सवाल

मेरी उम्र 38 साल है, पढ़ीलिखी गृहिणी हूं. मेरे 2 बच्चे हैं जो 10वीं और 12वीं में हैं. घर में रुपएपैसे की कोई दिक्कत नहीं. अच्छा बड़ा घर है. मेरी परेशानी है मेरे पति. पति का स्वभाव अजीब है. वे अच्छी जौब में हैं, अच्छीखासी सैलरी है, विदेश जाते रहते हैं औफिशियली वर्क से. इतना सब होते हुए भी कंजूसी से काम लेते हैं. बच्चों को वैसे तो बहुत प्यार करते हैं पर जब बच्चे बाहर घूमनेफिरने की बात करते हैं तो कहते हैं, इन्हें घर पर पहले खिलापिला दो ताकि बाहर ज्यादा खानेपीने की जिद न करें.

मेरे मायके वालों की वे बिलकुल इज्जत नहीं करते. यदि वे घर आ जाएं तो इग्नोर करते हैं. मेरी इंपौर्टेंस बिलकुल नहीं है उन की लाइफ में जबकि पूरा घर मैं संभालती हूं. बच्चों की पढ़ाई, स्कूल सब मु झे देखना होता है. ड्राइविंग जानती हूं, अपने को वेल मेंटेन रखती हूं. फिर भी पति न जाने मुझ से क्या चाहते हैं. कभीभी उन्हें लगता है कि मैं यह घरबार छोड़ कर चली न जाऊं तो फिर मुझ से मीठीमीठी बातें करनी शुरू कर देते हैं, मु झे बहलाने लगते हैं. बच्चे बड़े हो गए हैं. वे सब देखतेसम झते हैं. इसलिए साल में एक बार दोतीन दिनों के लिए बाहर घूमने का प्रोग्राम बना लेते हैं.

इन्होंने शादी के बाद कभी मेरी प्रशंसा नहीं की. सासससुर कईकई दिनों के लिए हमारे पास रहने के लिए आते हैं. मैं उन की पूरी सेवा करती हूं. उन से कहती हूं कि अपने बेटे को समझाएं तो कहते हैं कि पतिपत्नी के मामले में हम नहीं बोलते.

मुझे लगता है, मैं ने अपनी जिंदगी यों ही बेकार कर दी, उबाऊ सी जिंदगी जी रही हूं. बच्चों की लाइफ खराब न हो जाए, यह सोच कर पति से अलग नहीं हो सकती. क्या करूं, कुछ समझ नहीं आ रहा. आप ही कोई रास्ता बताएं.

जवाब

आप जैसी पढ़ीलिखीसम झदार औरतों की यही खराबी है कि अपने लिए स्टैंड नहीं ले सकतीं.

अरे भईआप पति की पूरी की पूरी गृहस्थी संभाल रही हैं. वह कमा कर दे रहा है तो आप भी उस घर को चलाने में अपना 100 प्रतिशत दे रही हैं तो आप के काम की कद्र क्यों नहीं?

आप तारीफ के दो शब्दों की हकदार क्यों नहीं. पति घर में नहीं होते तो पीछे से घर व बच्चों की जिम्मेदारी आप ही उठाती हैं तभी तो वे बेफिक्र हो कर बाहर जा कर कमा पाते हैं. फिर आप के काम को कम क्यों सम झा जाता हैइस सब के लिए आप जिम्मेदार हैं. आप ने ही अपने को कम आंका है. आप ने खुद अपने लिए स्टैंड नहीं लिया. जब पहली बार पति ने आप के मायके वालों को इग्नोर कियाआप को तभी आवाज उठानी चाहिए थी. आप जब अपने सासससुर की पूरी सेवा व आवभगत करती हैं तो पति का भी फर्ज है कि वे आप के मातापिता की इज्जत करें.

आप अपने पति से साफसाफ बात करें. वे आप से चाहते क्या हैंआप उन की सब बातें मानती हैं तो उन से मजबूती से कहें कि अब मु झे सम्मानभरा जीवन जीना हैवरना आप को भी कुछ अपने लिए सोचना पड़ेगा. पत्नी के कई अधिकार हैं. आप किसी तरह का डर मन में मत रखिए. जिंदगी में अपने हक के लिए लड़ना पड़ता हैफिर चाहे वह घर हो या बाहर.  

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