उड़ी पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जब भारतीय फिल्म उद्योग ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाया, तो बदले की कारवाही करते हुए ‘पाकिस्तानी सिनेमा ओनर एंड एक्जबीटर एसोसिएशन’ ने पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों के प्रदर्षन पर रोक लगा दी थी.

करण जोहर ने बहुत कोशिश की थी कि उनकी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ पाकिस्तान में प्रदर्शित हो जाए, जिसमें पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान ने भी अभिनय किया है, मगर उन्हें सफलता नहीं मिल पायी थी. ‘पाकिस्तानी सिनेमा ओनर एंड एक्जबीटर एसोसिएशन’ की संस्था के कुछ लोग अड़ियल रूख अख्तियार कर बैठे रहे. जबकि इससे पाकिस्तान को हर दिन करोड़ों रूपए का नुकसान हो रहा था.

भारतीय फिल्मों पर बंदिश लगाने के कारण पाकिस्तान के सभी मल्टीप्लैक्स सिनेमाघर खली पड़े रहे. सूत्रों की मानें तो पिछले तीन माह से भी अधिक समय से पाकिस्तान के सभी मल्टीप्लैक्स खाली पड़े हुए हैं. इन सिनेमाघरों में दर्शक ही नहीं पहुंचे क्योंकि पाकिस्तान में हर वर्ष दो या तीन फिल्में ही बनती हैं. ऐसे में किस फिल्म को देखने दर्शक सिनेमाघर जाता?

काफी नुकसान कराने के बाद अब ‘पाकिस्तानी सिनेमा ओनर एंड एक्जबीटर एसोसिएशन’ ने पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन पर 19 दिसंबर से रोक हटाने का निर्णय किया है, जिसका फायदा आमीर खान की फिल्म ‘दंगल’ को मिल सकता है. ‘पाकिस्तानी सिनेमा ओनर एंड एक्जबीटर एसोसिएशन’ के चेअरमैन जोराश लाशरी ने बाकायदा पत्रकारों को बताया कि ‘‘सभी पक्षों से विस्तृत चर्चा करने के बाद इस निर्णय पर पहुंचा गया कि 19 दिसंबर से पाकिस्तानी सिनेमाघरों में भारतीय फिल्में पहले की ही तरह प्रदर्शित हो सकती हैं.’’

लाशारी ने आगे कहा, ‘‘भारतीय फिल्मों पर अस्थायी रोक लगाने के बाद फिल्मों से जुड़े सभी पक्षें को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पाकिस्तान में मल्टीप्लैक्स को आधुनिक सुविधाओं से युक्त करने में काफी रकम खर्च की गयी. और इनका व्यापार नई प्रदर्शित होने वाली भारतीय फिल्मों पर ही निर्भर है. दूसरी बात सिनेमाघर मालिकों व एक्जबीटरों ने खुद ही भारतीय फिल्में प्रदर्शित न करने का निर्णय लिया था. भारतीय फिल्मों के पाकिस्तान में प्रदर्शन बैन नहीं था.

सूत्रो की मानें तो पाकिस्तानी सिनेमाघर मालिकों को लग रहा है कि आमीर खान की फिल्म ‘दंगल’ का हर पाकिस्तानी बेसब्री से इंतजार कर रहा है, इसलिए यही सही समय है कि गलती को सुधारते हुए पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों के प्रदर्शन की राह आसान की जाए.

यूं तो पिछले दो माह से कई पाकिस्तानी अखबार लिखते आ रहे हैं कि भारतीय फिल्मों के पाकिस्तान में प्रदर्शन पर बैन के निर्णय से सिनेमाघर मालिकों की हालत काफी खस्ता हो रही है. भारतीय फिल्मों पर बैन से पाकिस्तानी सिनेमा को ही नुकसान पहुंचाया जा रहा है. पर अब जाकर ‘पाकिस्तानी सिनेमा ओनर एंड एक्जबीटर एसोसिएशन’ को अपनी गलती समझ में आयी है.

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