राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) में कांस्टेबल विमल 2 बच्चों का बाप था, इस के बावजूद सरकारी अस्पताल की नर्स अलका के साथ उस का चक्कर चल रहा था.  पुष्पा की रात में अचानक मौत हो जाने की खबर से उस के मायके में सभी सन्न रह गए. न तो उस के भाई सुनील को और न ही मातापिता यकीन हो

रहा था कि 21 मार्च, 2022 को दिन में भलीचंगी पुष्पा की रात में ऐसी क्या हालत बिगड़ गई कि उस की मौत ही हो गई? …और वह भी होम्योपैथी की दवाई खाने से?

यह दुखद खबर खुद पुष्पा के पति विमल ने फोन कर अपने छोटे साले सुनील को दी थी. विमल के सिसकने की आवाज से ही सुनील को अंदाजा हो गया था कि उस का जीजा रोने का नाटक कर रहा है. घडि़याली आंसू बहा रहा है. फिर भी उस ने उसे सांत्वना दी और तुरंत यह सूचना अपने पिता को दी.

बेटी के मौत की खबर सुनते ही पिता नंदराम सिंह होश उड़ गए. उन्हें जरा भी यकीन नहीं हुआ कि दवाई खाते ही उस की मौत हो जाए. कारण वह अपनी बेटी की सेहत के बारे में अच्छी तरह जानते थे. वह सेहतमंद

थी. खुशमिजाज थी. उन्हें पता था कि उसे कोई गंभीर बीमारी भी नहीं थी. हां, कभीकभार वह सिरदर्द से परेशान जरूर हो

जाया करती थी, जिसे दामाद बहुत बड़ी जानलेवा बीमारी की तरह बताता था.

उस वक्त तो नंदराम ने खुद को किसी तरह से काबू में किए रखा और अपने तीनों बेटों को ले कर इस घटना के संबंध में विचारविमर्श के लिए गांव के कुछ संभ्रांत लोगों के पास गए. उन से सलाहमशविरा किया. कुछ रिश्तेदारों को भी बुला लिया. सभी ट्रैक्टर ट्राली और बाइक से पुष्पा की ससुराल जा पहुंचे.

पुष्पा का मायका उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद से करीब 8 किलोमीटर दूर कांठ रोड पर शेरुआ धर्मपुर में है. उस गांव के अधिकतर लोग खेती करते हैं और गायभैंस  पाल कर दूध का कारोबार करते हैं. नंदराम डाक विभाग में पोस्टमैन हैं और उन की पोस्टिंग अगवानपुर डाकघर के अंतर्गत फतेहपुर विश्नोई गांव में है.

उन के 3 बेटे सचिन, सुनील और कुलदीप हैं, जबकि 3 बेटियों में पुष्पा सब से छोटी थी. उस ने बीए तक की पढ़ाई की थी. उस की शादी जीआरपी में सिपाही की नौकरी करने वाले विमल से 9 साल पहले 2013 में हुई थी.

विमल का पुश्तैनी मकान मुरादाबाद के ही मैनाठेर थानाक्षेत्र के अंतर्गत नूरपुर गांव में है. यह गांव पुष्पा के मायके से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है. विमल के पिता पंजाब सिंह और उस का छोटा भाई गुरमीत सिंह है. उस की 2 बहनें भी हैं.

विमल की पुष्पा से शादी के बाद की खुशहाल जिंदगी शुरू हो गई थी. पुष्पा जैसी खूबसूरत और घरेलू काम में निपुण पत्नी पा कर विमल धन्य हो गया था.

पुष्पा ने जल्द ही परिवार के सभी सदस्यों का मन मोह लिया था. वह सब की चहेती बन गई थी. विमल तो पुष्पा के प्रेमपाश में बंध गया था.

उस के प्यार में थोड़ी कमी तब आई, जब पुष्पा एक बच्चे की मां बन गई. कुछ साल बाद वह दूसरे बच्चे की भी मां बन गई और इस तरह से पुष्पा और विमल 2 बच्चों के छोटे से परिवार में बेहद खुश थे.

उन की खुशी में अचानक खलल तब पड़ गई, जब विमल की जिंदगी में अलका नाम की युवती आ गई. उन की दोस्ती फेसबुक के पोस्ट लाइक और शेयर करते हुए गहरी हो गई. हालांकि दोनों के जानपहचान की शुरुआत पुष्पा के अस्पताल में भरती होने के दरम्यान हुई थी. तब पुष्पा अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने के सिलसिले में जिस सरकारी अस्पताल में भरती थी, वहीं अलका सीनियर नर्स थी.

पुष्पा की मौत को ले कर कर दिया हंगामा

पुष्पा के पिता नंदराम सिंह अपने बेटों के साथ नूरपुर गांव जाने से पहले मैनाठेर थाने गए. उन्होंने थानाप्रभारी अमरनाथ वर्मा को बेटी की आकस्मिक मौत पर संदेह जताते हुए उस की ससुराल वालों पर हत्या की शिकायत दर्ज करवाई. नूरपुर पहुंचने पर पुष्पा के शव को देख कर उन्हें नहीं लगा कि उस की किसी बीमारी से स्वाभाविक मौत हुई है.

विमल के परिजनों ने उन्हें बताया कि तबीयत खराब होने के कारण उन्होंने पुष्पा को होम्योपैथी की दवा पिलाई थी. जिस का रिएक्शन हो गया था. यह बात पुष्पा के पिता और उन के साथ गए किसी सदस्य के गले नहीं उतरी.

उन्हें हैरानी इस बात की हुई कि मैनाठेर थाने की पुलिस भी विमल और उस के परिवार की बातों से सहमत होती दिखी. पुलिस का यह रवैया देख पुष्पा के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया.

कुछ समय में ही बात बिगड़ती देख स्थानीय पुलिस ने अपने आला अफसरों को घटना की सूचना दी और हंगामे को शांत करने के लिए और पुलिस फोर्स की मांग की.

थोड़ी देर में ही काफी संख्या में पुलिस वहां आ गई. उन के साथ आए आला अधिकारियों ने नाराज परिजनों को समझाने की पूरी कोशिश की, जबकि वे इस की जांच करवाने और पुष्पा के ससुराल वालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने पर अड़े रहे.

आखिरकार नंदराम और उन के परिजनों की मांग पर पुष्पा के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस राजी हो गई. पंचनामा भर कर शव पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया गया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले ही विमल और परिवार के दूसरे सदस्य फरार हो गए. पुष्पा की लाश उस के पिता को सौंप दी गई, जिस का परिजनों ने पास के अगवानपुर गांव स्थित श्मशान में दाह संस्कार करवा दिया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई चौंकाने वाली

पुष्पा की मौत से उस के मायके में मातम का माहौल बन गया था. वे उस की ससुराल वालों के प्रति गुस्से में थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद उन का गुस्सा और बढ़ गया. कारण रिपोर्ट में पुष्पा की मौत गला घोटा जाना बताया. इस जानकारी के बाद पुलिस का रुख बदल गया.

पुलिस ने नंदराम को न्याय दिलवाने का आश्वासन दिया. सीओ देश दीपक सिंह और मैनाठेर के थानाप्रभारी अमरनाथ वर्मा की हमदर्दी से नदंराम को काफी उम्मीद जागी.

नंदराम की तहरीर पर 22 मार्च, 2022 को दर्ज की गई हत्या की रिपोर्ट पर पुलिस ने काररवाई शुरू कर दी.

इस मामले को सुलझाने के लिए एसएसपी बबलू कुमार ने एक टीम बनाई. टीम में सीओ देश दीपक सिंह के अलावा मैनाठेर थानाप्रभारी अमरनाथ वर्मा, इंसपेक्टर (क्राइम) जितेंद्र सिंह, एसआई वेदपाल सिंह, अजयपाल सिंह, जयपाल सिंह, सर्विलांस सेल प्रभारी आशीष सेहरावत, हैडकांस्टेबल राजीव कुमार, कांस्टेबल कपिल कुमार, मैनाठेर थाने के कांस्टेबल अक्षय खाटियान, वीरपाल, अतुल चौधरी, महिला कांस्टेबल कुमारी आशा और कुमारी उपासना शामिल कर लिए गए. आगे की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पुष्पा की ससुराल वालों से गहन पूछताछ शुरू कर दी.

पुलिस ने सब से पहले मृतका के पति विमल और उस के पिता पंजाब सिंह, मां ऊषा  समेत परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल नंबरों की काल डिटेल्स निकलवाई. जिस से पता चल गया कि विमल की हापुड़ जिले के  गांव कटिया जाफराबाद निवासी स्टाफ नर्स अलका से फोन पर लंबी बातचीत होती थी. अलका की बात विमल के अलावा उस के मांबाप से भी काफी हुई थी.

पुलिस ने तुरंत अलका को पूछताछ के सिलसिले में थाने बुलाया. पहले तो उस ने थाने आने से इनकार किया और खुद को सरकारी अस्पताल में काम के बोझ का बहाना  बनाया. किंतु पुलिस ने जब पुष्पा के ससुराल वालों के 3 सदस्यों की काल डिटेल्स के चलते सस्पेंड होने की बात बताई, तब वह भागीभागी थाने आई. उस के बाद उस ने जो कहानी बताई, वह काफी चौंकाने वाली निकली—

करीब ढाई साल पहले की बात है. तब पुष्पा दूसरी बार मां बनने वाली थी. उसे सरकारी अस्पताल के जच्चाबच्चा वार्ड में भरती करवाया गया था. वहां पुष्पा अलका नर्स की देखरेख में थी. बच्चे के जन्म में देरी हो रही थी. इस कारण पुष्पा को एक सप्ताह तक अस्पताल में रुकना पड़ा था.

इस बीच विमल का दिन में लगातार कई बार अस्पताल आनाजाना लगा रहता था. खाली समय में वह अलका से गप्पें लगाने लगा था. अलका भी विमल से जानपहचान उस के पुलिस वाला होने के कारण बढ़ा ली थी. वे इधरउधर की बातें करने लगे थे. अलका फिल्मों की शौकीन थी. नई रिलीज होने वाली फिल्में मोबाइल पर देखती रहती थी.

अलका और विमल दे बैठे एक दूजे को दिल

एक रोज अलका मोबाइल पर अपनी पसंद की कोई फिल्म ढूंढ रही थी. नहीं मिलने पर उस ने पास ही बैठे विमल से उस के बारे में पूछा. विमल ने तुरंत उस के पसंद वाली फिल्म ढूंढ कर निकाल दी. इस पर अलका हंसते हुए मजाक में बोली, ‘‘आखिर हो तो पुलिस वाले ही न, कुछ भी ढूंढ निकालने की आदत है.’’

जवाब में विमल मुसकराता हुआ बोला, ‘‘असल में मुझे भी फिल्में देखने का बहुत शौक है.’’

‘‘अच्छा! तब तो हमारीतुम्हारी खूब जमेगी. अपना नंबर बताना, मैं तुम्हें अपना फ्रैंड बना लेती हूं. जब तुम यहां से चले जाओगे, तब तुम से फेसबुक पर चैटिंग करूंगी. फिल्मों के बारे में पूछती रहूंगी,’’ अलका बोली.

इस तरह से अलका और विमल फेसबुक फ्रैंड बन गए. पुष्पा ने बेटे को जन्म दिया और घर आ गई. नवजात बच्चे की देखभाल में उस का ध्यान पति विमल की तरफ से थोड़ा हट गया था. विमल ने महसूस किया कि पुष्पा अब पहले वाली नहीं रही. उस के साथ प्रेम से बात तक नहीं करती. हमेशा बच्चों के लिए फरमाइशें लिए हाजिर रहती है.

पुष्पा जहां अपने बच्चों के लालनपालन में व्यस्त हो गई थी, वहीं विमल उस के साथ देहसुख से वंचित हो गया था. इस मामले में पुष्पस विमल के प्रति वह एकदम से नीरस बन गई थी.

उपहार और प्यार की बातों की कोशिशों के बावजूद पुष्पा का विमल के प्रति प्रेम नहीं उमड़ता था. जबकि अलका उसे हर रात सोने से पहले छेड़छाड़ और शरारत भरा मैसेज भेजती रहती थी. गुड नाइट बोलती थी. उस की मीम्स लगाती थी. कई बार सैक्सी मीम्स भी होते थे, जिसे देख कर मर्द होने के बावजूद विमल शरमा जाता था.

प्रेमी को भेजी न्यूड तसवीर

एक बार तो उस ने हद ही कर दी. बगैर चेहरे वाली एक न्यूड तसवीर भेज दी और नीचे लिख दिया ‘पहचानो कौन?’

अलका की शादी की उम्र निकल चुकी थी. नर्स के पेशे में होने के चलते उस की शादी में कई तरह की बाधाएं आ रही थीं. रात को सोने के वक्त जब उस पर वासना हावी हो जाती थी, तभी वह ऐसी हरकतें करती थी.

अलका के इमोजी, टेक्स्ट और मीम्स से भरे मैसेज से साफ था कि वह विमल को दिल से चाहने लगी थी. वह विमल को मन ही मन में अपना जीवनसाथी बनाने का सपना बुनने लगी थी. उस के साथ हमबिस्तर होने का ख्वाब भी देखने लगी थी, जिस का जिक्र कई बार अपनी चैटिंग में भी वह कर चुकी थी.

विमल को शेरोशायरी का शौक था. वह अलका की छेड़छाड़ वाले मैसेज का जवाब प्यार भरी शेरोशायरी में देने लगा था. उस के मैसेज और मीम्स देख कर मन में गुदगुदी होने लगी थी. सच्चाई तो यह थी कि विमल को भी अलका की जवानी जबतब कसक दे जाती थी. यानी कि दोनों ने एकदूसरे के दिल में जगह बना ली थी.

विमल ने महसूस किया कि वह अलका के प्रेम जाल में फंस चुका है. अब उसे निर्णय लेने की बारी थी, लेकिन वह दुविधा से घिरा हुआ था. अलका के कहने पर ही उस ने पहले उसे अपने मातापिता से मिलवाया.

विमल के मातापिता ने अलका को समझाया कि विमल शादीशुदा है, इसलिए उस की जिंदगी से वह निकल जाए. जबकि अलका अपनी बात पर अड़ गई कि वह विमल से बहुत प्यार करने लगी है. उस के बगैर नहीं रह सकती. अगर उन्होंने विमल से उस की शादी नहीं करवाई तो वह उसे रेप के केस में फंसा देगी, जिस से विमल की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी.

अलका ने एक तरह से विमल के मांबाप को धमकी दी थी. इस पर वे गंभीर हो गए. उन्होंने जब विमल के बारे में सोचा और अलका की नौकरी का ध्यान आया, तब अलका की बात मानने को तैयार हो गए.

विमल की मां ने पुष्पा के रहते उसे अपनी बहू बनाने के संदेह के बारे में पूछा तब उस ने एक झटके में कह दिया, उसे हमेशा के लिए हटा देंगे. यह सुन कर विमल की मां ऊषा अवाक रह गईं और अपने पति पंजाब सिंह से अलका के मन की बात बताई.

दरअसल, विमल के मातापिता अलका के मानसिक दबाव से काफी उलझ गए थे. एक तरफ बेटे की बसीबसाई घरगृहस्थी को तबाह होने से बचाने की चिंता थी, दूसरी तरफ अलका से मिला लालच भी था. उस ने कहा था कि विमल से शादी होने पर वह उन की कमाऊ बहू होगी, जबकि पुष्पा में क्या रखा है?

आखिरकार विमल के मातापिता ने अलका की बात मानने के लिए हामी भर दी और वे पुष्पा को रास्ते से हटाने के लिए बनाई योजना में शामिल हो गए.

योजना के मुताबिक, अलका ने भाड़े के हत्यारों पर होने वाले 55 हजार रुपए खर्च की बात बताई और कुछ पैसे जुटाने के लिए कहे. इस के लिए उस ने विमल की मां से 20 हजार रुपए ले कर बुलंदशहर के 3 बदमाशों को सुपारी दे दी. बाकी पैसे काम हो जान के बाद देने की बात हुई थी. इस में विमल भी शामिल हो गया था.

यह 20 मार्च, 2022 की बात है. इस की पूरी तैयारी अमरोहा जिले के कस्बा जोया के एक होटल में की गई. अलका हापुड़ से अपने भतीजे सुंदर और उस के भांजे निशांत तथा एक अन्य को साथ ले कर अपनी वैगनआर कार से नूरपुर गांव आई. तब रात के 2 बज रहे थे. वहां पहले से इंतजार कर रही विमल की मां ने घर का दरवाजा खोला.

सभी घर के अंदर पुष्पा के कमरे में पहुंचे, जहां वह गहरी नींद में सो रही थी. अलका और विमल ने गहरी नींद में सो रही पुष्पा का हाथों से गला दबा दिया. जबकि सुंदर, निशांत और उन के साथी ने पुष्पा के हाथपैर पकड़ लिए थे. इस दौरान विमल का पिता पंजाब सिंह दरवाजे पर पहरेदारी करता रहा.

घटना को अंजाम देने के बाद अलका अपने साथियों के साथ वापस लौट गई, जबकि विमल के मातापिता अपने कमरे में आराम से सो गए.

इस पूरे मामले का खुलासा होने के बाद पुष्पा हत्याकांड में शामिल सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए मैनाठेर एवं सर्विलांस टीम ने पहल की. पुलिस ने 25 मार्च, 2022 को आरोपी विमल कुमार, पंजाब सिंह उस की पत्नी ऊषा और अलका को गिरफ्तार कर लिया.

घटना में इस्तेमाल की गई कार भी पुलिस ने बरामद कर ली गई. उसी दिन पुलिस ने अभियुक्त विमल, प्रेमिका अलका और पिता पंजाब सिंह को अदालत में पेश कर दिया. वहां से उन्हें उन्हें जेल भेज दिया गया. ऊषा के अस्वस्थ होने के कारण पहले उसे अस्पताल में भरती करवा दिया दिया गया. बाद में उसे भी जेल भेज दिया गया. पुष्पा हत्याकांड का  खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी बबलू कुमार ने 25 हजार रुपए और प्रशस्ति पत्र से पुरस्कृत करने की घोषणा की.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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