आज तकनीक ने हमारे जीवन को काफी आसान बना दिया है. दुनिया भर के काम अब पलक झपकते ही संपन्न हो जाते हैं. हर कदम पर हम किसी न किसी रूप में तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस से जहां हमारा जीवन बहुत सरल और सुविधाजनक हो गया है वहीं दूसरी तरफ इस के दुष्परिणाम जिंदगी में न केवल जहर घोल रहे हैं बल्कि मौत का कारण भी बन रहे हैं. मोबाइल एक ऐसी आधुनिक तकनीक है जिस ने जिंदगी की तमाम नई राहें खोल दी हैं. मोबाइल से आप चंद मिनट में घर बैठे अपने किसी दूरस्थ दोस्त या रिश्तेदार से संपर्क साध सकते हैं. यह सर्वसुलभ व आसान रखरखाव के कारण हरेक के पास मौजूद है और इंसान इस के जरिए एकदूसरे से कनैक्टिड रहता है.

किशोरों में तो मोबाइल का जादू सिर चढ़ कर बोल रहा है. सुबह से शाम तक किशोरों या युवाओं को मोबाइल  से चिपका देखा जा सकता है. आज मोबाइल न सिर्फ बात करने का जरिया है बल्कि यह मनोरंजन का अकूत खजाना भी है. जब से मोबाइल स्मार्ट हुआ और इंटरनैट से जुड़ा है, तब से इस की अहमियत और बढ़ गई है. युवाओं की उंगलियां तो हर समय मोबाइल स्क्रीन पर फिसलती रहती हैं. यह सच है कि मोबाइल आज हर किसी की जरूरत है, लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि आप अपना जरूरी काम छोड़ कर हर पल मोबाइल से ही चिपके रहें. जब से व्हाट्सऐप, फेसबुक, गेम्स और संगीत मोबाइल पर उपलब्ध हुए हैं तब से इस का इस्तेमाल और अधिक बढ़ गया है, लेकिन इस के फायदे के साथसाथ नुकसान भी सामने आ रहे हैं. अत: जरूरत है इस के सही इस्तेमाल की.

किशोरियों से धोखाधड़ी

मोबाइल पर किशोर एकदूसरे से घंटों चैटिंग करते हैं. वे फर्जी अकाउंट बना कर एकदूसरे को इंप्रैस करने के लिए गलत जानकारी्र देते हैं. अकसर भोलीभाली किशोरियां मोबाइल पर लड़के का खूबसूरत फोटो देख कर आकर्षित हो जाती हैं और प्यार के सपने बुनने लगती हैं. चैटिंग का यह सिलसिला जब काफी बढ़ जाता है और एकदूसरे पर विश्वास करने का समय आ जाता है तो वे किसी स्थान पर मिलते हैं और साथ मरनेजीने की कसमें खाते हैं. ऐसे में युवती विश्वास कर अपना सबकुछ निछावर कर देती है, लेकिन कई बार युवक वीडियो बना लेते हैं और जब देखते हैं कि लड़की उन के चंगुल से निकलना चाहती है तो वे उसे धमकी देते हैं व इसी वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं.

दिल्ली निवासी सुनीता का भी मोबाइल चैटिंग के दौरान एक लड़के से अफेयर हो गया. दोनों अकसर मैट्रो स्टेशन पर मिलते और घंटों साथ गुजारते. सुनीता को अपने बौयफ्रैंड रमेश पर पूरा यकीन था कि वह दूसरे लड़कों की तरह नहीं है. अब सुनीता रमेश से और भी ज्यादा खुल गई थी. एक दिन रमेश उसे एक होटल में ले गया व उस से कहा कि वह उस की इच्छा पूरी कर दे, वैसे भी अब तो हमारी शादी होनी ही है. सुनीता को रमेश पर पूरा भरोसा था इसलिए उस ने रमेश की इच्छा पूरी कर दी. इस घटना के बाद जब सुनीता ने रमेश से बात करनी चाही तो उस का फोन स्विचऔफ मिला. मन ही मन सुनीता बहुत लज्जित थी. वह यह बात अपने पेरैंट्स को भी नहीं बता सकती थी. आखिरकार वह डिप्रैशन का शिकार हो गई.

सुनीता जैसी कई लड़कियां मोबाइल पर चैटिंग के दौरान बौयफ्रैंड तो बना लेती हैं पर उन्हें धोखा ही मिलता है. इसलिए जरूरी है कि युवतियां मोबाइल का इस्तेमाल तो करें, लेकिन चैटिंग करते समय पूरी सावधानी बरतें.

बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं

जब से मोबाइल का चलन बढ़ा है तब से दुर्घटनाएं भी अधिक हो रही हैं. आज बाइक सवार, साइकिल सवार, स्कूटर सवार, कार चालक व रिकशा चालक भी मोबाइल कान पर लगाए दिखते हैं. अकसर वे कानों में लीड लगा कर बेफ्रिक हो कर सड़क या रेलवे लाइन पार कर जाते हैं जिस का खमियाजा उन्हें अपनी जान दे कर भुगतना पड़ता है. वे इतनी तेज आवाज में म्यूजिक सुनते हैं कि उन्हें अपने आसपास का बिलकुल भी भान नहीं रहता और न किसी गाड़ी आदि का हौर्न सुनाई देता है.वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से ध्यान बंटता है और दुर्घटना की पूरी आशंका रहती है. हालांकि सरकार ने वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना या फिर लीड लगा कर गाने सुनना गैरकानूनी घोषित किया है, लेकिन फि र भी लोग बेधड़क सड़कों पर मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं.

रोहिणी, दिल्ली में रहने वाली कंचन के पति को कंपनी की तरफ से गाड़ी मिली थी. एक दिन कंचन गाड़ी ले कर शौपिंग के लिए निकली. रास्ते में उस की सहेली का फोन आ गया और वह उस से बातें करने लगी. तभी रैडलाइट हो गईर् और मोबाइल पर बात करते हुए उस ने रैडलाइट जंप कर दी, जिस कारण दूसरी तरफ से आ रही गाड़ी से उस की टक्कर हो गई. हालांकि किसी को चोट नहीं आई और एक बड़ा हादसा होतेहोते टल गया.

मोबाइल से सैल्फी जानलेवा हो सकती है

जब से स्मार्टफोन आए हैं सैल्फी लेने का क्रेज किशोरों के सिर चढ़ कर बोल रहा है. कभीकभी सैल्फी लेना काफी खतरनाक हो जाता है. अकसर अखबारों में सैल्फी लेते समय होने वाले हादसों की खबरें छपती रहती हैं. मैट्रो स्टेशनों व मौल में किशोरकिशोरियां सैल्फी लेते हुए दिख जाएंगे. वे सैल्फी नैट पर अपलोड करते हैं, लेकिन कई बार यह जानलेवा भी बन सकती है. अत: सैल्फी लेते समय पूरी सावधानी बरतें, कहीं आप भी सैल्फी के चक्कर में जान न गंवा बैठें.

मोबाइल से बढ़ती दूरियां

मोबाइल फोन की वजह से रिश्तों में दूरियां बढ़ती जा रही हैं. पहले लोग एकदूसरे के घर जाते थे, बातचीत करते थे और एक पारिवारिक रिश्ता कायम होता था, पर मोबाइल की वजह से अब रिश्तों में दरार आने लगी है. लोग दिनभर मोबाइल पर ही व्यस्त रहते हैं. आजकल किसी के पास किसी के लिए वक्त नहीं है. यह सच है कि मोबाइल एक उपयोगी वस्तु है मगर जो इसे अपने ऐंटरटेनमैंट का साधन समझते हैं, वे लोग सिर्फ धोखे में जीते हैं और एक दिन ऐसा भी आता है कि वे जिंदगी में अकेले ही रह जाते हैं और फिर अकेलेपन के कारण डिप्रैशन में डूब जाते हैं.ऐसा भी देखने में आया है कि इंसान मोबाइल की लत के चलते अपने जीवनसाथी तक को भी भूल जाता है जबकि फिर यहीं से शुरू होती है झगड़े की शुरुआत. गाजियाबाद में रहने वाले अमर श्रीवास्तव पूरे दिन औफिस में रहते हैं जबकि इन की पत्नी  सौम्या घर पर अकेली रहती हैं लेकिन जब वे देर रात घर आते हैं तो उन्हें अपनी पत्नी के लिए वक्त नहीं मिलता और जितनी देर भी घर पर रहते हैं बस, मोबाइल पर गेम खेलते हैं या फिर व्हाट्सऐप चलाते हैं. इसी अकेलेपन से घुट कर उन की पत्नी बीमार रहने लगी है.

मोबाइल फोन जितना जरूरी है उस के परिणाम कहीं ज्यादा हानिकारक भी हैं इसलिए मोबाइल का इस्तेमाल सोचसमझ करें.

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