि अमिताभ की आंत फट गई थी और जहर पूरे पेट में फैल चुका था. जो शरीर के दूसरे अंगों पर भी हमला करने को तैयार था. इसलिए डॉक्टर ने तुरंत ऑपरेशन करना ठीक समझा, जिससे अमिताभ के सिर पर मंडराता मौत का खतरा कुछ समय के लिए टल गया. लेकिन जिस अस्पताल में उनका ऑपरेशन हो रहा था वहां सीमित सुविधाएं ही थी. इसलिए उन्हें तुरंत चार्टेड प्ले में एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था कर मुंबई के ‘ब्रीच कैंडी अस्पताल’ में शिफ्ट किया गया. जहां उनकी एक ओर सर्जरी की गई. पर सर्जरी के बाद भी उनकी आंत से खून लगातार बह रहा था, जिससे उनके शरीर में खून की कमी हो गई. इसके बाद उन्हें करीब 60 यूनिट खून चढ़ाया गया.

इस तरह हुआ अमिताभ का पुनर्जन्म

हालांकि तमाम प्रयास के बाद भी उनकी हालात खराब हो रही थी. फिर एक दिन अचानक से उनका बीपी और पल्स जीरो हो गई. जिसे देख डाक्टर्स ने उम्मीद छोड़ दी. फिर आखिरी उम्मीद के तौर पर डॉक्टर ने उन्हें एक दवाई की ओवरडोज के रूप में कुछ इंजेक्शन दिए, जिसका असर होते ही अमिताभ के पैर के अंगूठे में कुछ हरकत हुई और कुछ ही पल में उन्होंने अपनी आंखें खोल दी. माना जाता है कि उस दिन ”अमिताभ बच्चन” (reincarnation of amitabh bachchan) का पुनर्जन्म हुआ था. फिर धीरे-धीरे वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए.

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