जल्द अमीर बनने के लिए लोग तमाम तरह की तिकड़में लगाते हैं. कुछ तो इस के लिए गलत काम करने को भी तैयार रहते हैं. जबकि वे अच्छी तरह जानते हैं कि गलत काम की जब पोल खुलेगी तो वे सीधे जेल जाएंगे. इस के बावजूद भी वे गलत काम करने से नहीं हिचकते. दिल्ली के विजय सिंह को ही ले लीजिए. वह आश्रम स्थित किलोकरी गांव में प्लेसमेंट एजेंसी चलाता था, पर इसी काम की आड़ में वह दूसरा गैरकानूनी काम भी करता था. इस गैरकानूनी काम में वह अपनी पत्नी मनीषा का भी सहयोग लेता था. पत्नी की मदद से हाल ही में उस ने करीब 80 लाख रुपए के हीरे व सोने के गहनों पर हाथ साफ किया.
34 साल का विजय सिंह दक्षिणपूर्वी दिल्ली के आश्रम स्थित किलोकरी गांव में एक प्लेसमेंट एजेंसी चलाता था. एजेंसी के माध्यम से ज्यादातर वह बड़ेबड़े घरों व कोठियों में नौकर या नौकरानियों को नौकरी पर रखवाता था और यदि कोई हाईप्रोफाइल व्यक्ति घरेलू सहायिका की मांग करता तो वह योजना के अनुसार अपनी पत्नी मनीषा को भेज देता था.
दिल्ली के वसंतकुंज की रहने वाली निशू घरेलू सहायिका के लिए विजय सिंह की प्लेसमेंट एजेंसी पहुंची तो लग्जरी कार और पहनावे को देख कर विजय ने भांप लिया कि यह मोटी आसामी है. योजना के अनुसार, उस ने अपनी 30 वर्षीय पत्नी मनीषा को निशू के साथ भेज दिया. यह 18 मार्च, 2017 की बात है.
मनीषा को तो सहायिका के रूप में उस कोठी में कोई दूसरा ही काम करना था, लिहाजा पहले दिन से ही उस की नजरें कोठी के कीमती सामान की स्कैनिंग करने लगीं. मनीषा ने जल्दी ही अपनी मीठीमीठी बातों से निशू पर प्रभाव जमा लिया. अगले दिन निशू को किसी जरूरी काम से घर से बाहर जाना पड़ गया. अपनी अलमारी आदि बंद कर के वह मनीषा को कोठी पर छोड़ गई. उस दिन कोठी में मनीषा के अलावा और कोई नहीं था.
मनीषा इसी मौके के इंतजार में थी. उस ने फोन कर के अपने पति विजय सिंह को बुला लिया. इस के बाद उन्होंने फटाफट अलमारियों के ताले तोड़ कर हीरे, सोने की ज्वैलरी निकाल ली. इस के अलावा कोठी का कीमती इलैक्ट्रौनिक सामान ले कर दोनों वहां से खिसक गए.
देर शाम निशू जब घर लौटी तो उसे अलमारियों के ताले टूटे मिले और कोठी का सामान भी अस्तव्यस्त था. एक दिन पहले मनीषा नाम की जिस नौकरानी को काम पर रखा था, वह भी गायब थी. वह समझ गई कि यह सब मनीषा ने ही किया होगा.
जब निशू ने लौकर वगैरह चैक किए तो वहां रखी सारी ज्वैलरी गायब थी, जिस की कीमत करीब 80 लाख रुपए थी. यह देख निशू के होश ही उड़ गए. निशू ने जब नौकरानी मनीषा का फोन मिलाया तो वह स्विच्ड औफ मिला. जिस प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से उस ने मनीषा को रखा था, उस के संचालक विजय सिंह को भी उस ने फोन मिलाया. उस का भी फोन बंद मिला.
निशू ने इस की शिकायत दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम से की. इस पर थाना वसंतकुंज (नौर्थ) के थानाप्रभारी गगन भास्कर निशू की कोठी पर पहुंचे. निशू ने उन्हें पूरी बात बता दी. मामला हाईप्रोफाइल था, इसलिए थानाप्रभारी ने सूचना डीसीपी को भी दे दी. डीसीपी ने एसीपी के.पी. कुकरेती के नेतृत्व में तुरंत एक टीम बनाई, जिस में थानाप्रभारी गगन भास्कर, एसआई कुलदीप, एएसआई छतरपाल आदि को शामिल किया.
पुलिस टीम ने सब से पहले फरार नौकरानी मनीषा के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया. सर्विलांस में उस के फोन की लोकेशन हजरत निजामुद्दीन क्षेत्र की मिली. किसी तरह पुलिस टीम मनीषा के पास पहुंच गई. उस के साथ उस का पति विजय सिंह भी मिल गया. पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले कर पूछताछ की तो उन की निशानदेही पर पुलिस ने उन के कमरे से वह सारी ज्वैलरी बरामद कर ली, जो उन्होंने निशू की कोठी से चुराई थी.
पुलिस ने दोनों से पूछताछ कर के यह पता लगाने की कोशिश की कि इन्होंने इस से पहले और कहांकहां हाथ साफ किया था. लेकिन दोनों इतने ढीठ निकले कि कुछ भी नहीं बताया. बहरहाल, पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी विजय सिंह और उस की पत्नी मनीषा को अदालत पर पेश कर जेल भेज दिया.