न्यू टैक्नोलौजी और न्यू गैजेट्स का इस्तेमाल करना किशोरों का शौक ही नहीं जरूरत भी है, लेकिन इस का इस्तेमाल अगर वे कुछ ऐसे करें जिस से उन के मातापिता को भी फायदा हो और वे अपने रिश्तेदारों से भी जुड़ सकें तो कैसा रहेगा? जी हां, बच्चों को बड़ा करने और उन की जिम्मेदारियों में मातापिता कुछ ऐसे व्यस्त हो जाते हैं कि अपने रिश्तेदारों से मिलने व उन से बतियाने का उन्हें समय ही नहीं मिल पाता और धीरेधीरे सब रिश्तेदार एकदूसरे से दूर होते जाते हैं. बस, कभीकभार शादीब्याह में ही एकदूसरे से मिलना हो पाता है, जिस का मलाल उन्हें हमेशा रहता है. कुछ के पेरैंट्स तो स्मार्टफोन और नई टैक्नोलौजी को यूज करते हैं लेकिन बहुत से किशोरों के पेरैंट्स ऐसे होंगे जो इन चीजों से दूर हैं, तो क्यों न उन के लिए रिश्तेदारों से जुड़ने का जरिया आप बन जाएं? फेसबुक और व्हाट्सऐप के जरिए आप उन्हें एकदूसरे के करीब ला सकते हैं. जानिए कैसे :

व्हाट्सऐप पर फैमिली ग्रुप बनाएं

वैसे तो आप के व्हाट्सऐप पर दोस्तों के कई ग्रुप होंगे, लेकिन अब दोस्तों से हट कर कुछ और ग्रुप भी बनाएं जो रिश्तेदारों के हों. जैसे कि अपने पापा की तरफ और मम्मी की तरफ के रिश्तेदारों के 2 ग्रुप बनाएं और उन को एक अच्छा सा नाम दें. मम्मी की तरफ के ग्रुप को ननिहाल ग्रुप और पापा की तरफ के ग्रुप को अगर वह बड़ा है तो सुपर बिग फैमिली व स्वीट फैमिली जैसे नाम भी दे सकते हैं. आप के द्वारा दिया गया यह नाम ही रिश्तेदारों को इस ग्रुप से जुड़ने के लिए मजबूर करेगा.

ग्रुप में सब को ऐड करें

ग्रुप एडमिन होने के नाते आप को ही यह तय करना है कि ग्रुप में किनकिन लोगों को ऐड करना है, लेकिन ऐसा करते वक्त इस बात का भी ध्यान रखिएगा कि यह आप की पर्सनल पसंद और नापसंद पर निर्भर न करे कि आप किसे ग्रुप में ऐड कर रहे हैं. जिन लोगों को आप पसंद नहीं करते उन्हें भी ग्रुप में ऐड करना होगा. इस के लिए पहले एक लिस्ट बनाएं और उन के फोन नंबर्स के साथ उन्हें ग्रुप में ऐड करें. इस से सभी रिश्तेदार एकसाथ एक ही ग्रुप में माला में पिरोए दानों की तरह जुड़ जाएंगे.

बर्थडे विश करने का प्रचलन शुरू करें

वैसे तो आजकल एकदूसरे का बर्थडे याद रखना मुश्किल काम है, लेकिन अगर ग्रुप में कोई एक मैंबर बर्थडे विश करने का मैसेज डाल दे तो बाकी सारे गु्रप मैंबर्स भी बर्थडे विश करने लगते हैं. इस से जिस का जन्मदिन है उसे अच्छा लगता है कि चलो आज सभी ने उसे विश कर के उस के दिन को स्पैशल बनाया. साथ ही सभी रिश्तेदार प्रत्यक्ष रूप में न सही परोक्ष रूप में एकदूसरे के बर्थडे में शामिल हो जाते हैं. उन में से कुछ तो ऐसे जरूर होंगे जो सोचेंगे कि चलो, आज बर्थडे के बहाने फोन भी कर लेते हैं और इसी के साथ एकदूसरे से बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाता है.

फोटो शेयर करें

कोई त्योहार हो, बर्थडे या फिर कहीं घूमने जाने के फोटो हों, सभी लोग अपने और अपने परिवार के फोटो फेसबुक और व्हाट्सऐप पर भेजते रहें. इस से पास न हो कर भी एकदूसरे को देख कर पास होने का एहसास होता है. टीनएजर तो अपने दोस्तों के लाइक्स पर ही खुश हो जाते हैं, लेकिन मम्मीपापा के लिए यह बहुत बड़ी बात है कि उन के फोटो को उन के अपने सगे भाईबहन दूर होते हुए भी देख रहे हैं. सभी उन पर लाइक्स और कमैंट्स देते हैं तो भी अच्छा लगता है कि चलो हमारे फोटो को देखने वाला, उन्हें सराहने वाला कोई तो है. इस चक्कर में हम अगली बार कहीं जाते हैं तो और भी ज्यादा फोटो लेते हैं, क्योंकि उन पर लाइक्स जो बटोरने होते हैं.

फेसबुक पर अकाउंट बनाएं

आप तो फेसबुक पर घंटों बतियाते ही हैं तो क्यों न इस वीकऐंड पर आप कुछ ऐसा करें, जिस से आप के साथ आप के पेरैंट्स भी फेसबुक पर घंटों बतिया सकें. ऐसा करने पर उन्हें आप का फेसबुक पर लगे रहना भी बुरा नहीं लगेगा और वे थोड़ा बिजी भी हो जाएंगे. इसलिए अपने पेरैंट्स का फेसबुक पर अकाउंट बनाएं.

फेसबुक फ्रैंडली बनाएं

जनाब सिर्फ अकाउंट बनाने से कुछ नहीं होगा बल्कि उन्हें उसे यूज करना भी सिखाएं. फेसबुक के फायदेनुकसान, उस की सिक्योरिटी आदि सबकुछ ढंग से समझा दें, ताकि वे भी बिंदास फेसबुक यूज कर सकें. साथ ही अपने सभी रिश्तेदारों को फ्रैंड रिक्वैस्ट भेजें और अपने मम्मीपापा के अकाउंट में उन्हें ऐड करें ताकि उन का अपना एक ग्रुप बन जाए और इसी बहाने वे सभी रिश्तेदारों के टच में रहें. यह एकदूसरे से जुड़े रहने का बेहतरीन टूल है, खासकर दूसरे देशों में रहने वाले रिश्तेदारों से बातचीत करने के लिए. सिर्फ यही नहीं बल्कि आप अपनी मम्मी के पुराने स्कूलकालेज के दोस्तों को भी फेसबुक के जरिए ढूंढ़ने में मदद करें. इस से वे बहुत खुश होंगे.

चैटिंग करना भी अच्छा औप्शन

हर समय किसी को फोन नहीं किया जा सकता, लेकिन चैटिंग के जरिए दिन में कई बार एकदूसरे का हाल पूछ सकते हैं और एकदूसरे से लगातार संपर्क में बने रह सकते हैं. अगर मां को अंगरेजी में कुछ समस्या है तो उन्हें हिंदी में टाइप करने में मदद करें ताकि वे बेझिझक अपने मन की बात अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से कर सकें.

कुछ बातों का ध्यान भी रखें

यहां इस ग्रुप में बहुत सारी महिलाएं भी होंगी और कई बार छोटीछोटी बातें बहस का रूप भी ले सकती हैं. ऐसे में यह आप पर निर्भर करता है कि आप इस स्थिति को कैसे संभालते हैं. आप ग्रुप एडमिन हैं तो ग्र्रुप को संभालने की जिम्मेदारी आप के ही कंधों पर है. ग्रुप में किसी विषय पर कोई चर्चा चल रही हो तो गुट न बनने दें, इस से रिश्तों पर असर पड़ेगा, क्योंकि यहां कोई गैर नहीं, सब अपने ही हैं.अपने रिश्तेदारोंकी छिपी प्रतिभा को भी ग्रुप में गेम्स के जरिए बाहर लाएं. इस से सभी लोगों में आत्मीयता बढ़ेगी. वे एकदूसरे के हुनर को जानेंगे, पहचानेंगे और उस की कद्र भी करेंगे. इस से सभी को एकदूसरे के करीब आने में मदद मिलेगी.  कभीकभी ग्रुप में सभी रिश्तेदारों को कहें कि वे खुद अपना लिखा हुआ भेजें. फिर चाहे वह शेरोशायरी हो या फिर कोई कविता, कोई पहेली या फिर आप की कोई रैसिपी हो. इस से सभी रिश्तेदार एकदूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता पाएंगे. फिर चाहे वह वक्त फोन पर ही क्यों न बीते. इस में फायदा सिर्फ मातापिता का ही नहीं है बल्कि इस के जरिए आप भी अपने सभी कजिंस को जान सकेंगे, जिन से पहले आप सिर्फ कभीकभार फंक्शन वगैरा में ही मिलते थे और बातचीत करने में उतना फ्रैंक नहीं हो पाते थे, लेकिन अब तो रोज ही अपने रिश्तेदारों के टच में रहेंगे. फंक्शन में जाने और मस्ती करने का ऐक्साइटमैंट ही अलग होगा.

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