सुरेश ने फोन बंद कर दिया. 2 दिन बाद फोन आया, ‘‘फूफाजी, सारे प्रमाणपत्र अटैस्ट हो गए हैं. अब सेना मुख्यालय में डौक्युमैंट्स भेजने हैं.’